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राज्य में बढ़ रहा कोरोना, रामनवमी और सरहुल का नहीं निकलेगा जुलूस : सीएम

राज्य ब्यूरो रांची विधानसभा में बजट सत्र के समापन के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और यह चिता का विषय है। सीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य में इस साल भी रामनवमी और सरहुल का जुलूस नहीं निकलेगा।

By JagranEdited By: Updated: Tue, 23 Mar 2021 09:48 PM (IST)
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राज्य में बढ़ रहा कोरोना, रामनवमी और सरहुल का नहीं निकलेगा जुलूस : सीएम

राज्य ब्यूरो, रांची : विधानसभा में बजट सत्र के समापन के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और यह चिता का विषय है। यह दूसरी बार है, जब कोरोना तेजी से पांव पसार रहा है। राज्य की स्थिति को लेकर आपदा प्रबंधन प्रभाग की बैठक की गई है और अधिकारियों को मौजूदा स्थिति पर नजर रखने के लिए आदेश दिया गया है। कुछ दिनों बाद इसकी समीक्षा होगी और राज्य हित में सरकार गंभीर निर्णय लेगी। सीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य में इस साल भी रामनवमी और सरहुल का जुलूस नहीं निकलेगा। सरकार लॉकडाउन में पूरी तरह छूट नहीं दी है, इसे ध्यान रखना होगा।

बालू के बवाल पर जवाब देते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि बालू की खरीदारी के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया गया है। अब कोई भी व्यक्ति पोर्टल के जरिए ऑनलाइन पैसा जमा कर बालू अपने घर पर मंगा सकता है। इसके लिए उसे 785 रुपये प्रति 100 सीएफटी (क्यूबिक फीट) और परिवहन शुल्क जमा करना होगा।

राज्य सरकार ने सभी बुजुर्गों, किसी भी उम्र की विधवा, विकलांग, परित्यक्ता को पेंशन देने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, राज्य के सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्ववर्ती सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार से दुख होता है। उन्हें भय है कि केंद्र की सरकार उनके साथ कैसा व्यवहार करेगी। देश के बूढ़े-बुजुर्गों को पेंशन देने के लिए केंद्र के पास पैसा नहीं और बंगाल में वन नेशन, वन टैक्स की बात करती है। अगर ऐसा है, तो मनरेगा में एक समान मजदूरी क्यों नहीं है। सभी राज्यों के लिए अलग-अलग मजदूरी की व्यवस्था है। झारखंड में 195 रुपये मजदूरी देने का प्रविधान है, जिसे राज्य सरकार ने अपने सरकारी मद से 225 रुपये देना शुरू किया। पांच साल पूरा होते-होते मनरेगा मजदूरों को राज्य सरकार 300 रुपये से ऊपर मजदूरी देगी। राशन कार्ड बनाने के लिए 11 लाख से बढ़ाकर 15 लाख करने का लक्ष्य रखा गया है।

पूर्व की डबल इंजन की सरकार पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पांच साल में टेढ़ी, मेढ़ी लकीर खींची थीं, जिसे उनकी सरकार सीधा कर रही है। बिजली को लेकर डीवीसी (दामोदर घाटी निगम) पर राज्य के कुछ जिलों की निर्भरता के कारण वह आंख दिखाता है। इससे निपटने के लिए सीएम ने विपक्ष का सहयोग मांगा। साथ ही, बिजली कंपनियों को कोयले के बकाया वसूलने में सहयोग करने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने विधायकों को आश्वस्त किया कि विधायक फंड में विधायकों की भागीदारी सुनिश्चित होगी।

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राम मंदिर के लिए जिस तरह एक-एक ईंट जोड़ रहे हैं, राज्य को गढ़ने के लिए भी योगदान दें :

सीएम ने कहा कि जिस तरह श्रीराम मंदिर के लिए सभी एक-एक ईंट जोड़ रहे हैं, उसी तरह यह राज्य भी है। विद्युत शुल्क में संशोधन विधेयक इसी उद्देश्य से लाया गया है, ताकि राज्य के विकास में राज्य की पूरी जनता का सहयोग मिल सके। विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक राज्य हित में है।

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रोजगार का साल होगा 2021, पर्यटन के विकास पर भी जोर :

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य जुगाड़ तकनीक से चल रहा है। इस राज्य में 35 फीसद सरकारी पद खाली हैं, जहां संविदा पर कर्मी रखकर काम चलाया जा रहा है। इसे दूर करने के लिए आउटकम बजट लाया गया। कहा कि वर्तमान वर्ष रोजगार का साल होगा। यहां 5000 युवाओं को रोजगार से जोड़ने का लक्ष्य है। पर्यटन के विकास पर भी जोर दिया गया है। बेतला फॉरेस्ट का उद्धार होगा। मुख्यमंत्री ने सिमडेगा में आयोजित हॉकी खेल का उदाहरण देते हुए कहा कि सिमडेगा को खेल में ख्याति मिली है। अब राज्य में वुशु में भी 28 राज्यों के 1000 लोग आएंगे। जो बाहर से आएंगे, उन्हें राज्य के पर्यटन स्थलों को घुमाया जाएगा, ताकि वे राज्य के पर्यटन केंद्रों की अपने राज्य में जाकर ब्रांडिग कर सकें।

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5000 स्कूल आधुनिक होंगे, प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज :

मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि सरकार का फोकस शिक्षा पर है। करीब 2000 करोड़ रुपये की लागत से 5000 स्कूल आधुनिक होंगे। बड़े पैमाने पर शिक्षक नियुक्ति को लेकर नियुक्ति नियमावली बन रही है। प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज खुलेंगे। नए विधानसभा भवन पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इतना बड़ा भवन बनाना पैसे की बर्बादी है। इसके दीवार कब झड़ जाएंगे, भय लगता है। सदन में आवाज साफ सुनाई नहीं देती, हेडफोन लगाना पड़ता है। खजाना खाली की बात कहते पर विपक्ष बहाना बनाने की बात कहता है, जबकि इस राज्य को चारागाह बनाया गया और 20 साल तक निचोड़ा गया है। जनता निर्णय कर ही देती है।

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कोरोना काल में भी भूख से एक भी मौत नहीं, बोकारो की घटना अफवाह :

मुख्यमंत्री ने सदन में बताया कि कोरोना के संक्रमण के काल में कोई भूखा नहीं रहा। एक भी भूख से मौत नहीं है। सदन में बोकारो की जिस घटना का जिक्र हुआ, उसकी गंभीरता से जांच कराई गई, तो वह झूठा निकला। राज्य में अधिकारियों ने सरकार चलाया है, लेकिन वर्तमान सरकार अधिकारियों को हांकेगी और उसी संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है।

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सदन में आए 1181 प्रश्न :

पूरे सत्र के दौरान सदन में 1181 प्रश्न आए। इसमें 302 अल्प सूचित, 754 तारांकित, 125 अतारांकित प्रश्न थे। सदन में 38 अल्प सूचित व 53 तारांकित प्रश्न लिए गए। विभागों से केवल 1016 प्रश्नों के उत्तर आए। 165 प्रश्नों के उत्तर विभागों से प्राप्त किए जाएंगे।

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