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निलंबित IAS पूजा सिंघल के करीबी ने कोयला बिक्री से कमा डाले 71 करोड़ रुपये, अब ED की कैद में उगलेगा सफेदपोशों के राज

निलंबित आईएएस पूजा सिंघल के करीबी कोयला कारोबारी इजहार अंसारी को ईडी ने बुधवार को विशेष अदालत में प्रस्तुत किया। ईडी ने कोर्ट से इजहार अंसारी के लिए सात दिनों की रिमांड का आग्रह किया जिसपर सुनवाई के बाद कोर्ट ने ईडी को इजहार अंसारी से छह दिनों तक पूछताछ की अनुमति दी है। ईडी ने कोर्ट को सौंपे रिमांड आवेदन में इजहार की काली कमाई का खुलासा किया है।

By Dilip Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Wed, 17 Jan 2024 10:15 PM (IST)
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निलंबित IAS पूजा सिंघल के करीबी ने कोयला बिक्री से कमा डाले 71 करोड़।
राज्य ब्यूरो, रांची। कोल लिंकेज मामले में मनी लांड्रिंग के तहत एक दिन पहले गिरफ्तार निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के करीबी कोयला कारोबारी इजहार अंसारी उर्फ टुन्नू मल्लिक को ईडी ने बुधवार को ईडी की रांची स्थित विशेष अदालत में प्रस्तुत किया।

ईडी ने कोर्ट से इजहार अंसारी के लिए सात दिनों की रिमांड का आग्रह किया, जिसपर सुनवाई के बाद कोर्ट ने ईडी को इजहार अंसारी से छह दिनों तक पूछताछ की अनुमति दी है। ईडी ने कोर्ट को सौंपे गए रिमांड आवेदन में इजहार अंसारी की काली कमाई का खुलासा किया है।

ईडी ने बताया है कि इजहार अंसारी ने अक्टूबर 2018 से मार्च 2023 के बीच रियायत दर पर कोयला लेकर खुले बाजार में उसे बेचा और इससे 71 करोड़ 32 लाख 28 हजार 759 रुपये की अवैध कमाई की। इजहार को ईडी ने कई दफा समन किया। उसने ना तो समन का जवाब दिया ना ही ईडी कार्यालय पहुंचा।

इस FIR के आधार पर दर्ज की ईसीआइआर

रामगढ़ के मांडू थाने में 20 जनवरी 2019 को ट्रक चालक सैय्यद सलमानी के विरुद्ध झारखंड पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी। इसी केस के आधार पर ईडी ने 12 दिसंबर 2023 को ईसीआइआर दर्ज की थी। झारखंड पुलिस ने जिस ट्रक को पकड़ा था, उसके मालिक इजहार अंसारी उर्फ टुन्नू मल्लिक थे, जो हजारीबाग के पेलावल रोड में यूबीआइ के समीप मिल्लत कालोनी में रहते थे।

उक्त ट्रक पर 19 टन कोयला लदा था, जो टोपा कोलियरी से बनारस की कोयला मंडी में ले जाया जा रहा था। पुलिस को ट्रक चालक के पास से मिले चालान के अनुसार कोयला को रामगढ़ के सांडी भरेचनगर स्थित मेसर्स ओम कोक इंडस्ट्रीज में जाना था, लेकिन इजहार के आदेश पर वह ट्रक बनारस जा रहा था।

चालान पर सीसीएल का मोनोग्राम भी था। मेसर्स ओम कोक इंडस्ट्रीज इश्तेयाक अहमद व मंजूर हसन का पार्टनरशिप फर्म है। ट्रक चालक ने पुलिस को पूछताछ में बताया था कि उसके ट्रक के पीछे दूसरे वाहन पर कोयला कारोबारी संजू साव, दीपक साव, मोहम्मद असलम व रिजवान भी थे, जो पुलिस को देखकर भाग निकले।

