झारखंड में बदल रहा सियासी माहौल, कांग्रेस-JMM की अगली मीटिंग पर टिकी निगाहें; टकटकी लगाए बैठी RJD
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर प्रदेश का राजनीतिक माहौल तेजी से बदल रहा है। बीजेपी और जेएमएम के साथ-साथ कांग्रेस भी अब मिशन मोड में काम कर रही है। कांग्रेस ने भाजपा की गतिविधियों पर नजर रखी हुई है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर जल्द ही झारखंड आने वाले हैं। उनका दौरा महागठबंधन की सीट शेयरिंग को लेकर काफी अहम है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में तेजी से बदल रहे राजनीतिक माहौल में अभी और भी गर्माहट आएगी, जब भाजपा और कांग्रेस के सीनियर नेता आपस में एक-दूसरे के विरुद्ध मोर्चाबंदी करेंगे। दोनों पार्टियों में शीर्ष नेताओं का आगमन झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election 2024) के मद्देनजर हो रहा है।
कांग्रेस जहां अपने हिस्से की सीटें बढ़वाकर उम्मीदवारों के चयन में लगेगी, वहीं भाजपा आजसू के साथ गठबंधन में आगे बढ़ेगी। दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर भी इस दौरान शुरुआती चर्चा हो सकती है। झारखंड में कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर इस सप्ताह के अंत तक 19 अथवा 20 जुलाई को झारखंड पहुंचेंगे।
कांग्रेस-JMM में सीटों को लेकर होगी चर्चा
उनके पहुंचने के साथ ही झामुमो और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर औपचारिक बातें होंगी। जिन सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार कमजोर पड़ते हैं अथवा जहां झामुमो के उम्मीदवार कमजोर प्रदर्शन करते हैं, उन्हें बदला जा सकता है।राजद को कांग्रेस के कोटे से मिलेगी सीटें
फिलहाल, राजद को कांग्रेस के कोटे से सीटें मिलनी है, इसलिए कांग्रेस अधिक सीटों पर दावेदारी कर रही है ताकि अपने हिस्से से राजद को सीटें दे सके।
दूसरी ओर झामुमो में भी अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए नेताओं का दबाव है। दोनों दलों के बीच समझौता होने के बाद अगली कड़ी में भाजपा से मुकाबले की रणनीति पर काम होगा। कांग्रेस इसी बात को प्राथमिकता दे रही है। पार्टी चाहती है कि भाजपा को मुख्य मुकाबले में आने से रोका जा सके।
पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे मीर
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर झारखंड में विभिन्न स्तरों पर पार्टी पदाधिकारियों के बैठक कर समस्याओं को समझेंगे और इसी के हिसाब से उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी।
मीर के आगमन से लेकर बैठकों तक की तैयारी हो चुकी है। इस दौरे के क्रम में उनकी मुलाकात राज्य सरकार में कांग्रेस कोटे से मंत्री बने पार्टी के नेताओं के साथ होगी। वे कार्यकारी अध्यक्षों और जिला स्तर के नेताओं से भी मिलेंगे।ये भी पढे़ं- Tejashwi Yadav: क्या है तेजस्वी यादव का 'झारखंड प्लान'? 12 से 14 सीटों पर 'खेल' करने की तैयारी; कांग्रेस पर प्रेशर!
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