Jharkhand Weather News : मानसून की बेरुखी ने घटाया धान का 30 प्रतिशत रकबा, उत्पादन होगा प्रभावित
रांची जासं राजधानी रांची समेत अन्य जिलों में सावन के बाद भादो में हुई अच्छी वर्षा ने किसानों की बांछें खिला दी हैं। भादो मास में अब तक 339 मिमी की जगह 346 मिमी वर्षा राजधानी व आसपास के क्षेत्राें में हो चुकी है।
By Jagran News RanchiEdited By: Updated: Thu, 25 Aug 2022 01:32 PM (IST)
रांची, जासं : राजधानी रांची समेत आसपास के जिलों में सावन के बाद भादो में हुई अच्छी वर्षा ने किसानों की बांछें खिला दी हैं। सावन मास में सामान्य से कम हुई वर्षा के बाद भादो मास में अब तक 339 मिमी की जगह 346 मिमी वर्षा राजधानी व आसपास के क्षेत्राें में हो चुकी है। जिसका सीधा लाभ किसानों को तो मिल रहा है लेकिन कृषि विज्ञानियों की माने तो देर से तेज मानसून का लाभ तो मिलेगा लेकिन शुरुआती दौर में बिचड़ा को हुए नुकसान से पैदावार में 20 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार के अनुसार जिले में अब तक 60 प्रतिशत खेतों में धान के बिचड़ों का आच्छादन किया गया है। जबकि अगस्त माह के अंत तक 10 प्रतिशत और बिचड़ा आच्छादन का अनुमान लगाया जा रहा है। जिससे 30 प्रतिशत तक धान का रकबा घटने का अनुमान है। इसका सीधा असर धान के पैदावार पर पड़ेगा और तय लक्ष्य के अनुपात में 20 प्रतिशत तक पैदावार में कमी आ सकती है।
25 से 30 अगस्त तक अच्छी वर्षा के संकेत वहीं दूसरी ओर राजधानी में लगातार हो रहे मौसमी बदलाव ने आम जनजीवन को भी प्रभावित किया है। शाम ढलते ही धुंध का असर दिखने लगता है। बुधवार को भी मोरहाबादी व आसपास के क्षेत्रों में धुंध ने मौसम का मिजाज बदल दिया। बताया कि स्थानीय तपिश बढ़ने की वजह से कम दबाव का क्षेत्र बना है। साथ ही वातावरण के निचले लेयर में धूलकण की अधिकता बढ़ी है। धूलकण की अधिकता बढ़ने के पीछे पछुआ हवाओं का प्रवाह जिम्मेदार होता है। इन वजहों से छोटे-छोटे धूलकण वायुमंडल के निचली स्तर पर जाकर छा जाते हैं। भौगोलिक कारणों से रांची का मौसम हमेशा बदलते रहता है। लगातार हो रही वर्षा और बादल संघनन की वजह से धुंध का असर देखने को मिल रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र रांची के वरीय विज्ञानी अभिषेक आनंद बताते हैं कि राजधानी रांची समेत राज्य के सभी जिलों में हल्के व मध्यम दर्जे की वर्षा होने की संभावना है। अगले तीन चार दिनों तक अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री की वृद्धि होगी। मौसम विभाग ने 25 से 30 अगस्त तक अच्छी वर्षा के संकेत दिए हैं। जिसका लाभ देर से धान का बिचड़ा लगाने वाले किसानों को मिलेगा।
1 लाख 71 हजार हेक्टेयर में धान आच्छादन का है लक्ष्य कृषि विभाग की रिपोर्ट की माने तो रांची में 1 लाख 71 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान आच्छादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लेकिन अगस्त माह में हुई अच्छी वर्षा के कारण अब तक करीब एक लाख हेक्टेयर खेतों में ही धान का बिचड़ा लगाया जा सका है। जबकि शेष जगहों के लिए विभाग व किसान लगातार प्रयास कर रहे हैं। बता दें कि पूरे राज्य में वर्ष 2017 में 17.35 लाख हेक्टेयर में धान की फसल लगाई गई थी जिसके सापेक्ष में 51.31 लाख टन धान की पैदावार हुई थी। वहीं वर्ष 2018 में 15.27 लाख हेक्टेयर में 28.94 लाख टन, वर्ष 2019 में 13.57 लाख हेक्टेयर में 36.12 लाख टन, वर्ष 2020 में 17.50 लाख हेक्टेयर में 49.57 लाख टन और वर्ष 2021 में 17.63 लाख हेक्टेयर में 48 लाख टन धान की पैदावार रिकार्ड की गई है। कृषि विज्ञानियों के अनुसार अगस्त माह में लगातार हुई वर्षा का लाभ किसानी को मिलेगा। यदि भरपूर प्रयास किए जाएं तो धान की फसल लगाने का रकबा 10 प्रतिशत और बढ़ सकता है।
साइक्लोनिक सर्कुलेशन का दिख रहा असर पिछले 24 घंटे मौसम की बात करें तो वर्षा के बाद राजधानी का तापमान तीन डिग्री तक घट कर 28.1 डिग्री सेल्सियस हो गया है। जबकि न्यूनतम तापमान 21.4 डिग्री सेल्सियस है। वहीं राज्य में सबसे अधिक वर्षा 62.5 मिमी बानो सिमडेगा में रिकार्ड की गई है। जबकि सबसे अधिक तापमान 33.2 डिग्री डाल्टेनगंज का और न्यूनतम तापमान 21.4 डिग्री रांची का रिकार्ड किया गया है। मौसम विज्ञानी अभिषेक आनंद ने बताया कि बंगाल की खाड़ी से उठे साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर झारखंड समेत आसपास के राज्यों में भी देखने को मिला रहा है। इस साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर आगामी एक सप्ताह तक देखने को मिलेगा।
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