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Jharkhand: भाजपा ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, सचिवालय घेराव के दौरान पुलिस कार्रवाई की न्यायिक जांच की मांग की

Jharkhand Politics भाजपा ने 11 अप्रैल को सचिवालय घेराव के दौरान हुए लाठीचार्ज व पुलिस कार्रवाई की न्यायिक जांच की मांग राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से की है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के नेतृत्व में प्रदेश भाजपा के शिष्टमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर इसे लेकर ज्ञापन सौंपा।

By Jagran NewsEdited By: Prateek JainUpdated: Sat, 15 Apr 2023 08:46 PM (IST)
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Jharkhand: भाजपा ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, सचिवालय घेराव के दौरान पुलिस कार्रवाई की न्यायिक जांच की मांग की
रांची, राज्य ब्यूरो: भाजपा ने 11 अप्रैल को सचिवालय घेराव के दौरान हुए लाठीचार्ज व पुलिस कार्रवाई की न्यायिक जांच की मांग राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से की है।

शनिवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्य सभा सदस्य दीपक प्रकाश के नेतृत्व में प्रदेश भाजपा के एक शिष्टमंडल ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात कर इसे लेकर ज्ञापन सौंपा।

ये नेता राज्‍यपाल से मिले 

राज्यपाल से मिलनेवालों में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, प्रदेश महामंत्री बालमुकुंद सहाय एवं प्रदीप वर्मा सम्मिलत थे।

भाजपा नेताओं ने अपने ज्ञापन में कहा कि प्रदेश भाजपा ने कई सांगठनिक कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य सरकार की नाकामियों और जन विरोधी नीतियों को उजागर किया है।

इस क्रम में पार्टी ने प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन की घोषणा की थी, लेकिन हेमंत सरकार भाजपा के आंदोलन से डरी और सहमी है, इसलिए भाजपा के हर आंदोलन को सत्ता का दुरुपयोग करते हुए कुचलने की कोशिश करती रही है।

हेमंत सरकार ने जनआंदोलन को कुचलने की नई परंपरा शुरू की: भाजपा

सचिवालय घेराव कार्यक्रम में तो हेमंत सरकार ने अपने खिलाफ हो रहे जनांदोलनों को कुचलने की नई परंपरा शुरू कर दी।

आंदोलन के एक दिन पूर्व सभी जिलों में सरकारी आदेश जारी कर एंटी क्राइम चेकिंग के नाम पर प्रदर्शन में आनेवाले नेताओं, वाहन चालकों एवं आम जनता को थाना प्रभारियों द्वारा डराया धमकाया गया।

कार्यकर्ताओं को आने से रोका गया: बीजेपी

रैली में आ रहे वाहनों की पूरे रास्ते में जगह जगह चेकिंग की गई, ताकि भाजपा कार्यकर्ता राजधानी रांची तक नहीं पहुंच सके। इसके बाबजूद प्रदेश भाजपा द्वारा आयोजित सचिवालय घेराव कार्यक्रम पूरी तरह लोकतांत्रिक था।

वहीं, इस कार्यक्रम में शामिल हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं ने धैर्य एवम संयम का परिचय दिया। ऐसे में पुलिसिया धौंस, फर्जी मुकदमों, संगीन अपराध की कानूनी धाराओं के आधार पर हेमंत सरकार अपने कुकृत्यों पर पर्दा डालना चाहती है।

इसलिए राज्यपाल सचिवालय घेराव कार्यक्रम में हुई पुलिसिया कार्रवाई, लाठीचार्ज, नेताओं-कार्यकर्ताओं पर हुए फर्जी मुकदमों की न्यायिक जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई हेतु आवश्यक निर्देश देने की कृपा करें।

ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों की छापेमारी में राज्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के गंभीर मामले आए दिन उजागर हो रहे हैं।

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