झारखंड में RJD और कांग्रेस के बीच कैसे बढ़ा विवाद? अब सामने आई असली वजह, चुनाव से पहले बढ़ा सियासी पारा
Jharkhand Politics झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के बीच विवाद बढ़ रहा है। महागठबंधन में माले और झामुमो के साथ भी मतभेद हैं। हुसैनाबाद सीट पर कांग्रेस ने निर्दलीय प्रत्याशी एम तौसीफ को सिंबल दिया लेकिन उनका नामांकन रद्द हो गया। गठबंधन में दरार बढ़ रही है जो चुनाव में कमजोर कड़ी साबित हो सकती है।
राज्य ब्यूरो, रांची। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का लालू प्रसाद की राष्ट्रीय जनता दल से विवाद बढ़ता जा रहा है। पार्टी ने हुसैनाबाद से एक निर्दलीय प्रत्याशी एम. तौसीफ को सिंबल दे दिया था।
हालांकि, तौसीफ का नामांकन तकनीकी कारणों से रद्द हो गया और कांग्रेस और राजद की आपसी लड़ाई अधर में लटक गई। महागठबंधन में इसके पूर्व माले के साथ झामुमो का पेंच फंस चुका है। माले ने इसी वजह से गठबंधन से अलग होने काे लेकर अल्टीमेटम भी दे दिया है।
कुल मिलाकर गठबंधन का विवाद बढ़ रहा है जो चुनाव में कमजोर कड़ी साबित हो सकती है। गठबंधन में गांठ की शुरुआत तब हुई जब माले की परंपरागत सीट राजधनवार से झामुमो ने उम्मीदवार को उतारने की घोषणा कर दी।
इस तरह बढ़ा राजद और कांग्रेस के बीच विवाद
इसके बाद राजद और कांग्रेस में विवाद शुरू हुआ तो छतरपुर और विश्रामपुर से दानों दलों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिए। इसके बाद शीर्ष नेताओं के बीच चर्चा नहीं होने से विवाद बढ़ता गया।
अब हालत ऐसी हो गई है कि गठबंधन के दलों ने एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारने शुरू कर दिए हैं। रविवार की देर रात हुसैनाबाद से कांग्रेस ने मो. तौसीफ को सिंबल आवंटित कर दिया। राजद चार दिन पहले ही इस क्षेत्र से अपना उम्मीदवार उतार चुका था।
तौसीफ पुराने कांग्रेसी हैं और उन्होंने पार्टी लाइन से अलग होते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया था। तौसीफ को कांग्रेस से सिंबल मिलने के बाद दाेनों दलों के बीच विवाद बढ़ता दिखा, लेकिन ऐन मौके पर तौसीफ का नामांकन रद्द हो गया।
हालात यही रहे तो कयास लगाया जा रहा है कि चुनाव आते-आते गठबंधन टूट भी सकता है। ज्ञात हो कि देवघर को छोड़कर राजद कोटे की सभी सीटों पर कांग्रेस ने उम्मीदवार उतार दिए हैं।
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