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5 सालों में देश भर के ITI संस्थानों की 6.5 लाख सीटों पर नहीं हुआ कोई नामांकन, झारखंड में आंकड़ा 22 हजार के पार

Jharkhand News देश भर के सरकारी और गैर सरकारी ITI संस्थानों में पिछले 5 सालों में 6.5 लाख सीटों पर एक भी नामांकन नहीं हुआ। झारखंड में IIT संस्थानों की कुल 22680 सीटें ऐसी रहीं जिन पर नामांकन नही हो सका। ये बात भारत सरकार के महानिदेशालय-प्रशिक्षण द्वारा एनसीवीटी पोर्टल पर अपलोड किए गए आंकड़ों के विश्लेषण में सामने आई है।

By Neeraj AmbasthaEdited By: Mohit TripathiUpdated: Mon, 10 Jul 2023 05:23 PM (IST)
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2018 से 2022 तक लगातार पांच वर्ष तक हुआ शून्य नामांकन। जागरण

नीरज अम्बष्ठ, रांची: देश भर के सरकारी और गैर सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में पिछले पांच सालों में कुल 6.5 लाख सीटों पर एक भी नामांकन नहीं हुआ। इनमें 22,680 सीटें झारखंड के संस्थानों की हैं। भारत सरकार के महानिदेशालय-प्रशिक्षण द्वारा एनसीवीटी पोर्टल पर अपलोड किए गए आंकड़ों के विश्लेषण में यह बात सामने आई है।

भारत सरकार ने ऐसे संभी संस्थानों का विस्तृत डाटा राज्य सरकारों को भेजते हुए, उन सभी सीटों की संबद्धता खत्म करने को लेकर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है।

प्रशिक्षण महानिदेशालय के निदेशक उज्जल विश्वास द्वारा 23 जून को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि 2018 से 2022 तक देश भर के आईटीआई में विभिन्न ट्रेडों में संबद्धता प्राप्त 30 हजार से अधिक यूनिटों की 6.5 लाख सीटों पर शून्य नामांकन हुआ।

भारत सरकार ने  दिया आदेश

झारखंड की बात करें तो यहां के विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में संबद्धता प्राप्त 1,092 यूनिटों की 22,680 सीटों पर इस दौरान शून्य नामांकन हुआ।

भारत सरकार ने इस स्थिति को चिंताजनक बताया है। साथ ही ऐसे सभी संस्थानों से अनापत्ति लेकर इन सभी यूनिटों व सीटों की संबद्धता खत्म करने की अनुशंसा अपने मंतव्य के साथ भेजने को कहा है।

भारत सरकार ने यह भी कहा है कि छह सप्ताह के भीतर कोई जवाब नहीं मिलने पर समझा जाएगा कि कोई आपत्ति नहीं है तथा उक्त सभी यूनिटों व सीटों की संबद्धता रद की जाएगी।

दो सालों तक शून्य नामांकन पर संबद्धता होगी खत्म

भारत सरकार के महानिदेशालय-प्रशिक्षण द्वारा 20 दिसंबर 2018 को जारी आदेश के तहत यदि किसी ट्रेड या यूनिट में लगातार दो वर्ष तक शून्य नामांकन होता है तो उसकी संबद्धता खत्म हाेनी चाहिए। इस आदेश के आलोक में संबंधित सभी संस्थानों की यूनिटाें व सीटों की संबद्धता किया जाएगा।