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Jharkhand Election: सीट बंटवारे में दिखेगा JMM का दबदबा, कांग्रेस पर रहेगा हावी; एक-एक सीट पर नजर

झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election) में झामुमो ने सत्ता में वापसी के लिए ठोस रणनीति बनाई है। पार्टी सीटों की हिस्सेदारी में कांग्रेस समेत अन्य घटक दलों के दबाव में नहीं आएगी। हरियाणा चुनाव परिणाम के बाद झामुमो का दबाव बढ़ा है। मोर्चा का फोकस एक-एक सीट पर होगा और सिर्फ दावेदारी की वजह से सीट नहीं दी जाएगी।

By Pradeep singh Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 10 Oct 2024 06:59 PM (IST)
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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के साथ झारखंड के CM हेमंत सोरेन। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, रांची। आगामी विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election) में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने सत्ता में वापसी के लिए ठोस रणनीति तैयार की है। इसपर सख्ती से अमल किया जाएगा। झामुमो सीटों की हिस्सेदारी में कांग्रेस समेत आईएनडीआईए (I.N.D.I. Alliance) के अन्य घटक दलों के दबाव में नहीं आएगा। पार्टी की भूमिका बड़े भाई की होगी।

दल के रणनीतिकारों ने इसे बार-बार दोहराया और स्पष्ट किया है, जिसके राजनीतिक मायने-मतलब हैं। रही-सही कसर हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Election Result) के परिणाम ने पूरी कर दी है। हरियाणा में कांग्रेस को आशातीत सफलता नहीं मिली। एग्जिट पोल में रुझान के बावजूद पार्टी को बैकफुट पर जाना पड़ा। इससे झारखंड में क्षेत्रीय दल झारखंड मुक्ति मोर्चा का दबाव बढ़ेगा।

एक-एक सीट पर होगा फोकस

बुधवार को नई दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं संग मुलाकात में भी इसपर चर्चा हुई है कि मोर्चा का फोकस एक-एक सीट पर होगा। जिस सीट पर कांग्रेस की दावेदारी होगी, उसके संदर्भ में स्पष्ट करना होगा कि वहां जीतने लायक प्रत्याशी है अथवा नहीं। सिर्फ दावेदारी की वजह से सीट नहीं दी जाएगी, बल्कि एक-एक सीट पर देख-परखकर निर्णय किया जाएगा। ऐसे में राज्य में मोर्चा कांग्रेस पर सीट बंटवारे को लेकर हावी रहेगा।

कांग्रेस ज्यादा दबाव बनाने की स्थिति में नहीं है। बैठक में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, महासचिव केसी वेणुगोपाल मौजूद थे।

'कांग्रेस गलतफहमी नहीं पाले'

हाल ही में जब प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने पार्टी के संवाद कार्यक्रम में यह कहा कि 25-30 सीटें जीतने की स्थिति में पार्टी का मुख्यमंत्री भी बन सकता है तो झामुमो ने इसपर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। यहां तक कहा गया कि कांग्रेस गलतफहमी नहीं पाले। झामुमो सभी 81 सीटों पर लड़ने को तैयार है। हालांकि, कांग्रेस ने भी तत्काल इस बयान को लेकर स्थिति स्पष्ट की। स्वयं मीर ने कहा कि कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने और उनमें उत्साह भरने के लिए ऐसा कहा गया।

पूजा समाप्त होते ही बढ़ेगी सक्रियता

सीट बंटवारे को लेकर दुर्गापूजा समाप्त होने के साथ ही झामुमो की सक्रियता बढ़ेगी। 14 अक्टूबर को पार्टी की विस्तारित केंद्रीय समिति की बैठक बुलाई गई है। इसमें कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन निचले स्तर पर तैयारी के लिए रणनीति बनाएंगे। सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ उसका लाभ पहुंचाने की जिम्मेदारी कार्यकर्ताओं के कंधे पर होगी।

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