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GROUND REPORT: रांची स्टेट लाइब्रेरी में दूषित पेयजल के कारण छात्र हो रहे बीमार, मंत्री जी के वादे हवा-हवाई

Ranchi State Library in Bad Condition झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो 23 अगस्त को जब स्टेट लाइब्रेरी का निरीक्षण करने पहुंचे तो छात्रों को आश्वासन दिया की जल्द ही समस्या दूर होगा। लेकिन अब तक ऐसा कुछ हुआ नहीं। दैनिक जागरण संवाददाता कुमार गौरव की ये रिपोर्ट देखिए...

By kumar GauravEdited By: Sanjay KumarUpdated: Wed, 12 Oct 2022 05:56 PM (IST)
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Ranchi State Library in Bad Condition: रांची स्टेट लाइब्रेरी में बुनियादी सुविधाओं का है टोटा।
रांची, [कुमार गौरव] Ranchi State Library in Bad Condition तारीख 23 अगस्त, मौका था, स्टेट लाइब्रेरी में मिल रही सुविधाओं का निरीक्षण करने पहुंचे शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो...। अपनी विभिन्न मांगाें को लेकर छात्रों ने शिक्षा मंत्री का घेराव कर दिया था। छात्र छात्राओं की उग्रता को देख शिक्षा मंत्री ने करीब दो घंटे तक संबंधित विभाग के पदाधिकारियों व स्टेट लाइब्रेरी के पदाधिकारियों के साथ वहां की अराजक स्थिति का जायजा लिया और छात्रों को एक माह के अंदर सबकुछ सामान्य हो जाने का आश्वासन दिया था। जिसके बाद छात्रों की भीड़ शांत हुई। इसी बीच कयास लगाए जाने लगे कि अब स्टेट लाइब्रेरी के दिन बहुरेंगे लेकिन दो माह बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।

खराब पानी पीने से बच्चे हो रहे बीमार

दैनिक जागरण संवाददाता ने स्टेट लाइब्रेरी पहुंचकर देखा कि आज भी यहां पढ़ने आने वाले छात्र छात्राएं अपने अपने घरों से या फिर रांची यूनिवर्सिटी के कैंपस में लगे आरओ से बोतल में पानी भरकर लाते हैं और तीन चार घंटे तक अपनी पढ़ाई करते हैं। गंदा पेयजल के सेवन से कुछ छात्र तो बीमार पड़ गए। किसी को जांडिस तो किसी को डायरिया का सामना करना पड़ रहा है। इसके बाद भी शासन प्रशासन की नींद नहीं टूट रही है।

छात्रों ने बताया कि बोतल में जो पानी स्टेट लाइब्रेरी के नल से भरा गया है वो काफी प्रदूषित है और इसे पीने के बाद स्वस्थ आदमी भी बीमार पड़ जाए। बोतल का पानी स्टेट लाइब्रेरी के नल से भरा गया है।

छात्रों ने की तालाबंदी, पढ़ाई जारी

संवाददाता के अनुसार, एक बार फिर विवश होकर छात्रों ने स्टेट लाइब्रेरी में तालाबंदी कर दी है। अब तो छात्रों का कहना है कि जब तक कम से कम स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था नहीं होगी तब तक तालाबंदी की जाएगी। हालांकि इसी बीच पठन पाठन भी जारी है।

दो माह पूर्व मंत्री जी ने ये किए थे वादे

  • 62 करोड़ की लागत से बनने वाली लाइब्रेरी को कैबिनेट से मिलेगी मंजूरी।
  • स्टेट लाइब्रेरी को आधुनिक तकनीक से लैस किया जाएगा।
  • किताबों का इनसाइक्लोपीडिया तैयार कर योजना को मूर्तरुप दिया जाएगा।
  • एक माह के अंदर वाईफाई की सुविधा और आरओ प्लांट लगाने की घोषणा मंत्री जी ने की थी।
  • स्टेट लाइब्रेरी की समय सीमा को एक घंटा और बढ़ाने का दिया था निर्देश।
  • शिक्षा मंत्री ने मौजूद पदाधिकारियों को सख्त लहजे में समस्याओं के निराकरण का निर्देश दिया था।
  • रिजनल लैंग्वेज की पुस्तकों समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकों की जल्द खरीदारी।

