IAS Pooja Singhal को रिम्स से अगले सप्ताह किया जाएगा डिस्चार्ज, सीने में दर्द की वजह से हुई थी भर्ती
IAS Pooja Singhal आइएएस पूजा सिंघल को रिम्स में अगले सप्ताह तक डिस्चार्ज किया जाएगा। सिंघल को सभी विभागों के डाक्टरों ने जांच के बाद उनको किसी तरह की समस्या नहीं होने की पुष्टि कर दी है। इसके बाद अब मेडिकल बोर्ड बैठक कर उसे नियमानुसार डिस्चार्ज करेंगी।
रांची, जासं। IAS Pooja Singhal रिम्स में भर्ती आइएएस पूजा सिंघल को अगले सप्ताह तक अस्पताल से डिस्चार्ज करने पर डाक्टर निर्णय लेंगे। पूजा सिंघल को सभी विभागों के डाक्टरों ने जांच के बाद पूजा सिंघल को किसी तरह की समस्या नहीं होने की पुष्टि कर दी है। इसके बाद अब दो-तीन दिन में मेडिकल बोर्ड बैठक कर उसे नियमानुसार डिस्चार्ज करेंगी।
रिम्स के जन संपर्क पदाधिकारी डा राजीव रंजन ने बताया कि पूजा सिंघल को कई विभागों के डाक्टरों ने देखा, उनकी जांच की गई और अंत में सभी जांच रिपोर्ट सही पायी गई। रिपोर्ट ऐसी है जिसके बाद भर्ती होने की जरूरत नहीं है।
सीने में दर्द की शिकायत के बाद लाया गया रिम्स
मालूम हो कि पूजा सिंघल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने मनी लांड्रिंग और मनरेगा घोटाला मामले में 11 मई को गिरफ्तार किया था। उसी समय से वह जेल में बंद थी, 27 सितंबर को उन्हें सीने में दर्द की शिकायत के बाद होटवार जेल से रिम्स लाया गया।
पूजा सिंघल को पहले कार्डियाजी में भर्ती किया गया
पूजा सिंघल को रिम्स लाने के बाद उसे पहले कार्डियोलाजी विभाग में भर्ती कराया गया। जहां पर उनका इलाज कर रहे डाक्टरों ने कई तरह की जांच की और पाया कि सभी जांच सही है। डाक्टरों ने बताया कि जांच में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं पायी गई, जिसके बाद उन्हें माइग्रेन की शिकायत की और फिर न्यूरोलाजी विभाग के डाक्टरों के इलाज में न्यूरोलाजी विभाग में भर्ती हुई। जहां से पूजा सिंघल को बेहतर सुविधा के लिए पेईंग वार्ड में रखा गया, इस बीच उसकी न्यूरोलाजी से संबंधित कई जांच की गई और सभी जांच रिपोर्ट डाक्टरो को सही मिली।
जांच रिपोर्ट के अनुसार, नहीं है कोई समस्या
डा राजीव रंजन ने बताया कि जांच रिपोर्ट में किसी तरह की कोई समस्या दिखी ही नहीं। इस बीच आर्थो विभाग की ओर से पैर की भी जांच चल रही थी, जिस पर भी डाक्टरों ने सब ठीक हाेने की मुहर लगा दी है।
डाक्टरों ने पूजा सिंघल के लिए मनोचिकित्सक से भी दिखाया
पूजा सिंघल की सघन जांच के लिए मनोचिकित्सक को भी दिखाया गया है। जहां डाक्टरों ने उनकी जांच की है। अगली होने वाली बैठक में इसकी रिपोर्ट रखी जाएगी, उसके बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा। बोर्ड की बैठक में अधीक्षक की भूमिका अहम होगी, रिपोर्ट के आधार पर ही डाक्टर अपना निर्णय लेंगे।