Jharkhand News: क्या विशाल चौधरी को बचा रही हेमंत सरकार?, ED ने लगाए जांच को लेकर ये गंभीर आरोप
झारखंड में भ्रष्टाचार के जरिये जमा किए गए काला धना को लेकर ईडी लगातार जांच कर रही है। ऐसे में अफसरों के चहेते विशाल चौधरी के खिलाफ ईडी ने प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह किया है। आरोप है कि अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पाने के कारण जांच को गति नहीं मिल पा रही है। ईडी को अपनी जांच बढ़ाने के लिए पहले ईसीआइआर करना होगा।
राज्य ब्यूरो, रांची। भ्रष्टाचार के जरिए काला धन इकट्ठा करने संबंधी मामलों में जारी ईडी की जांच को अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पाने के कारण गति नहीं मिल पा रही है। अफसरों के चहेते विशाल चौधरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह ईडी ने किया है।
वरीय आईएएस राजीव अरुण एक्का के चहेते विशाल चौधरी ने बड़े पैमाने पर काला धन बनाया है। एक्का के रिश्तेदारों की भी इसमें संलिप्तता है। ईडी को अपनी जांच आगे बढ़ाने के लिए पहले ईसीआइआर करना होगा। ईडी को ईसीआइआर करने के लिए संबंधित मामले में कहीं भी प्राथमिकी दर्ज होना आवश्यक है।
सरकार को ईडी ने सौंपी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट
यही वजह है कि ईडी ने राज्य सरकार को अपनी प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट सौंपी है और प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा की है। जैसे ही प्राथमिकी दर्ज होगी, ईडी उस प्राथमिकी के आधार पर ईसीआइआर करेगी और फिर जांच आगे बढ़ेगी।
साहिबगंज में 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में जांच के क्रम में ही ईडी को नेताओं व नौकरशाहों के काले धन के निवेशक विशाल चौधरी के बारे में जानकारी मिली थी। ईडी ने विशाल चौधरी के ठिकाने पर छापेमारी भी की थी, जिसमें उसका मोबाइल व अन्य कई डिजिटल दस्तावेज भी मिले थे।
उस वक्त राज्य के गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का थे, जिनके बहनोई निशिथ केसरी के ठिकानों पर भी ईडी ने छापा मारा था।
ईडी ने राजीव अरुण एक्का से भी दो दिनों तक पूछताछ की थी। ईडी को सभी ठिकानों पर छापेमारी में भ्रष्टाचार के सबूत तो मिले, लेकिन इससे संबंधित कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं मिलीष। इसके चलते जांच आगे नहीं बढ़ सकी।
अब तक आधा दर्जन अनुशंसा कर चुकी है ईडी
ईडी ने राज्य सरकार को अब तक आधा दर्जन से अधिक अनुशंसाएं की हैं, लेकिन प्राथमिकी सिर्फ एक ही मामले में दर्ज हो सकी है। ईडी ने मनरेगा घोटाले में गिरफ्तार निलंबित आईएएस पूजा सिंघल के विरुद्ध अवैध खनन मामले में भी एफआईआर की अनुशंसा की थी।
उक्त अनुशंसा में संताल के जिला खनन पदाधिकारी सहित आधा दर्जन से अधिक अधिकारियों के नाम भी शामिल थे। उन पर प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा हुई थी। करीब सात-आठ रिमाइंडर भी ईडी की तरफ से सरकार को भेजा गया, लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई।
यह भी पढ़ें: Jharkhand Crime: सरायकेला के रास्ते चाईबासा में खपाया जा रहा अवैध स्टोन चिप्स, चालक-मालिक समेत कई पर केस दर्ज
निलंबित IAS छवि रंजन के खिलाफ भी केस दर्ज करने की अनुशंसा की
जमीन घोटाले में ईडी ने गिरफ्तार निलंबित आईएएस छवि रंजन, अन्य अधिकारियों व उनके सहयोगियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा राज्य सरकार से की थी।
इस मामले में सिर्फ बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद पर ही सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। अन्य के विरुद्ध कोई मामला दर्ज नहीं हुआ। अवैध खनन मामले में प्रेम प्रकाश के ठिकाने पर छापेमारी में ईडी को झारखंड पुलिस के दो जवानों के एके-47 राइफल मिले थे।
मामले में भी ईडी ने एफआईआर की अनुशंसा की थी, जो नहीं हो सकी। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में ग्रामीण कार्य विभाग से निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के विरुद्ध जांच में मिले नए तथ्यों के आधार पर ईडी ने एफआईआर की अनुशंसा की थी। यह मामला विचाराधीन है।
यह भी पढ़ें: गवर्नर को हुआ 'हेमंत फोबिया', रांची विवि के प्रोग्राम से CM की तस्वीर हटाने पर बवाल; JMM ने किया ऐसा पलटवार