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ISIS Module Case : हजारीबाग में जड़ें गहरी कर रहा ISIS का मॉड्यूल, एक और आतंकी गिरफ्तार; अब तक 5 दबोचे गए

जांच एजेंसियां जैसे-जैसे एक के बाद एक आईएसआईएस मॉड्यूल पर शिकंजा कसना चालू किया है वैसे-वैसे हजारीबाग का आतंकी कनेक्शन सामने आना शुरू हो गया। अब तक के इस जांच में ये बातें सामने आई है कि हजारीबाग में आतंकियों को पनाह हीं नहीं मिल रही बल्कि आईएसआईएस मॉड्यूल अपने जड़े भी गहरे कर रहा है। इसका ताजा उदाहरण एक माह में ISIS मॉडयूल के गिरफ्तार पांच आतंकी हैं।

By arvind ranaEdited By: Shashank ShekharUpdated: Wed, 08 Nov 2023 09:55 PM (IST)
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हजारीबाग में जड़ें गहरी कर रहा ISIS का मॉड्यूल
अरविंद राणा, हजारीबाग। जैसे-जैसे देश में आतंकियों पर विशेष रूप से आईएसआईएस मॉड्यूल पर सरकारी एजेंसियों ने शिकंजा कसना शुरू किया तो हजारीबाग का आतंकी कनेक्शन सामने आने लगा।

अब तक के जांच और कार्रवाई में पिछले दो दशक में ये बातें सामने आयी है कि हजारीबाग के पेलावल में आतंकियों को पनाह हीं नहीं मिल रही आईएसआईएस मॉड्यूल अपने जड़े भी गहरे कर रहा है।

इसका ताजा और प्रत्यक्ष उदाहरण पिछले एक माह में इस मॉडयूल के गिरफ्तार पांच आतंकी है, इनमें दो हजारीबाग के पेलावल के है। रांची एटीसी की टीम ने एक और आतंकी को पकड़ा है, जिसका नाता हजारीबाग है। गिरफ्तार आतंकी पेलावल थाना क्षेत्र के महतो टोला निवासी मो. नसीम उर्फ मो. मोहसीन पिता मो. जमील है।

ISIS मॉड्यूल केस में दिल्ली से हुई थी पहली गिरफ्तार

इससे आईएसआईस मॉड्यूल मामले में पहली गिरफ्तारी दो अक्टूबर को दिल्ली से हुई थी। जांच में पता चला कि वह मूल रूप से झारखंड के हजारीबाग के पेलावल थाना अंतर्गत पगमिल का रहने वाला है। यह एनआईए के मोस्ट वांटेड लिस्ट में था। शाहनवाज आलम ने एनआईटी नागपुर से 2016 में बीटेक (माइनिंग) की पढ़ाई की।

दिल्ली में अबुल फजल एनक्लेव में वर्तमान समय में रह रहा था। वह टेलिग्राम के जरिए कट्टरपंथ का पाठ पढ़ा। इसके बाद वह लॉकडाउन में हजारीबाग आया फिर यहां 2020 में हथियार के साथ गिरफ्तार हुआ था।

दिसंबर 2020 में बेल मिली। टेलिग्राम पर एक विदेशी हैंडलर से बातचीत करने लगा। 2022 में अलीगढ़ में बंटी पटेल से शादी की। इसके बाद वह आईडी एक्सपर्ट हो गया और बनाने के बाद दिल्ली-राजस्थान में टेस्ट किया। एनआईए ने उस पर 3 लाख का इनाम रखा था।

तीन भाई बहन हैं आतंकी मो. नसीम उर्फ मोहसिन

पेलावल थाना क्षेत्र के महतो टोला निवासी मो. नसीम एक सामान्य परिवार का है। वह तीन भाई और एक बहन है। घर में सबसे बड़ा मोहसीन को लेकर उसके परिवार के लोग कुछ भी कहने से इनकार कर रहे है, परंतु आतंकी गतिविधियों में गिरफ्तार होने की पुष्टि की है।

दस वर्ष पहले पेलावल में मोहसीन के परिवार ने घर बनाया है। बताया जाता है कि मोहसीन की भी उच्च शिक्षा बैंगलोर में इंजीनियरिंग की हुई है। शहनवाज की भी पढ़ाई इंजीनियरिंग की हुई है। अंदेशा जताया जा रहा है कि लॉकडाउन के दौरान ही नसीम भी शहनवाज के करीब आया होगा और यह स्लीपर सेल के रुप में काम कर रहा था।

आतंकी हमदान ने लिया था हजारीबाग में पनाह

हजारीबाग में आतंकियों को पनाह मिलती है यह सर्वविदित रहा है। पहली बार 2002 में एक सदर थाना क्षेत्र के खीरगांव में एक प्रशासनिक पदाधिकारी के घर में कोलकाता में हुए अमेरिकन सेंटर पर हमले मामले में चार आतंकियों को पनाह मिला था। वहीं, दूसरी बार अंतिम बार 2017 में हजारीबाग का आतंकी कनेक्शन तब सामने आया।

रोहिंग्या मामले में युवाओं को भड़काने और मिजोरम एवं मणिपुर में खूंखार आतंकवादी संगठन अल कायदा का बेस कैंप बनाने की तैयारी में जुटे संदिग्ध आतंकवादी का हमदान उर्फ समीउल रहमान उर्फ शुमोन हक उर्फ राजू भाई का झारखंड कनेक्शन सामने आया।

हमदान कार्रवाई से बचने के लिए हजारीबाग में करीब चार से पांच दिन रुका था। इस दौरान उसने जैन पेट्रोल पंप के समीप होटल मयूरी को अपना ठिकाना बनाया था।

2012 में पहली बार आया था पेलावल का नाम

छोटा पाकिस्तान कहे जाने वाला पेलावल पहली बार उस वक्त चर्चा में आया था जब श्री राम मंदिर अयोध्या पर हाईकोर्ट का फैसला आया था और यहां धार्मिक उन्माद हो गया था। इसके बाद 2012 में पेलावल के ही कश्मीर हाउस से 29 फरवरी को लश्कर के आतंकी तौफिक को गिरफ्तार किया गया था।

एनआईए ने उसके निशानदेही पर दिल्ली साथी एहतेशाम को गिरफ्तार किया था। जांच में ये यह भी बातें सामने आयी थी कि तौफिक ने इंटर की पढ़ाई मांडू कॉलेज से की थी। वह जब गिरफ्तार हुआ तो वह अपने आप को बचाने और छिपाने के लिए संत कोलंबा कॉलेज में पार्ट वन की पढ़ाई कर रहा था।

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