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Jharkhand Assembly Election: सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों तरफ तकरार, कौन-सा फॉर्मूला अपनाएंगे I.N.D.I.A और NDA?

Jharkhand Assembly Election 2024 झारखंड में विधानसभा चुनाव बेहद नजदीक है। जल्‍द ही भारत निर्वाचन आयोग इसकी आधिकारि‍क घोषणा कर सकता है। वहीं सभी गठबंधन और दल अपने स्‍तर पर तैयारियों में मशगूल हैं। इन तैयारियों के बीच पक्ष से लेकर विपक्ष में गठबंधन के साथी दलों में सीटों के बंटवारे को लेकर अभी से खींचतान शुरू हो गई है।

By Pradeep singh Edited By: Prateek Jain Updated: Wed, 17 Jul 2024 08:48 AM (IST)
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झामुमो नेता हेमंत सोरेन, भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी और कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दल तैयारियों में जुट गए हैं। इन तैयारियों के बीच पक्ष से लेकर विपक्ष में गठबंधन के साथी दलों में सीटों के बंटवारे को लेकर अभी से खींचतान शुरू हो गई है।

अभी बातचीत आरंभिक दौर में है, लेकिन दोनों तरफ मतभिन्नता स्पष्ट दिख रही है। आइएनडीआइए की बात करें तो झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस दोनों का ज्यादा से ज्यादा सीटें झटकने पर जोर है। दोनों दलों के नेता सभी सीटों पर चुनावी तैयारी की अपील भी कार्यकर्ताओं से करते रहे हैं।

कांग्रेस मांग रही 33 सीटें

कांग्रेस की दलील है कि पिछले विधानसभा चुनाव से अबतक बदली राजनीतिक परिस्थिति को देखते हुए कम से कम 33 सीटों पर उनकी दावेदारी बनती है। उधर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने वैसे क्षेत्रों में भी तैयारी आरंभ की है, जहां गठबंधन के अन्य दलों की दावेदारी सामान्य तौर पर रहती है।

पिछले विधानसभा चुनाव में झामुमो ने 41 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए थे। हालांकि, सीट शेयरिंग को लेकर फैसला उच्च स्तर पर होना है, लेकिन अभी दूसरी कतार के नेताओं के जरिए दावेदारी का दौर चल रहा है। आधिकारिक तौर पर अभी कुछ नहीं कहा जा रहा है।

ऐसे में सीटों का मामला आसानी से सुलझने वाला नहीं है। आइएनडीआइए में शामिल बड़े दल झामुमो और कांग्रेस के अलावा लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले राजद ने भी लंबे-चौड़े दावे किए हैं। ऐसे में लग रहा है कि गठबंधन के दलों के बीच सीटो के तालमेल की गुत्थी आसानी से नहीं सुलझेगी।

राजग खेमे में भी सीटों के चयन पर तनातनी

सत्तारूढ़ गठबंधन की तरह भाजपानीत राजग के भीतर भी सीटों के चयन को लेकर तनातनी की स्थिति है। ऐसी कई सीटें हैं, जहां दोनों की दल दावेदारी कर रहे हैं। इस परिस्थिति में तकरार बढ़ने की संभावना है।

उदाहरण के तौर पर ईचागढ़ सीट पर भाजपा और आजसू पार्टी दोनों की नजर है। आजसू पार्टी की दावेदारी भी अधिकाधिक सीटों पर होगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में सीटों का बंटवारा नहीं होने की वजह से भाजपा और आजसू पार्टी के बीच तालमेल नहीं हो पाया था।

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