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नक्सलियों के लेवी के पैसों का किया निवेश, जरूरत के सामान भी पहुंचाए; झारखंड में NIA का खुलासा

Ranchi News रांची और लातेहार में चार ठिकानों पर हुई छापामारी को लेकर एनआईए ने बयान जारी किया है। एनआईए ने बताया कि छापामारी में कुल 36 लाख 30 हजार रुपये नकदी आपत्तिजनक पोस्टर्स डिजिटल उपकरण और कई दस्तावेज बरामद किए गए थे। बुधवार को लोहरदगा में बुलबुल जंगल से भारी मात्रा में बरामद हथियार के मामले में छापामारी हुई थी।

By Dilip Kumar Edited By: Shashank Shekhar Updated: Thu, 25 Jul 2024 07:25 PM (IST)
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रांची और लातेहार में छापामारी के बाद NIA का खुलासा। सांकेतिक तस्वीर

राज्य ब्यूरो, रांची। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को झारखंड में छापामारी मामले में अधिकृत बयान जारी किया है। बयान के अनुसार, एनआइए ने कुल चार ठिकानों पर छापामारी की थी। इनमें दो ठिकाने रांची और दो लातेहार जिले में थे।

इस छापामारी में एनआइए को कुल 36 लाख 30 हजार रुपये नकदी, आपत्तिजनक पोस्टर्स, डिजिटल उपकरण व कई अन्य दस्तावेज मिले थे।

एनआइए ने जांच में पाया है कि सभी आरोपित भाकपा माओवादियों तक जरूरत की सामग्री (लॉजिस्टिक सपोर्ट) पहुंचाते थे। ये नक्सलियों के सशस्त्र दस्ते के लेवी-रंगदारी के रुपयों को निवेश करने में भी शामिल थे।

एनआइए लोहरदगा के पेशरार थाना क्षेत्र में बुलबुल जंगल से भारी मात्रा में हथियार बरामदगी मामले की जांच कर रही है। एनआइए की बुधवार की छापामारी इसी मामले में थी।

नक्सलियों के खिलाफ चलाया गया था ऑपरेशन डबल बुल

दरअसल, फरवरी 2022 में झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ व कोबरा बटालियन ने बुलबुल जंगल में नक्सलियों के विरुद्ध ऑपरेशन डबल बुल चलाया था। इस अभियान में सुरक्षा बलों ने 28 हथियारों को बरामद किया था।

इन हथियारों में 19 हथियार पुलिस से लूटे हुए थे। उसे नक्सलियों ने विभिन्न घटनाओं में लूटा था। इस केस को एनआइए ने टेकओवर करते हुए 14 जून 2022 को एनआइए की रांची शाखा में प्राथमिकी दर्ज की थी।

इस केस में एनआइए ने पूर्व में 22 आरोपितों के विरुद्ध पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोपितों पर भारतीय दंड विधि, आर्म्स एक्ट, विस्फोटक अधिनियम व सीएलए एक्ट लगा था।

एनआइए की छानबीन में यह खुलासा हुआ था कि ये आरोपित भाकपा माओवादियों के ओवरग्राउंड वर्कर्स के रूप में काम करते थे। इस पूरे प्रकरण में एनआइए का अनुसंधान जारी है।

कुख्यात रवींद्र गंझू के दस्ते के विरुद्ध चला था ऑपरेशन डबल बुल

लोहरदगा-लातेहार सीमा पर स्थित बुलबुल जंगल में ऑपरेशन डबल बुल कुख्यात नक्सली 15 लाख के इनामी माओवादियों के रीजनल कमांडर रवींद्र गंझू के दस्ते के विरुद्ध चला था।

पुलिस को जानकारी थी कि रवींद्र गंझू अपने सक्रिय सहयोगी बलराम उरांव, मुनेश्वर गंझू, बालक गंझू, दिनेश नगेशिया, अघनू गंझू, लाजिम अंसारी, मारकुश नगेशिया, संजय नागेशिया, शीला खेरवार, ललिता देवी व 40-50 अन्य नक्सलियों के साथ बड़ी घटना की फिराक में है।

वह सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ बॉक्साइट खदान में भी हमला करने वाला है। इसी सूचना पर यह अभियान चला, जिसमें सुरक्षा बलों को सफलता हाथ लगी थी।

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