स्टेट लाइब्रेरी में नहीं है रिजनल लैंग्वेज की किताबें

संवाददाता के अनुसार, एक ओर जहां झारखंड सरकार क्षेत्रीय भाषा को बढ़ावा देने के लिए हरेक प्रतियोगी परीक्षाओं में इसे समाहित कर रही है। वहीं दूसरीं ओर स्टेट लाइब्रेरी में क्षेत्रीय भाषाओं की कोई किताब तक उपलब्ध नहीं है। जिससे छात्राें को अपने स्तर पर ही इन किताबों का जुगाड़ करना पड़ता है। वहीं 5 से 6 घंटे तक लाइब्रेरी में रहने के बाद भी यहां न तो पेयजल की समुचित व्यवस्था है और न ही कैंटीन की ही सुविधा दी जा रही है।

जबकि सूत्रों की माने तो प्रतिवर्ष लाइब्रेरी मद में सरकार करीब 20 लाख रुपए खर्च करती है। फलाफल सिर्फ पुरानी 15 हजार किताबें ही छात्रों को मिल रही हैं बाकी सुविधाएं नदारद है। छात्रों ने बताया कि कई बार आवेदन दिए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि यहां बैंकिंग, जेपीएससी, यूपीएससी, रेलवे, एसएससी, क्लैट समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने छात्र छात्राएं पहुंचते हैं।

ये हैं छात्रों की मांगें

  • पेयजल की हो समुचित व्यवस्था।
  • शौचालय की जर्जर स्थिति को दुरुस्त कराया जाए।
  • लाइब्रेरी में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए समुचित किताबों की व्यवस्था।
  • समय सीमा को बढ़ाया जाना।
  • रविवार या छुट्टी के दिन भी लाइब्रेरी को खोला जाना।
  • कंप्यूटर रुम के कंप्यूटर का रखरखाव और इंटरनेट की सुविधा।
  • कैंटीन की हो व्यवस्था।
  • टेबल व कुर्सी की हो खरीदारी।
  • लाइब्रेरी में जलनिकासी की हो व्यवस्था।
  • सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए।
  • आउटसोर्स कर्मी के बजाए लाइब्रेरी के उच्च पद पर सरकारी सेवक की हो नियुक्ति।

राज्य की सबसे बड़ी लाइब्रेरी की देखभाल को दस कर्मी

राज्य की सबसे बड़ी स्टेट लाइब्रेरी रांची में प्रतिदिन हजारों की संख्या में छात्र छात्राएं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी को आते हैं। लेकिन इतने बड़े कैंपस की देखभाल के लिए सिर्फ दस कर्मियों की नियुक्ति लायल प्रोटेक्शन एंड साल्युशन एजेंसी के द्वारा की गई है। बता दें कि एजेंसी के द्वारा 01 लाइब्रेरियन, 02 कंप्यूटर आपरेटर, 02 हाउस कीपिंग स्टाफ, 01 माली, 03 सिक्याेरिटी गार्ड और सिर्फ 01 स्वीपर को तैनात किया गया है।

छात्रों क्या है कहना...

छात्र अभिषेक कुमार का कहना है कि शिक्षा मंत्री के आश्वासन का कोई असर नहीं दिख रहा है। आज भी हमलोग घर से या खरीदकर पानी लाते हैं। कई छात्र बीमार पड़ चुके हैं। लेकिन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

छात्र अभय ने बताया कि सिर्फ कहने को स्टेट लाइब्रेरी है। यहां बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं। शिक्षा मंत्री ने जल्द ही वाईफाई समेत किताबों की उपलब्धता की बात कही थी लेकिन कुछ नहीं हुआ।

छात्र संजीव कुमार ने कहा कि स्टेट लाइब्रेरी में मिल रहे पानी का सेवन करने के बाद मुझे डायरिया की शिकायत रहने लगी।

छात्र प्रेम कुमार ने बताया कि हमलोग घर से ही पेयजल लाते हैं। किताबों के अभाव में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

छात्र मनोज कुमार ने कहा कि रिजनल लैंग्वेज की किताबें अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। जबकि सरकार और यूजीसी रिजनल लैंग्वेज को बढ़ावा देने पर आमादा है।

छात्र शशिशेखर ने बताया कि आनन फानन तरीके से स्टेट लाइब्रेरी को संचालित किया जा रहा है। जबकि यहां बुनियादी सुविधाओं समेत किताबों का अभाव है।

छात्रों की मांग जायज है: लाइब्रेरियन

रांची स्टेट लाइब्रेरी के एजेंसी द्वारा नियुक्त लाइब्रेरियन अमरेंद्र कुमार का कहना है कि छात्रों की मांग जायज है और पेयजल समेत अन्य समस्याओं को लेकर माध्यमिक शिक्षा के निदेशक सुनील कुमार के साथ बुधवार को वार्ता भी हुई है। लायल प्रोटेक्शन एंड साल्युशन एजेंसी की ओर से विभाग को मांग पत्र से अवगत कराया गया है। वहां से दिशा निर्देश प्राप्त होते ही कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

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