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झारखंड कैबिनेट के अहम फैसले: असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए PHD की अनिवार्यता खत्म, अब 99 साल के लिए लीज बंदोबस्ती

Jharkhand Cabinet Decision बुधवार को हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें 32 प्रस्तावों पर मुहर लगी। हेमंत सरकार ने झारखंड में सरकारी भूखंडों की लीज बंदोबस्ती 30 साल से बढ़ाकर 60 साल 90 साल और 99 साल तक के लिए कर दिया गया है। वहीं असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पीएचडी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है।

By Ashish JhaEdited By: Shashank ShekharUpdated: Wed, 22 Nov 2023 09:02 PM (IST)
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झारखंड कैबिनेट के अहम फैसले: असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए PHD की अनिवार्यता खत्म
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में सरकारी भूखंडों की लीज बंदोबस्ती 30 साल के लिए होती है, जिसे बढ़ाकर अब 60 साल, 90 साल और 99 साल तक किया जा सकेगा। इससे राज्य सरकार को अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति भी होगी एवं लीज पर जमीन लेनेवाली एजेंसियों को बार-बार आवेदन नहीं करना होगा।

राज्य मंत्रिपरिषद की बुधवार को हुई बैठक में राजस्व विभाग के इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अलावा असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पीएचडी की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। नेट और जेट पास अभ्यर्थी इस पद के लिए आवेदन कर सकेंगे।

कैबिनेट की बैठक में कुल 32 प्रस्ताव पर लगी मुहर

यह निर्णय हाल में यूजीसी की ओर से जारी निर्देश के आलोक में लिया गया है। कैबिनेट की बैठक में कुल 32 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई। इनमें आधा दर्जन के करीब सड़कों के मजबूतीकरण और पुनर्निर्माण का प्रस्ताव भी शामिल हैं।

महत्वपूर्ण निर्णयों में एससी-एसटी एक्ट के तहत इंस्पेक्टर और दारोगा को अधिक अधिकार दिए जा रहे हैं। झारखंड में अभी तक प्रावधान था कि डीएसपी स्तर से कनीय अधिकारी इस मामले का अनुसंधान नहीं कर सकते हैं। एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत अब इंस्पेक्टर और दारोगा को भी अनुसंधान का अधिकार दिया जा रहा है।

परगनैत को मिलने वाली सम्मान राशि को बढ़ाया गया

इसके पीछे विभाग का तर्क यह है कि बड़ी संख्या में मामलों का अनुसंधान लंबित रह रहा था। प्रदेश में सीमित संख्या में डीएसपी होने और मामलों की संख्या अधिक होने के कारण यह स्थिति बनी थी।

एक अन्य फैसले में कैबिनेट ने परगनैत को मिलने वाली सम्मान राशि को एक हजार से बढ़ाकर तीन हजार रुपये प्रति माह कर दिया है। राज्य में फिलहाल 194 परगनैत हैं। इसके अलावा मानकी को तीन हजार रुपये प्रति माह सम्मान राशि के तौर पर मिल रहा है तो मुंडा को दो हजार रुपये प्रतिमाह।

किस्को पुलिस अनुमंडल के गठन को स्वीकृति

लोहरदगा जिले में दूसरा पुलिस अनुमंडल के गठन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। आपराधिक एवं नक्सल गतिविधियों पर लगाम कसने के उद्देश्य से पांच थानों को मिलाकर यह पुलिस अनुमंडल गठित किया गया है। इन थाना क्षेत्रों में किस्को थाना, बगडू थाना, जोबांग थाना, पेशरार थाना और सेरेंगदाग थाना शामिल हैं।

प्रस्तावित अनुमंडल के लिए एक अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, आशु सहायक अवर निरीक्षक एक, सशस्त्र हवलदार दो, सशस्त्र आरक्षी चार और तीन आरक्षी एवं दो चालक आरक्षी का पद सृजित करने की आवश्यकता होगी। पदों के सृजन और वाहनों के क्रय के लिए प्रशासी पदवर्ग समिति का अनुमोदन प्राप्त करना होगा।

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