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झारखंड में टूट सकता है महागठबंधन! RJD ने कई सीटों पर बढ़ाई टेंशन, अचानक दिल्ली पहुंचे कांग्रेस प्रभारी

झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए धनबाद और बोकारो से उम्मीदवार चुनना एक बड़ी चुनौती है। बोकारो से राजेश ठाकुर को उम्मीदवार बनाने की चर्चा है जबकि धनबाद से अजय दुबे और शेखर अग्रवाल के नाम पर विचार हो रहा है। कांग्रेस को राजद को समझाने की भी समस्या है जिसने गठबंधन के दलों के सामने अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं।

By Ashish Jha Edited By: Mukul Kumar Updated: Sun, 27 Oct 2024 10:32 AM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए धनबाद और बोकारो से उम्मीदवार का चयन किसी सिरदर्द से कम नहीं है। बोकारो से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को उम्मीदवार बनाने की चर्चा है । उन्हें धनबाद से भी चुनाव लड़ने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव से इन्कार कर दिया है।

दूसरी ओर, धनबाद से कांग्रेस पार्टी के नेताओं में एक बार फिर अजय दुबे का नाम सबसे आगे है, लेकिन हाल के दिनाें में पूर्व मेयर शेखर अग्रवाल के नाम की भी जोरदार चर्चा है।

माना जा रहा है कि कांग्रेस इन्हें टिकट दे सकती है। इन्हें टिकट मिलने पर धनबाद का मुकाबला भी जोरदार होगा। रविवार अथवा साेमवार को दोनों सीटों पर निर्णय लिए जाने की पूरी संभावना है।

कांग्रेस के सामने एक और बड़ी समस्या है राजद को समझाने की। राजद ने झामुमो, वामदल और कांग्रेस उम्मीदवारों के सामने अपने कैंडिडेट उतार दिए हैं। इससे गठबंधन में टूट के आसार बढ़ गए हैं। छतरपुर, विश्रामपुर, गढ़वा, धनवार आदि विधानसभा क्षेत्रों में गठबंधन के दलों के बीच टूट की स्थिति बनी हुई है।

कुछ सीनियर नेताओं को राजद को समझाने की जिम्मेदारी

इसको देखते हुए कांग्रेस के कुछ सीनियर नेताओं को राजद को समझाने की जिम्मेदारी दी गई है। तमाम वरीय नेता नियमित रूप से राजद के शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में हैं।

दूसरे चरण के उम्मीदवारों के नामांकन के पहले राजद उम्मीदवारों के नाम वापस लेने का दबाव बनाया जाएगा। ऐसा नहीं होने पर वामपंथी दल, झामुमो और कांग्रेस राजद उम्मीदवारों के विरोध में खड़े हो सकते हैं जिससे महागठबंधन की स्थिति खराब होगी।

तमाम मुद्दों पर पार्टी लाइन को समझने और केंद्रीय नेतृत्व को जमीनी हकीकत बताने के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी नई दिल्ली गए हुए हैं। इन दोनों की रिपोर्ट पर धनबाद और बोकारो के उम्मीदवारों की घोषणा तो होगी ही, गठबंधन को लेकर रणनीति भी बनेगी।

भवनाथपुर के कांग्रेसियों ने सामूहिक इस्तीफा दिया

भवनाथपुर विधानसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार का कांग्रेस के स्थानीय नेता विरोध कर रहे हैं और शनिवार को सभी ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है।

पार्टी अध्यक्ष को लिखे पत्र में कांग्रेसियों ने कहा है कि आपको भवनाथपुर विधानसभा अंतर्गत आने वाले सभी प्रखंड अध्यक्षों एवं बीस सूत्री अध्यक्षों और जिला कमेटी के सदस्यों ने अवगत कराया था कि भवनाथपुर कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है।

यहां से कांग्रेस के सात बार विधायक हुए हैं, लेकिन तमाम जानकारी दिए जाने के बावजूद यह सीट झामुमो को दे दी गई। अब झामुमो ने अनंत प्रताप देव को अपना प्रत्याशी बनाया। कांग्रेस नेताओं के अनुसार यह वही अनंत प्रताप देव हैं जिन्होंने 2014 के विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस के सिंबल और झंडा का अपमान किया था।

इसके साथ ही उन्होंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी तक के साथ गद्दारी की थी। कांग्रेसियों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि आपके इस फैसले से हम सभी आहत एवं मर्माहत हैं। और हम वैसे व्यक्ति का प्रचार-प्रसार और उनके समर्थ में कार्य नहीं कर सकते जिसने कांग्रेस पार्टी का अपमान किया था।

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