झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीख सामने आने से पहले ही सभी पार्टियों ने चुनाव की तैयारी तेज कर दी है। खासकर कांग्रेस पार्टी ने उम्मीदवार तय करने के लिए और टिकट बांटने के लिए खास रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इसके लिए पार्टी ने 14 पर्यवेक्षक बनाए हैं जो कि अलग-अलग राज्यों में कैंडिडेट तय करेंगे। कांग्रेस इस बार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के सभी 14 लोकसभा क्षेत्रों में पर्यवेक्षक पार्टी की रिपोर्ट कार्ड तैयार करेंगे। ये बताएंगे कि पार्टी कहां मजबूत है और कौन सीट झामुमो-राजद के लिए छोड़ देना चाहिए। इसी रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय नेतृत्व गठबंधन को लेकर अंतिम निर्णय पर पहुंचेगा।
सभी 14 पर्यवेक्षक बिहार, पश्चिम बंगाल अथवा ओडिशा के सीनियर कांग्रेस नेता होंगे। झारखंड के पड़ोसी राज्यों से ही पर्यवेक्षकों के चयन का मूल कारण यह है कि इन्हें झारखंड की राजनीतिक परिस्थितियों की पूरी जानकारी है। इनके नाम की घोषणा एक-दो दिनों में पार्टी मुख्यालय स्तर से की जाएगी।
झारखंड में पिछले विधानसभा चुनाव में 31 सीटों पर चुनाव लड़ चुकी कांग्रेस इस चुनाव में आंतरिक रिपोर्ट तैयार करवा रही है। यही रिपोर्ट इस बार उम्मीदवारों के चयन का आधार बनेगी और इससे गठबंधन को लेकर भी निर्णय होंगे।
इनकी रिपोर्ट ना सिर्फ दावेदारों का हाल बताएगी बल्कि विधायकों की रिपोर्ट कार्ड भी तैयार कर देगी। कांग्रेस के कुछ सीटिंग विधायकों का टिकट कट सकता है। विधानसभा चुनाव में दावेदारों की लंबी सूची हो गई है। कुछ जिलों में तो इनकी संख्या सौ के आसपास है।
कई दावेदारों ने झामुमो और राजद के हिस्से वाली सीटों पर भी दावा ठोका है। ऐसे तमाम दावेदारों की किस्मत का फैसला पर्यवेक्षकों की आंतरिक रिपोर्ट से होगा।
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