Jharkhand: बैंक धोखाधड़ी मामले में सीबीआइ ने देश के 16 ठिकानों पर की छापेमारी, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद
4 हजार करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में सीबीआइ ने कॉरपोरेट पावर लिमिटेड कंपनी से जुड़े देश के 16 ठिकानों पर शुक्रवार को एक साथ छापेमारी की। छापेमारी में बैंक धोखाधड़ी से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेजों की बरामदगी भी हुई है।
रांची, राज्य ब्यूरो: चार हजार करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में सीबीआइ ने कॉरपोरेट पावर लिमिटेड नामक कंपनी और उसके निदेशकों से जुड़े देश के 16 ठिकानों पर शुक्रवार को एक साथ छापेमारी की। इन ठिकानों में रांची के कांके रोड स्थित चार ठिकानों के अलावा नागपुर, मुंबई, कोलकाता, दुर्गापुर, गाजियाबाद और विशाखापत्तनम शामिल हैं। सीबीआइ की छापेमारी में बैंक धोखाधड़ी से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेजों की बरामदगी भी हुई है।
सीबीआइ ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से प्राप्त शिकायत के आधार पर कोलकाता स्थित कंपनी, उनसे जुड़े पदाधिकारियों, अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों पर प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें 20 बैंकों के समूह को चार हजार करोड़ रुपये की हानि पहुंचाने का आरोप है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 30 सितंबर 2013 को इस कंपनियों के खाते को एनपीए घोषित किया था, बाद में 25 अक्टूबर 2019 को उन कंपनियों और आरोपितों पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए जांच की।
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि अभिजीत समूह की कई कंपनियां और उसके कुछ निदेशक कोयला घोटाले के मामलों में पहले से ही सीबीआइ जांच का सामना कर रहे हैं। उनपर चार्जशीट भी दाखिल है। यह भी पता चला कि आरोपित कंपनी ने वर्ष 2009 से 2013 के बीच हेराफेरी करके परियोजना लागत संबंधी कागजात जमा कर बैंकों से चार हजार करोड़ का ऋण लिया था।
यूनियन बैंक आरोप है कि आरोपितों ने आपराधिक इरादे से धोखाधड़ी की है। धोखाधड़ी का आरोप कंपनी के अलावा मनोज जायसवाल, अभिषेक जायसवाल, अभिजीत जायसवाल, राजीव कुमार, विशाल जायसवाल, मुन्ना कुमार जायसवाल, पी.एन. कृष्णन, राजीव गोयल, अरुण कुमार श्रीवास्तव, एसएन गायकवाड़, प्रेम प्रकाश शर्मा और अरुण गुप्ता आदि पर लगा है। सीबीआइ मामले की जांच कर रही हैं।
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