Jharkhand News: डॉक्यूमेंट्री बनाने झारखंड पहुंची जमैका की टीम, खूंटी और रांची में आदिवासी संस्कृति से हुए रूबरू
Jharkhand News झारखंड पर बनेगी डॉक्यूमेंट्री। जमैका में प्रदर्शित किया जाएगा। इसी सिलसिले में इस टीम ने खूंटी और रांची जिले का दौरा किया। यहां की संस्कृति परंपरा और अन्य चीजों को ध्यान से देखा। यह झारखंड के लिए अच्छी खबर है।
By M EkhlaqueEdited By: Updated: Tue, 08 Feb 2022 05:15 PM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। Documentary made on Jharkhand झारखंड का प्राकृतिक सौंदर्य, आदिवासी संस्कृति एवं परंपरा, महिला सशक्तिकरण, कृषि स्वयं सहायता समूह प्रणाली पर आधारित डॉक्यूमेंट्री जमैका में दिखाई जाएगी। जमैका से आई दो सदस्यीय टीम ने झारखंड के खूंटी और रांची जिले का दौरा किया। टीम ने झारखंड के विभिन्न पर्यटन स्थलों, यहां के आदिवासियों की संस्कृति और उनकी परंपरा, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की कार्यप्रणाली, कृषि आदि की जानकारी हासिल की। जमैका की दो सदस्यीय टीम में कैरोल फ्रांसिस और अरलो फिडलर शामिल थे। दोनों जमैका की जनसंपर्क प्रणाली के सदस्य हैं।
शोकेस इंडिया इंडिया एट 75 समारोह में होगा प्रदर्शन भारतीय उच्चायोग के निर्देश पर बनाई जा रही है डॉक्यूमेंट्री जमैका में भारतीय समुदाय के इतिहास को संरक्षित करने में मदद करेगी। खास तौर यहां रह रहे भारतीयों का भावनात्मक लगाव बढ़ेगा। झारखंड की संस्कृति यहां के मनोरम ²श्य रहन-सहन और यहां हो रहे विकास से रूबरू हो पाएंगे। जमैका में रहनेवाले झारखंड के लोगों के साथ यह डॉक्यूमेंट्री आजादी के 75वें वर्षगांठ के अवसर पर शोकेस इंडिया इंडिया एट 75 समारोह में जमैका में दिखाई जाएगी।
महिला सशक्तिकरण और झारखंड की खूबसूरती कैमरे में किया कैद जमैका की टीम ने सिलादोन में वन धन विकास केंद्र के माध्यम से किए जा रहे लाह उत्पाद, पलाश के अंतर्गत विभिन्न उत्पादों के निर्माण कार्य को अपने कैमरे में कैद किया और महिलाओं से उनके जीवन में आए बदलाव पर चर्चा की। आदिवा ब्रांड के अंतर्गत निर्मित किए जा रहे पारंपरिक जेवर को भी टीम ने देखा। महिला सशक्तिकरण किस तरह झारखंड में महिलाओं के जीवन में बदलाव ला रहा है, इसे जानने टीम गुटजोरा स्थित आजीविका संसाधन केंद्र पहुंची। वहां सखी मंडलों द्वारा क्रियान्वित किए जा रहे सूक्ष्म टपक सिंचाई, पॉली नर्सरी बागवानी, चूजों की हार्डनिंंग सेंटर को भी देखा।
झारखंड की आदिवासी परंपरा अदभुत : कैरोल जमैका से आई कैरोल ने कहा कि झारखंड की संस्कृति और महिलाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों को देख वह काफी प्रभावित हैं। झारखंड की आदिवासी परंपरा अदभुत है। जमैकन टीम ने पारंपरिक भोजन का भी लुत्फ उठाया।
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