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Jharkhand News: आवासीय स्कूलों की शिक्षिकाओं व कर्मियों के लिए बड़ी खबर! हर साल इतने प्रतिशत बढ़ेगा मानदेय

झारखंड में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय और 57 झारखंड बालिका आवासीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिकाओं और कर्मियों के मानदेय में 4 फीसद की वृद्धि होगी। जेईपीसी ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कार्यकारिणी समिति के सामने इस प्रस्ताव काे रखा गया था। समिति के निर्देश पर अब इसपर वित्त विभाग की सहमति के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।

By Neeraj Ambastha Edited By: Mohit Tripathi Updated: Fri, 07 Jun 2024 03:03 PM (IST)
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आवासीय स्कूलों की शिक्षिकाओं एवं कर्मियों का हर वर्ष बढ़ेगा चार प्रतिशत मानदेय। (सांकेतिक फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में राज्य में संचालित 203 कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों तथा 57 झारखंड बालिका आवासीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिकाओं तथा कर्मियों के मानदेय में चार प्रतिशत की वृद्धि होगी। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य कार्यकारिणी समिति के समक्ष इस प्रस्ताव काे रखा गया था। समिति के निर्देश पर अब इसपर वित्त विभाग की सहमति के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।

राज्य में संचालित इन बालिका आवासीय विद्यालयों में वर्तमान में 1,015 शिक्षिकाएं तथा 1,132 शिक्षकेत्तर कर्मी कार्यरत हैं। इन शिक्षिकाओं तथा कर्मियों को पारा शिक्षकों की तर्ज पर प्रतिवर्ष चार प्रतिशत मानदेय बढ़ेगा।

मानदेय वृद्धि किए जाने पर अतिरिक्त राशि का वहन राज्य सरकार के बजट से किया जाएगा। इस कारण ही इसपर वित्त विभाग की स्वीकृति ली जा रही है। इससे प्रतिवर्ष 5.80 करोड़ रुपये राशि का अतिरिक्त वहन करना होगा।

वर्तमान में इन आवासीय विद्यालयों की शिक्षिकाओं को प्रतिमाह 15,840 रुपये तथा 6,600 रुपये प्रारंभिक मानदेय मिलता है। शिक्षिकाएं एवं कर्मी लगातार पारा शिक्षकों की तरह प्रत्येक वर्ष चार प्रतिशत मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे थे।

बताते चलें कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रबंधन शीर्ष में कार्यरत कर्मियों को भी प्रतिवर्ष तीन प्रतिशत मानदेय बढ़ता है। इधर, मानदेय कम होने के कारण शिक्षिकाएं नौकरी छोड़ देते हैं। इससे जिलों को बीच-बीच में नियुक्ति करनी पड़ती है। आवासीय विद्यालय होने के कारण शिक्षिकाओं तथा कर्मियों को विद्यालय में ही रहना पड़ता है।

कैबिनेट से लेनी होगी स्वीकृति

वित्त विभाग की सहमति मिलने के बाद इस प्रस्ताव पर राज्य मंत्रिपरिषद की भी स्वीकृति ली जाएगी। इससे पहले राज्य कार्यकारिणी समिति के पास एक बार फिर प्रस्ताव भेजा जाएगा।

प्रस्ताव में यह शर्त भी रखी गई है कि प्रत्येक वर्ष चार प्रतिशत मानदेय बढ़ने पर शिक्षिकाओं को प्रतिवर्ष 250 रुपये तथा कर्मियों को सौ रुपये की वृद्धि का मिलने वाला लाभ नहीं मिलेगा।

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