जमशेदपुर विधायक सरयू राय ने जल संसाधन विभाग को लिखा पत्र, कहा- चांडिल डैम से स्वर्णरेखा नदी में छोड़ा जाए पानी
राज्य सरकार के पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने चांडिल डैम से स्वर्णरेखा नदी में जल छोड़ने की मांग की है। इस संदर्भ में उन्होंने जल संसाधन विभाग के सचिव को पत्र भेजा है।
राज्य ब्यूरो, रांची: राज्य सरकार के पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने चांडिल डैम से स्वर्णरेखा नदी में जल छोड़ने की मांग की है। इस संदर्भ में उन्होंने जल संसाधन विभाग के सचिव को पत्र भेजा है। पत्र में उल्लेख है कि वे राज्य सरकार का, स्वर्णरेखा परियोजना का, जिला प्रशासन का और जेएनएसी का ध्यान आकृष्ट कर रहे हैं।
उन्होंने लिखा है कि अभी से मानसून आने तक चांडिल डैम से पर्यावरणीय प्रवाह के अतिरिक्त कम से कम 50 हजार क्यूसेक जल छोड़वाएं ताकि मोहरदा पेयजल परियोजना को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके। विधानसभा के बजट सत्र में भी यह सवाल उठाया था।
सरकार ने भी आश्वस्त किया था कि स्वच्छ पेयजल के लिए प्रत्येक 15 दिन पर मोहरदा पेयजल परियोजना के समीप के क्षेत्रों की सफाई स्वर्णरेखा परियोजना द्वारा कराई जाएगी ताकि जल उपलब्धता अवरुद्ध नहीं हो। अफसोस है कि ऐसा नहीं हो रहा है, जिसके कारण मोहरदा पेयजल परियोजना के बंद होने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
मोहरदा पेयजल परियोजना क्षेत्रों में अनियमित और अपर्याप्त जलापूर्ति की शिकायत पर पेयजल विभाग के पदाधिकारियों ने बताया कि समय पर पर्याप्त स्वच्छ जलापूर्ति करने में वहां बने बीयर पर जलप्रवाह में कमी बाधक बन रहा है। यदि पर्याप्त जल प्रवाह की व्यवस्था नहीं हुई तो परियोजना का संचालन ठप हो जा सकता है।
स्पष्ट है कि इसके लिए चांडिल डैम से जल प्रवाह बढ़ाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। यही कारण है कि सभी को यह त्राहिमाम संदेश भेज रहा हूं। राष्ट्रीय जल नीति-2003 के अनुसार किसी भी जल भंडार में संचित जल पर पहला अधिकार पीने के लिए पानी का है।
इसके बाद जल परिवहन एवं सिंचाई का और तब उद्योग के लिए जल उपयोग का है। परंतु ऐसा लगता है कि सरकार और प्रशासन के लिए चौथी प्राथमिकता पहली प्राथमिकता बन गई है और पहली प्राथमिकता कहीं प्राथमिकता में है ही नहीं।
जल उपयोग की पहली प्राथमिकता के मद्देनजर मोहरदा पेयजल परियोजना के लिए आवश्यक मात्रा में जल प्रवाह छोड़ने का स्पष्ट निर्देश मुख्य अभियंता, चांडिल को दें ताकि उपभोक्ताओं को समुचित मात्रा में जीवन रक्षक पेयजल की आपूर्ति मोहरदा पेयजल परियोजना के माध्यम से सुनिश्चित कराई जा सके।