बड़ा खुलासा : झारखंड में भारत के इन छह राज्यों से इस समय पहुंच रहा नक्सलियों के पास अवैध हथियार
झारखंड में नक्सलियों के पास फैक्ट्री मेड से कहीं कम नहीं अवैध हथियार। देश के छह राज्यों से जुड़े हैं झारखंडी नक्सलियों के तार। उन्हें इन राज्यों से हथियार की आपूर्ति की जाती है। इनके नेटवर्क काफी मजबूत हैं।
By M EkhlaqueEdited By: Updated: Sun, 09 Jan 2022 09:47 AM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में नक्सलियों तक पहुंचने वाले अवैध हथियार फैक्ट्री मेड से कहीं कम नहीं हैं। यहां के नक्सलियों तक देश के आधा दर्जन से अधिक राज्यों के तार जुड़े हैं, जहां से इन्हें हथियार मिल रहे हैं। इन हथियारों में उम्दा पिस्टल, रिवाल्वर, एके-47 सहित विदेशी हथियार शामिल हैं। पूर्व में हुई बरामदगी व पुलिस तथा एनआइए के अनुसंधान में इसके खुलासे हो चुके हैं।
इन छह राज्यों से पहुंच रहा अवैध हथियार
झारखंड के नक्सलियों-उग्रवादियों, अपराधियों तक महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, असम, मणिपुर, पश्चिमी बंगाल व बिहार से हथियारों की सप्लाई हो रही है। इसका खुलासा भी होता रहा है। रांची में एक दिन पूर्व पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) के उग्रवादियों के पास से हथियारों के साथ-साथ बीएमडल्यू व थार जैसी महंगी गाड़ियों की बरामदगी हुई है। इसमें भी बिहार से हथियार तस्करी के तार जुड़ने की जानकारी मिली है। नक्सलियों-अपराधियों तक हथियार सप्लाई के इस चेन में झारखंड में काम करने वाले ठेकेदार भी शामिल हैं। इन्हीं ठेकेदारों के माध्यम से नक्सली हथियार सप्लायरों से हथियारों को खरीदते रहे हैं।
हथियार सप्लाई में नक्सलियों का पुलिस कनेक्शन भी आ चुका है सामनेदो माह पहले झारखंड के नक्सलियों-अपराधियों तक हथियारों की सप्लाई में नक्सलियों का पुलिस कनेक्शन भी सामने आ चुका है। यही वजह है कि पूरे मामले का अनुसंधान अब एनआइए कर रही है। अब तक की छानबीन में सीआरपीएफ का भगोड़ा जवान बिहार के गया जिले के इमामगंज थाना क्षेत्र के रानीगंज का निवासी अविनाश कुमार उर्फ चुन्नू शर्मा, बीएसएफ का सेवानिवृत्त जवान अरुण कुमार सिंह व एक अन्य जवलदार कार्तिक बेहरा की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। इनपर सीआरपीएफ व बीएसएफ के कारतूस को नक्सलियों तक सप्लाई करने का आरोप लगा है। ये झारखंड में काम करने वाले कुछ ठेकेदारों की मदद से नक्सलियों तक हथियार-कारतूस सप्लाई करते थे। उसी हथियार-कारतूस का इस्तेमाल नक्सली-अपराधी पुलिस पर करते थे।
पटना में हथियार बनाते पकड़े गए थे पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप के सहयोगीपटना पुलिस ने करीब चार साल पहले बाईपास इलाके के धवलपुरा से गन फैक्ट्री को पकड़ा था। तब जानकारी मिली थी कि उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ का सुप्रीमो दिनेश गोप के लिए उसके सहयोगी के रिश्तेदार 100 पिस्तौल का निर्माण कर रहे हैं। पटना पुलिस ने पीएलएफआइ संगठन के बिहार के शीर्ष नेता अवधेश कुमार उर्फ चुहवा (चिकसौरा बाजार, नालंदा), सिद्धी कुमार (जहानपुर, धनरूआ), संतोष कुमार (स्टेशन रोड, मसौढ़ी) व सूरज कुमार (बाहरी धवलपुरा, बाइपास) पकड़ा था। अवधेश कुमार को पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप के सहयोगी का रिश्तेदार बताया गया था।
जबलपुर फैक्ट्री से भी 70 रिजेक्टेड एके-47 नक्सलियों तक पहुंचेजबलपुर सेंट्रल आर्डिनेंस डिपो से चोरी गए 70 एके-47 राइफल्स के मामले का अनुसंधान कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पूर्व में अपनी चार्जशीट में इसका खुलासा किया था कि जबलपुर फैक्ट्री से 70 रिजेक्टेड एके-47 के पार्ट्स चोरी हुए थे। उसे असेंबल कर बिहार-झारखंड के नक्सलियों को सप्लाई किया गया था। एनआइए ने दाखिल चार्जशीट में इस बात का भी जिक्र किया था कि सभी एके-47 पहले मुंगेर पहुंचे, जहां असेंबल होने के बाद बिहार-झारखंड के नक्सलियों तक पहुंचाया गया। जबलपुर सेंट्रल आर्डिनेंस फैक्ट्री का स्टोर कीपर सुरेश ठाकुर रिजेक्टेड एके-47 राइफल वर्ष 2002 से 2018 के बीच पार्ट्स डिपो के पूर्व आरमोरर पुरुषोत्तम लाल रजक को देता था, जो इसकी सप्लाई करता था।
हथियारों के साथ सरायकेला में पकड़ा गया था मध्य प्रदेश का सप्लायरसरायकेला पुलिस ने दिसंबर 2020 में अवैध हथियारों के साथ मध्य प्रदेश के कटनी के निवासी जैकी पार्धी को गिरफ्तार किया था। उसपर झारखंड के नक्सलियों तक हथियार सप्लाई करने के आरोपों की पुष्टि हो चुकी है। पश्चिमी सिंहभूम के लांजी में डायरेक्शनल बम से हमला के मामले की जांच कर रही एनआइए ने जैकी पार्धी को रिमांड पर भी लिया और मध्य प्रदेश में उसकी निशानदेही पर छापेमारी भी की।
नक्सलियों-अपराधियों विदेशी हथियार सप्लाई का भी हुआ है खुलासाझारखंड के अपराधियों-नक्सलियों तक विदेशी हथियार की सप्लाई का भी खुलासा होता रहा है। पूर्व में पश्चिमी सिंहभूम के घोर नक्सल प्रभावित गुदड़ी में मुठभेड़ के बाद पीएलएफआइ के कैंप से पुलिस ने चीन निर्मित एके-47 राइफल बरामद की थी। नक्सलियों के पास से इससे पूर्व अमेरिकन राइफल, अमेरिकी ग्रेनेड लांचर, पाकिस्तानी कारतूस, इंग्लैंड निर्मित स्प्रिंग रायफल आदि बरामद हो चुके हैं। झारखंड के नक्सलियों तक विदेशी हथियारों की सप्लाई रूट का राज्य की खुफिया एजेंसी से लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) तक खुलासा कर चुकी है। यह भी खुलासा हो चुका है कि म्यांमार से मणिपुर के रास्ते अवैध हथियार झारखंड के नक्सलियों-उग्रवादियों तक पहुंचता रहा है। म्यांमार आर्मी के इस्तेमाल में आने वाला हथियार भी नक्सलियों के पास से बरामद हो चुका है।
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