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Jharkhand Assembly Session: झारखंड विधानसभा में 4 विधेयक पारित, सदन पहुंचे हेमंत सोरेन; विपक्ष का हंगामा जारी

आज सुबह से ही विधानसभा परिसर में बीजेपी के निलंबित विधायकों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। विपक्ष के जो विधायक सस्पेंड नहीं हैं उन्होंने भी कार्यवाही में भाग नहीं लेने का फैसला लिया। हालांकि सभी विधायक द्वितीय पाली की कार्यवाही में आ गए। दूसरी ओर सदन में सरकार ने आज कई अहम विधेयक भी पेश किए गए। 4 विधेयक पारित भी करवा लिए गए।

By Jagran News Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 02 Aug 2024 02:47 PM (IST)
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झारखंड विधानसभा में आज भी हंगामा जारी है।

जागरण टीम, रांची। Jharkhand Assembly Session झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के छठे दिन की कार्यवाही जारी है। सदन में आज 4 विधेयक पारित हुए। खास बात यह रही कि पहली पाली की कार्यवाही में सदन में विपक्षी विधायक नजर नहीं आए। विपक्षी विधायकों के सीटें खाली थीं।

हालांकि, द्वितीय पाली में बीजेपी विधायकों ने भारत माता की जय के नारों के साथ सदन में एंट्री ली। वहीं, 40 मिनट की कार्यवाही के बाद ही बीजेपी विधायकों ने सत्र का बहिष्कार कर दिया और हाउस से बाहर निकल गए।

सदन में पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहुंच चुके हैं। इसके बाद सरगर्मी बढ़ गई है। दर्जनभर मार्शल भी आ गए। उधर, मुख्यमंत्री के पहुंचने के बाद विपक्ष के भाजपा विधायक भी सदन में पहुंचने लगे। विपक्ष को मुख्यमंत्री से जवाब चाहिए, जिसके लिए वे लगातार हंगामा कर रहे हैं।

मानसून सेशन की द्वितीय पाली में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि जब सदन चल ही नहीं रहा था तो विपक्ष के विधायकों को कौन-से जुर्म के लिए निलंबित किया गया। उन्होंने आगे कहा, हमने तो केवल सरकार के चुनाव पूर्व के वादों पर सरकार का जवाब मांगा था। जब तक मुख्यमंत्री (हेमंत सोरेन) हमारे सवालों का जवाब नहीं देंगे, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

बाउरी ने कहा कि यह पहली बार है जब सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद विधायकों को निलंबित किया गया है।

अमर बाउरी के बयान पर सत्ता विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि विपक्ष सदन की कार्यवाही को बाधित करने की कोशिश कर रहा है। केंद्र में इनकी सरकार है। केंद्र ने प्रतिवर्ष दो करोड़ की नौकरी व 15 लाख गरीबों के खाते में देने का क्या हुआ? केंद्र को पहले इन सवालों का जवाब देना चाहिए।

सदन में भाजपा के विधायक अनंत ओझा ने कहा कि विधायकों के निलबंन का प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री के माध्यम से आना चाहिए था। कहीं न कहीं संसदीय कार्य मंत्री भी यह समझ रहे हैं कि विपक्ष के साथ गलत हो रहा है, इसलिए वे शांत रहे।

उन्होंने कहा कि आज दोपहर दो बजे तक के लिए विपक्ष के विधायक निलंबित थे। विधेयक पर उन्हें चर्चा में शामिल होना था। दो बजे के बाद ही विधेयक पर चर्चा होनी थी। इसके बावजूद प्रथम पाली में ही विधेयक पारित कर लिया गया।

विधायर सरयू राय ने उठाया गंदे पानी की सप्लाई का मामला

विधायक सरयू राय ने जमशेदपुर में स्वर्णरेखा नदी से गंदा पानी सप्लाई का मामला गैर सरकारी संकल्प में उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार चांडिल डैम से जमशेदपुर में पेयजल आपूर्ति करे। इसके लिए एक समिति बनाकर इसकी जांच करवा लें। इसके जवाब में मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि चांडिल डैम का ही पानी स्वर्णरेखा नदी में आता है। सरयू राय चाहें तो पेयजलापूर्ति की पानी की लैब में जांच करवा लें, पानी की गुणवत्ता खराब होगी तब कोई निर्णय लिया जाएगा।

गौरतलब है कि गुरुवार को 18 विपक्षी विधायकों को स्पीकर ने निलंबित कर दिया था। विधायकों ने गुरुवार को सदन में स्पीकर के सामने पर्चे फेंके थे और रिपोर्टर टेबल पर चढ़ गए थे। इसके बाद स्पीकर ने एक्शन लिया।

निलंबित विधायकों ने किया प्रदर्शन

वहीं, आज सुबह विधानसभा परिसर में बीजेपी के निलंबित विधायकों ने प्रदर्शन शुरू किया। विपक्ष के जो विधायक सस्पेंड नहीं हैं, उन्होंने भी कार्यवाही में भाग नहीं लेने का फैसला लिया।

वहीं, सुबह जब कार्यवाही शुरू हुई तो भारतीय जनता पार्टी के सभी 18 निलंबित विधायक विधानसभा परिसर में मौजूद मुख्यमंत्री चैंबर के बाहर धरने पर बैठ गए।

सरकार ने पेश की सीएजी रिपोर्ट, 4 विधेयक पारित

दूसरी ओर, सदन में सरकार ने आज सीएजी की रिपोर्ट को पेश किया है। इसी के साथ सरकार ने चार विधेयक भी पारित किए हैं। झारखंड निजी विश्वविद्यालय विधेयक, 2024, झारखंड अग्निशमन सेवा विधेयक, 2024, 

झारखंड कारा एवं सुधारात्मक सेवाएं विधेयक, 2024 और झारखंड खनिज धारित भूमि उपकर विधेयक, 2024 पारित हो गया है।

नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी सहित पूरा विपक्ष इन्हीं सवालों का मुख्यमंत्री से जवाब मांग रहा है। कहा जब तक मुख्यमंत्री जवाब नहीं देंगे तब तक वे चुप नहीं बैठेंगे।

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नोट- खबर को अपडेट किया जा रहा है।

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