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अन्‍नपूर्णा देवी ने कह दी बड़ी बात, झारखंड में फंसा महागठबंधन का पेंच

Annapurna Devi. आसन्न लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की राह आसान नहीं दिख रही है। राजद ने कोडरमा, चतरा और पलामू संसदीय निर्वाचन क्षेत्र पर अपनी दावेदारी ठोकी है।

By Edited By: Updated: Mon, 07 Jan 2019 06:31 PM (IST)
अन्‍नपूर्णा देवी ने कह दी बड़ी बात, झारखंड में फंसा महागठबंधन का पेंच
रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। आसन्न लोकसभा चुनाव में राजद कोडरमा, चतरा और पलामू संसदीय निर्वाचन क्षेत्र पर अपनी दावेदारी करेगा। संबंधित क्षेत्र में राजद का न सिर्फ बेहतर जनाधार है, बल्कि कई मौकों पर वह इन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कर चुका है। राज्य की मंत्री रह चुकी प्रदेश राजद अध्यक्ष सह राजद की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी ने झारखंड की राजनीति से लेकर राज्य के अन्य ज्वलंत मुद्दों पर दैनिक जागरण से खुलकर बातें की। प्रस्तुत है सीनियर कॉरेस्पोंडेंट विनोद श्रीवास्तव से हुई बातचीत के प्रमुख अंश।

 

सवाल : झारखंड सरकार ने अपने कार्यकाल के चार वर्ष पूरे कर लिए हैं। सरकार का दावा है कि इस अवधि में उसने विकास की लंबी श्रृंखला खड़ी कर दी है। इस कार्यकाल को आप किस नजरिए से देखती हैं?

जवाब : सब कागजी है। सरकार ने दिसंबर 2018 तक जीरो कट बिजली देने का वादा किया था, मुख्यमंत्री बताएं राजधानी तक को 10-10 घंटे भी बिजली क्यों नहीं मिल रही। किसानों को सिर्फ इजरायल घुमा देने से उनकी स्थिति सुधरने वाली नहीं है। कृषि के विकास के लिए सरकार ने क्या किया, सीएम बताएं। बात किसानों की सामाजिक-आर्थिक समुन्नत बनाने और उनकी दोगुनी करने की हो रही है, जबकि धान पर बोनस देने के नाम पर सरकार में खींचतान हो रही है।

बेहतर स्वास्थ्य की बात करना यहां बेमानी है, सदर अस्पताल की भूमिका बस फ‌र्स्ट एड वाली रह गई है। अस्पतालों में चिकित्सक नहीं है, विशेषज्ञ चिकित्सक की बात कौन करें। अन्य सरकारें जहां विद्यालय खोलती है, इस सरकार ने उसे बंद करने का काम किया है। पारा शिक्षक दो महीने से हड़ताल पर हैं, पढ़ाई ठप है, यह कैसा विकास है। इस सरकार में अन्य सरकारों की तुलना में अपराध का ग्राफ काफी बढ़ा है।

मुख्यमंत्री आवास के पास हत्याएं हो रही हैं। भ्रष्टाचार चरम पर है। कभी सर्वर डाउन तो कभी कनेक्टिविटी की समस्या बताकर जनता का काम लटकाया जा रहा है। जन चौपाल में अगर कोई शिकायत करता है तो उसकी बोलती बंद कर दी जा रही है। खनन, कंबल घोटाला जैसे कई घोटालों पर सरकार पर्दा डालने का काम कर रही है। हकीकत तो यह है कि भाजपा की बुनियाद ही भ्रष्टाचार और झूठ पर टिकी है। विकास में पिछड़ने के लिए यूपीए को दोषी ठहराने वाली भाजपा ने ही झारखंड पर सर्वाधिक शासन किया है। जनता उनसे जवाब मांगेगी।

सवाल : लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। इससे इतर महागठबंधन का स्वरूप अबतक तय नहीं हो सका है? 

जवाब : ऐसा नहीं है कि महागठबंधन का स्वरूप तय हो चुका है। 17 को नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने बैठक बुलाई है, जल्द ही सब स्पष्ट हो जाएगा। राजद कोडरमा, चतरा और पलामू सीट पर दावेदारी की मंशा पूर्व में ही जता चुका है। कोलेबिरा उपचुनाव में विपक्ष दो गुटों में बंटा नजर आया। क्या आसन्न चुनावों में यह एक मंच पर आ सकेगा? -कोलेबिरा चुनाव नहीं, महज उप चुनाव था। इस उपचुनाव से महागठबंधन और विपक्षी एकता की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। पूरे विपक्ष का यहां एक ही मकसद था भाजपा को परास्त करना, जिसमें वह सफल रहा।

सवाल : राज्य गठन के बाद झारखंड में राजद अपेक्षाकृत कमजोर हुआ है। पिछले विधानसभा चुनाव में यह शून्य पर पहुंच पाएगा, कैसे मजबूत होगा संगठन?

जवाब : देखिए, कई जगहों पर हम बहुत ही कम मार्जिन से पिछड़े हैं। बिहार से सटे इलाकों पर हमारी पकड़ आज भी मजबूत है। इन जनाधार वाले इलाकों पर हम खास फोकस कर रहे हैं। संगठन क्रमिक रूप से मजबूत हो रहा है। पंचायत से लेकर राज्य स्तर तक पर ज्वलंत मुद्दों को लेकर हम आंदोलनरत हैं। आसन्न चुनाव में हम पूरी मजबूती के साथ उभरेंगे।

सवाल : मौजूदा परिस्थितियों में राजद सुप्रीमो मुख्यधारा से अलग-थलग पड़ गए हैं। राजद की सेहत पर इसका क्या असर पड़ेगा? क्या कहेंगी?

जवाब : देखिए उन्हें फंसाया गया है, पूरा देश जान चुका है। फंसाने की इस साजिश का परत दर परत खुलासा होने लगा है। तथाकथित रेलवे घोटाले में उन्हें क्लीनचिट दिया जाना इसकी बानगी है। चारा घोटाले में भी उन्हें फंसाए जाने की बात कई स्तरों पर सामने आई है। भाजपा इस मुगालते में न रहे कि लालू प्रसाद को टॉर्चर कर वह उनके जनाधार को कमजोर करने में कामयाब हो जाएगी। सरकार उन्हें जितना सताएगी, संगठन उतना ही मजबूत होगा। विपरीत परिस्थितियों में भी उनका मार्गदर्शन संगठन को मिलता रहा है।

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