Jharkhand Budget Session: हंगामे की भेंट चढ़ा आज का सत्र, पक्ष-विपक्ष हुए आमने-सामने; इन मुद्दों पर जमकर हुई तकरार
Jharkhand Budget Session जेएसएससी पेपर लीक मामले को लेकर विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन सोमवार को विपक्ष का विरोध-प्रदर्शन जारी रहा। भाजपा के सारे विधायक इसकी सीबीआइ जांच की मांग पर अड़े रहे। उनका कहना था कि राज्य सरकार द्वारा गठित एसआइटी इसकी सही जांच नहीं कर पाएगी क्योंकि इसे सत्ता पक्ष का ही संरक्षण प्राप्त रहा है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन सोमवार को भी विपक्ष का प्रदर्शन जारी रहा। भाजपा के सारे विधायक इसकी सीबीआइ जांच की मांग पर अड़े रहे। उनका कहना था कि राज्य सरकार द्वारा गठित एसआइटी इसकी सही जांच नहीं कर पाएगी, क्योंकि इसे सत्ता पक्ष का ही संरक्षण प्राप्त रहा है।
भाजपा विधायकों के प्रदर्शन के कारण प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया। महज दो-तीन सवालों पर ही सरकार का जवाब आ सका। भाजपा विधायकों के प्रदर्शन के बीच ही स्पीकर शून्यकाल की कुछ सूचनाएं ले सके। इसके अलावा वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने झारखंड सरकार की आर्थिक सर्वेक्षण-2023-24 की रिपोर्ट सदन में रखी।
सदन की कार्यवाही पूरे दिन में 15 मिनट चल पाई
सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के विधायक आसन से पूछने लगे कि पेपर लीक मामले की सीबीआइ जांच का क्या हुआ। जवाब नहीं मिलने पर सभी आसन के समक्ष पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। किसी तरह सदन की कार्यवाही 15 मिनट चल पाई।हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने कार्यवाही अपराह्न 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। 12.34 बजे दोबारा कार्यवाही शुरू होने के बाद भी भाजपा विधायक आसन के समक्ष नारेबाजी करने लगे। इस बीच ही कुछ विधायकों ने शून्यकाल की सूचनाएं दीं।इससे पहले भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्नपत्र लाखों रुपये में बिके हैं। सरकार इसकी सीबीआई जांच कराए तब पता चलेगा कि इसका सूत्रधार कौन है तथा सरकार के कौन लोग जिम्मेदार हैं। इस पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि मामले की एसआइटी जांच कराई जा रही है।
यदि एसआइटी जांच नहीं कर पाई तो सरकार इस पर आगे निर्णय लेगी। कहा कि सरकार यह नहीं कह रही कि वह इसकी जांच नहीं कराएगी। सरकार ने इस पर संज्ञान भी लिया है। नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने मंत्री के जवाब पर कहा कि एसआइटी द्वारा बड़े लोगों तक पहुंचने से पहले ही मामले को दबा दिया जाएगा। पेपर लीक के जिम्मेदार लोग सदन में ही बैठे हैं।
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