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कृषि-पशुपालन में घोटाले की भरमार, मंत्री ने कहा-नहीं बचेगा कोई गुनाहगार

मंत्री ने शुक्रवार को अपने विभाग के बजट पर चर्चा के बाद सरकार के जवाब के रूप में तीन माह के भीतर कृषि नीति व कृषि निर्यात नीति लागू करने की घोषणा की।

By Alok ShahiEdited By: Updated: Fri, 06 Mar 2020 07:45 PM (IST)
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कृषि-पशुपालन में घोटाले की भरमार, मंत्री ने कहा-नहीं बचेगा कोई गुनाहगार

रांची, राज्य ब्यूरो। विधानसभा में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के बजट पर चर्चा का दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोलकर रख दी। कहा कि तीनों निदेशालयों में घोटालों की भरमार है। विभागीय मंत्री बादल ने भी अपने जवाब में इसे सही ठहराते हुए आश्वस्त किया कि सभी मामले में आवश्यक कार्रवाई होगी। कोई भी गुनाहगार नहीं बचेगा। मंत्री ने शुक्रवार को अपने विभाग के बजट पर चर्चा के बाद सरकार के जवाब के रूप में तीन माह के भीतर कृषि नीति व कृषि निर्यात नीति लागू करने की घोषणा की। कहा कि नीति लागू होने से राज्य में कृषि का विकास होगा। मंत्री ने राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने का भी भरोसा दिलाया। उन्होंने प्रत्येक जिले के एक-एक फसल के उत्पादन को राष्ट्रीय स्तर पर लाने तथा प्रत्येक जिले के एक-एक ब्लॉक को जैविक प्रखंड के रूप में विकसित करने की घोषणा भी की।

इससे पहले विपक्ष के बहिष्कार के बीच बजट पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने किसानों के कर्ज माफी की पहल की सराहना की। साथ ही विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और घोटाले की ओर सदन का ध्यान आकृष्ट कराया। कहा कि विभाग में एनजीओ, कंपनियां और पदाधिकारियों की मिलीभगत से भारी लूट हो रही है। विधायक सरयू राय ने कृषि आयोग के गठन का सुझाव दिया, जिसे मंत्री ने स्वीकार करते हुए इसके गठन का भरोसा दिलाया। सरयू राय ने सहकारिता के ढांचे में सुधार पर भी जोर दिया।

विधायक विनोद सिंह तथा प्रदीप यादव ने सहकारिता बैंकों में घोटाले की ओर ध्यान आकृष्ट कराया, जिसपर मंत्री ने बताया कि सभी जिम्मेदार पदाधिकारियों के निलंबन की अनुशंसा कर दी गई है। मंत्री ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में फसल बीमा कंपनियों ने किसानों को बीमा की राशि का भुगतान नहीं किया है। इसमें गड़बड़ी की स्थिति यह है कि सरकार ने 466 करोड़ रुपये प्रीमियम के रूप में बीमा कंपनियों को चुकाए। जबकि किसानों के हिस्से में महज 77 करोड़ रुपये गए। इसलिए हमने इसे बंद कर कृषि राहत कोष में एक करोड़ रुपये का प्रावधान किया ताकि फसलों के नुकसान होने पर राहत कार्य चलाया जा सके। मंत्री ने आरोप लगाया कि भारत सरकार बीमा की राशि अपने डूबते बैंकों में लगाना चाहती है।

बीज ग्राम में घोटाला, जांच के आदेश

विधायक प्रदीप यादव ने बीज ग्राम में घोटाले का आरोप लगाया। कहा कि बीज की खरीदारी और वितरण कागजों पर हुआ है। इसपर मंत्री ने कहा कि बीज ग्राम मामले में जांच का आदेश दे दिया गया है। विधायक ने कृषि उपकरण की खरीद और वितरण में भी गड़बड़ी का आरोप लगाया।

निदेशक सहित चार अफसरों पर विभागीय कार्यवाही

मिनरल मिक्सचर आदि की खरीद और वितरण में 43 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की महालेखाकार की रिपोर्ट की ओर ध्यान आकृष्ट कराने पर मंत्री ने कहा कि इस मामले में निदेशक सहित चार पदाधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही का आदेश दिया गया है। दो अधिकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज हुई है।

बाजार समितियों में दलालों की फौज, अफसर भी शामिल

विधायक बंधु तिर्की ने बाजार समितियों में भ्रष्टाचार की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि बाजार समितियों में दलालों की भरमार हो गई है। अफसरों की मिलीभगत से बाजार समितियां भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। उन्होंने रांची व हजारीबाग बाजार समिति में कई अफसरों के विरुद्ध भी उंगलियां उठाईं। इसपर मंत्री ने कहा कि बाजार समितियां किसानों के लिए है, दलालों के लिए नहीं। उन सभी अधिकारियों को वहां से हटा दिया गया है। उन्होंने ई-नाम में भ्रष्टाचार को भी गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। कहा कि भारत सरकार ई-नाम पर अपना पीठ थपथपाती है, लेकिन सही यह है कि किसान मंडी जाते ही नहीं।

कटौती प्रस्ताव वापस, विभाग का बजट पास

विधायक विनोद सिंह ने मंत्री के अनुरोध पर कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के 10 रुपये की कटौती का प्रस्ताव वापस ले लिया। इसके बाद ध्वनिमत से विभाग का 395243.20 लाख रुपये का बजट स्वीकृत हो गया।