Indian Railways: हावड़ा-नई दिल्ली के बीच सौर ऊर्जा से दौड़ेंगी ट्रेनें, पीएम मोदी का अनूठा विजन
Indian Railways पीएम मोदी के सपनों को साकार करने की कवायद शुरू हो गई है। हावड़ा से नई दिल्ली के बीच सौर ऊर्जा से ट्रेनें चलेंगी। धनबाद रेल मंडल के प्रधानखंता से बंधुआ स्टेशन के बीच 50 किमी में कई स्पाट पर रेलवे ट्रैक के किनारे सोलर प्लांट लगेंगे।
By M EkhlaqueEdited By: Updated: Tue, 13 Sep 2022 09:19 PM (IST)
कोडरमा, जागरण संवाददाता। Indian Railways/IRCTC हावड़ा-नई दिल्ली रेलमार्ग के ग्रैंड कार्ड सेक्शन पर जल्द यात्री ट्रेनें सौर ऊर्जा से दौड़ेंगी। इसके लिए ट्रैक के किनारे पड़ी अपनी गैर उपयोगी जमीन का रेलवे इस्तेमाल करेगा। इस जमीन पर सोलर प्लांट लगेंगे। यहां सूर्य की धूप से बिजली उत्पादन होगा। धनबाद रेल मंडल के प्रधानखंता से बंधुआ स्टेशन के बीच 200 किमी के इलाके के 50 किमी में कई स्पाट पर रेलवे ट्रैक के किनारे सोलर प्लांट लगेंगे। प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी रेलवे एनर्जी मैनेजमेंट कारपोरेशन लिमिटेड कंपनी को सौंपी गई है।
100 मेगावाट सौर ऊर्जा का होगा उत्पादनरेलवे अधिकारियों के अनुसार धनबाद रेल मंडल रेलवे लाइन के किनारे सोलर प्लांट लगाकर प्रतिदिन न्यूनतम 100 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन करेगा। अभी ट्रेनों को चलाने के लिए रेलवे बिजली खरीदती है, करोड़ों भुगतान भी करती हैं। सोलर प्लांट से बिजली उत्पादन शुरू हो जाने से रेलवे के इस खर्च में कमी आएगी। इस पहल से रेलवे को करोड़ों का फायदा हर वर्ष होगा।
इस तरह रेल इंजन को मिलेगी बिजलीसोलर प्लांट से उत्पादित होने वाली बिजली सेक्शनल एंड पैरललिंग पोस्ट, सब सेक्शनल एंड पैरललिंग पोस्ट और ट्रैक्शन सब सेक्शन को भेजी जाएगी। वहां से इस बिजली को रेल इंजन तक भेजा जाएगा। जिस तरह गांव मोहल्ले में बिजली आपूर्ति के लिए ट्रांसफार्मर लगाए जाते हैं, उसी प्रकार रेल इंजन तक बिजली पहुंचाने के लिए एसएसपी की मदद ली जाती है। रेलवे की यह प्रणाली ट्रांसफार्मर की तरह काम करती है। एसपी और टीएसएस भी इसी प्रणाली के हिस्से हैं। प्रधानखंता से बंधुआ तक अलग-अलग जगहों पर रेलवे लाइन किनारे एसपी, एसएसपी और टीएसएस पहले से ही स्थापित हैं।
मोदी के विजन को मूर्त रूप दे रहा विभागभारतीय रेल ने 2023 तक ब्राडगेज को पूरी तरह विद्युतीकरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। साथ ही जीरो कार्बन एमिशन के लक्ष्य को हासिल करने की भी कोशिश है। कार्बन का उत्सर्जन कम हो और प्रकृति सुरक्षित रहे इसके मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशन में रेल मंत्रालय ने रेलवे ट्रैक के किनारे खाली जमीन पर सोलर प्लांट लगाने का निर्णय लिया है।
51000 हेक्टेयर जमीन का इस्तेमाल होगाइसके तहत देशभर में रेलवे लाइन किनारे बेकार के 51000 हेक्टेयर जमीन का इस्तेमाल सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए होगा। इन भूखंडों में 20 गीगावाट तक सौर ऊर्जा उत्पादन करने वाले सोलर प्लांट की स्थापना की जा सकेगी। हरियाणा के दीवाना और मध्य प्रदेश के बीना में सौर ऊर्जा से ट्रेन चलाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो चुके हैं। अब हावड़ा नई दिल्ली रेल मार्ग पर पहली बार सौर ऊर्जा से ट्रेन चलाने की तैयारी की जा रही है।
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