इस मामले में पुलिस ने 30 जुलाई 2020 को चार्जशीट की थी। चार्जशीट में मोहम्मद इजहार अंसारी, इश्तेयाक अहमद, संजू साव, दीपक साव, मोहम्मद असलम व राजीव आलम को पुलिस ने जालसाजी व कोयला खनन अधिनियम का दोषी पाया था।

बाद में यह खुलासा हुआ कि कोयला जो मेसर्स ओम कोक इंडस्ट्रीज ने मेसर्स सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड से खरीदा था, वह गलत तरीके से ट्रक मालिक इजहार अंसारी के माध्यम से अवैध तरीके से बनारस भेजा जा रहा था। ट्रक मालिक इजहार अंसारी मेसर्स ओम कोक इंडस्ट्रीज के पार्टनर इश्तेयाक अहमद का संबंधी है। उक्त कंपनी ने सीसीएल का भी विश्वास तोड़ा।

ईडी को जांच में क्या जानकारी मिली ?

ईडी को अनुसंधान में पता चला कि मोहम्मद इजहार अंसारी ने कोयला लिंकेज नीति का दुरुपयोग किया है, जिसके तहत कैप्टिव खपत के लिए छोटे और मध्यम उद्यम (एसएमई) को सब्सिडी वाला कोयला आवंटित किया जाता था।

इजहार अंसारी की 13 ऐसी एसएमई फर्मों को 71.32 करोड़ रुपये के बाजार मूल्य वाला लगभग 86568 टन कोयला आवंटित किया गया था। हालांकि, इसका उपयोग करने के बजाय इजहार अंसारी ने कोयले को खुले बाजार में बेच दिया था।

आगे की जांच से पता चला कि ये 13 फर्म, संस्थाएं गैर-परिचालन, शेल इकाइयां पाई गई हैं। इससे पहले, इजहार अंसारी से जुड़े परिसरों पर तीन मार्च 2023 को की गई तलाशी के दौरान 3.58 करोड़ रुपये की अपराध आय पाई गई और कई आपत्तिजनक डिजिटल और दस्तावेजी सबूतों के साथ जब्त की गई थी।

ईडी की जांच से यह भी पता चला है कि आरोपित व्यक्ति ने वाराणसी और धनबाद की खुली कोयला मंडी में उच्च कीमत पर ऐसे रियायत दर वाले कोयले को बेचकर अपराध की बड़ी आय अर्जित की है और अपराध की आय को अचल संपत्तियों में भी निवेश किया है।

जांच से संकेत मिला कि ऐसे सब्सिडी वाले कोयला आवंटन के बदले इजहार अंसारी ने कुछ लोक सेवकों को रिश्वत व कमीशन देता था।

ईडी ने उसे बार-बार समन जारी किया, लेकिन वह न तो ईडी के सामने प्रस्तुत हुआ और न हीं कोई जवाब दिया। मंगलवार को ईडी ने उससे जुड़े हजारीबाग में तीन परिसरों की तलाशी ली और उसे गिरफ्तार किया। ईडी का अनुसंधान जारी है।

खनन पदाधिकारी व राजनेताओं का गठजोड़ था सक्रिय

ईडी की अनुसंधान में यह खुलासा हुआ कि कोयला लिंकेज घोटाले में मोहम्मद इजहार अंसारी, सीनियर खनन पदाधिकारी व राजनेताओं का एक गठजोड़ सक्रिय है। इसमें इजहार अंसारी ने लोक सेवकों व कोयला कंपनियों से जुड़े अधिकारियों को रिश्वत दी।

कई कंपनियां जैसे राजहंस इस्पात प्राइवेट लिमिटेड, कहकशा इंटरप्राइजेज, ओकाशा कोक इंडस्ट्रीज, ओला कोक इंडस्ट्रीज, मेसर्स अकार फ्यूल्स, मेसर्स फलक फ्यूल्स, मेसर्स एसएन कोल ब्रिक्वेट व मेसर्स एनए उद्योग को पिछले दो-तीन वर्षों से निष्क्रिय पाया गया। ईडी को छापेमारी में वहां के स्टाक रजिस्टर में फेरबदल का खुलासा हुआ है।

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