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वोट देबे चल... चुनावी गीतों पर खूब थिरक रहे युवा वोटर, रील बनाकर सोशल मीडिया पर कर रहे शेयर; रैपर भी मैदान में उतरे

चुनावी की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे लोगों में उत्‍साह भरता जा रहा है। राजनीतिक पार्टियों ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं। इस क्रम में चुनावी गीत लोगों में खासकर युवाओं में जोश भरने का काम कर रहे हैं। ढाई करोड़ मतदाताओं में 21 लाख से अधिक युवा मतदाता हैं जिनमें 8 लाख 8 हजार 371 नए मतदाता हैं।

By Jagran News Edited By: Arijita Sen Updated: Fri, 05 Apr 2024 10:44 AM (IST)
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चुनावी गीतों संग थिरक रहे युवा वोटर- जागरण।
शिवेंद्र नाथ तिवारी, रांची। इस बार लोकसभा चुनाव में युवाओं की भूमिका निर्णायक साबित हो सकती है। देश के 97 करोड़ मतदाताओं में जहां 66 प्रतिशत युवा मतदाता हैं। वहीं झारखंड में भी यह संख्या अच्छी-खासी है। यहां ढाई करोड़ मतदाताओं में 21 लाख से अधिक युवा मतदाता हैं, जिनमें 8 लाख 8 हजार 371 नए मतदाता हैं। ये वोटर पहली बार वोट डालेंगे। यह संख्या पिछले चुनाव की तुलना में लगभग छह लाख ज्यादा है।

युवा मतदाताओं को किया जा रहा जागरूक

राजनीतिक दलों को भी युवाओं की ताकत का अंदाजा है। इसलिए सभी दलों ने इन्हें लुभाने के लिए रणनीति तैयार की है। इंटरनेट मीडिया के माध्यम से भी इनसे संपर्क साधा जा रहा है। वहीं इंटरनेट मीडिया में प्रभाव रखने वाले इंफ्लूएंशर्स की बड़ी टीम भी इन्हें अलग-अलग राजनीतिक दलों से जोड़ने के लिए मैदान में उतर चुकी है। उधर युवा टीम भी मतदान को लेकर जोश में है।

उनमें मतदान को लेकर खासा उत्साह है। हो भी क्यों न। उनके हाथ वो ताकत है जो देश की तकदीर बदल सकती है। चुनाव आयोग भी युवा मतदाताओं को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम चल रहा है। हाल में झारखंड में आयोग ने आई भाई मस्कट लांच किया है। इसके नाम से लेकर इसका पूरा स्वरूप इंटरनेट मीडिया में गोते लगाने वाली युवा टीम को ध्यान में रखकर तय किया गया है।

रैपर साहब

रैपर भी मैदान में उतरे

उधर, जमशेदपुर के साहब नामकर युवा गायक ने मतदान को लेकर एक रैप सॉन्‍ग लान्च किया है। उन्होंने अपने गीत में युव मतदाताओं को बताया है कि वोट की कीमत क्या है। उन्होंने नेताओं के वादों पर भी युवाओं का ध्यान खींचा है।

सहाब मुजाक जमशेदपुर के युवा रैपर हैं। पूरे राज्य में ही इनका अपना एक श्रोता वर्ग है। 2015 से रैप म्यूजिक में अपना योगदान दे रहे हैं। खुद ही लोकल वाइब स्टूडियो की शुरूआत की है। उन्होंने कई गीत गाए हैं। वह सामाजिक मुद्दों से जुड़े रैप भी प्रस्तुत करते रहे हैं।

सहाब ने टर्न अप रैप गीत से इस बार नए वोटरों की तरफ से कई सवाल खड़े किए हैं। उनके रैप को इंटरनेट मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है।

सहाब ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने इंटरनेट मीडिया इंफ्लूएंसर्स के साथ एक बैठक की थी, जिसमें मतदाताओं को जागरूक करने के लिए अपनी रचनात्मकता का इस्तेमाल करने के लिए सभी को प्रेरित किया गया था।

इस रैप से मैंने किसी दल या नेता पर सवाल नहीं उठाए बल्कि बताया है कि ये वैसे सवाल हैं जो हर चुनाव में उठते हैं। इन समस्याओं का समाधान करना है तो युवाओं को मतदान करना होगा क्योंकि एक-एक वोट किमती है।

सहाब ने कहा कि हमें युवा सुनते हैं। ऐेसे में हमारा उद्देश्य है कि हम अपने गीतों से या अपने रैप से सबको सही चीजों से अवगत करा सकें। रैप का असर ये हो कि सिर्फ जेन-जी नहीं बल्कि हर एक मतदाता बूथ पर पहुंचे।

युवाओं को खूब भा रहा अठरह साल होए गेलक रे

मशहूर नागपुरी गीत “अठरह साल होए गेलक रे... शादी कराए दे’ की तर्ज पर “अठरह साल होए गेलक रे... वोट देबे चल’ गीत लाॅन्च किया है। इस गीत को राज्य के संयुक्त मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुबोध कुमार ने लिखा है। वीडियो की संकल्पना भी उनकी ही है।

युवा मन को छूनेवाले इस गीत का अंदाज बिल्कुल झारखंडी है। इस गीत में कलाकारों के परिधान से लेकर गांव-मोहल्ले के दृश्य के साथ मतदान की अपील हर किसी को थिरकने पर मजबूर भी कर रहा है। इस गीत को इग्नेश कुमार ने गाया है।

24 घंटे में 16 हजार लोगों ने वीडियो गीत को देखा है। कमेंट्स में लोग निर्वाचन आयोग के इस पहल की खूब सराहना कर रहे हैं। इस गीत के माध्यम से युवाओं को मतदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

युवाओं को यह गीत काफी भा रहा है। इसकी धुन पर इस गीत के साथ रील बनाकर भी युवा जमकर साझा कर रहे हैं और मतदान के पर्व को देश के गर्व से जोड़ते हुए लोकतंत्र को सशक्त बनाने में अपनी मजबूत भागीदारी का संकेत दे रहे हैं।

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