Jharkhand Assembly : भाजपा विधायकों के बहिष्कार के बीच 8,111 करोड़ का दूसरा अनुपूरक बजट हुआ पारित
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन काफी हंगामेदार रहा लेकिन इसी बीच 8111 करोड़ रुपये की द्वितीय अनुपूरक मांग को विधानसभा ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। वित्त मंत्री डा. रामेश्वर उरांव ने कहा कि केंद्र की योजनाओं में राज्यांश देने के लिए सरकार को अलग से निधि की आवश्यकता पड़ती है। कल्याणकारी योजनाओं पर राशि खर्च करने के लिए अलग से प्रविधान करना होता है।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Wed, 20 Dec 2023 08:56 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची। शीत सत्र के दौरान मंगलवार को दूसरी पाली में भाजपा सदस्यों की अनुपस्थिति में 8,111 करोड़ रुपये की द्वितीय अनुपूरक मांग को विधानसभा ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। आजसू के विधायक लंबोदर महतो के कटौती प्रस्ताव पर पक्ष-विपक्ष से 10 विधायकों ने अपने-अपने विचार रखे। तमाम विचारों पर वित्त मंत्री डा. रामेश्वर उरांव ने सरकार का पक्ष रखा और सदन से मांग को स्वीकृति प्रदान करने की मांग की, जिस पर ध्वनिमत से फैसला लिया गया।
राज्य सरकार को इस वजह से लेना पड़ता है ऋण
उरांव ने कहा कि केंद्र की योजनाओं में राज्यांश देने के लिए सरकार को अलग से निधि की आवश्यकता पड़ती है। कल्याणकारी योजनाओं पर राशि खर्च करने के लिए अलग से प्रविधान करना होता है।झारखंड में 60 प्रतिशत गरीब हैं और इनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार को ऋण लेना पड़ता है। अधिकतम तय सीमा तीन प्रतिशत होने के बावजूद झारखंड सरकार ने अब तक अपने बजट के हिसाब से 1.25 प्रतिशत ऋण लिया है।
झारखंड को केंद्र से नहीं मिल रही बकाया राशि
कटौती प्रस्ताव पेश करते हुए आजसू के लंबोदर महतो ने कहा कि सरकार बजट की राशि खर्च नहीं कर पा रही है।झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि झारखंड सरकार केंद्र से बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये की लगातार मांग कर रही है, लेकिन 200-200 करोड़ रुपये देकर केंद्र पल्ला झाड़ ले रहा है।
उन्होंने प्रधानमंत्री आवासों की कटौती का सवाल भी उठाया। आजसू पर भाजपा का पिछलग्गू होने का आरोप लगाया।
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