इन क्षेत्रों में कमल, तीर कमान, हाथ हो या केला, सबने कैंची का खेला देखा। मतदाताओं से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर यह कहा जा सकता है कि दोनों जगहों पर कैंची की धार ही प्रत्याशियों की किस्मत तय करेगी।
खिजरी विधानसभा क्षेत्र में मुख्य लड़ाई कमल व हाथ के बीच है, लेकिन कैंची ने तेजी से दोनों के वोट बैंक में सेंधमारी की है।
यहां भाजपा से राम कुमार पाहन, कांग्रेस के राजेश कच्छप व झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के समुंदर पाहन चुनाव मैदान में हैं।इसी तरह सिल्ली विधानसभा क्षेत्र में असली लड़ाई केला व तीर कमान के बीच है और यहां भी कैंची ने दोनों के वोट बैंक में खूब सेंधमारी की है।
यहां आजसू पार्टी के केला छाप पर सुदेश महतो, झारखंड मुक्ति मोर्चा के तीर कमान छाप पर अमित महतो व झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के कैंची छाप पर देवेंद्र नाथ महतो चुनाव मैदान में हैं।
मतदाताओं ने कैसे चुना अपना नेता?
मतदाताओं ने प्रत्याशियों के चयन का आधार उनका व्यवहार, उनकी संवेदनशीलता व सहज उपलब्धता को बनाया था। जिसने मतदाताओं को सीधे कनेक्ट किया, उसे वोट मिला।
सड़क, नाली, पानी, जल, जंगल, जमीन आदि के मुद्दे से अधिकतर ग्रामीण मतदाताओं को काई मतलब नहीं था। अब बात करते हैं मतदाताओं में अपने मताधिकार के प्रयोग की उत्सुकता की। खिजरी विधानसभा क्षेत्र के अधिकतर मतदान केंद्रों पर प्रथम मतदाता बनने का होड़ था।राजकीयकृत कन्या मध्य विद्यालय सिलवे नामकुम के एक मतदाता उमेश पाहन व उनके साथी सुकरा ने बताया कि वे इस मतदान केंद्र पर सुबह साढ़े चार बजे पहुंचे थे।
दोनों घर से यह सोंचकर निकले थे कि वे पहले मतदाता का प्रमाण पत्र लेंगे, लेकिन वहां तो पहले से ही दर्जनभर से अधिक मतदाता पंक्तिबद्ध थे। उनलोगों ने पता किया तो जानकारी मिली कि सुबह साढ़े तीन बजे ही कई लोग लाइन में लग गए थे।मतदान सुबह सात बजे शुरू हो गया था। इस मतदान केंद्र पर तीन बूथ थे। यहां से 2100 मतदाता संबद्ध थे। सामलौंग के संत फ्रांसिस स्कूल व उसके पास ही आशीशी स्कूल में दिनभर मतदाताओं की लंबी कतार दिखी।
मतदान केंद्रों तक दूर-दराज गांव से वाहन आरक्षित कर पहुंचे वोटर
ग्रामीण क्षेत्रों के मतदान केंद्रों पर दूर-दराज गांव से मतदाता वाहन आरक्षित कर पहुंचे थे। खिजरी विधानसभा क्षेत्र में अनगड़ा स्थित राजाडेरा के राजकीयकृत उत्क्रमित उच्च विद्यालय में दो बूथ 160 व 161 पर महिला व पुरुष मतदाताओं की लंबी कतार थी।
बूढ़े, जवान सभी मतदान के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। करीब पांच से सात किलोमीटर दूर के मतदाताओं के लिए यही बूथ था। अपने-अपने गांव से मतदाता आरक्षित वाहन, आटो, रिक्शा आदि से वोट देने पहुंचे थे।अनगड़ा के राजाडेरा पंचायत के सुपा गांव से एक आटो रिक्शा से 11 महिला-पुरुष मतदाता मतदान करने पहुंचे थे। इनमें 95 साल की रिखी देवी, 70 साल की ननकी देवी, 42 साल की सुशीला देवी, 85 साल के वसु महतो, धनीराम महतो, लाछो देवी आदि शामिल थीं।
महिलाओं ने बताया कि मतदान उनका अधिकार है, इसलिए स्वयं ही गाड़ी आरक्षित कर वोट देने पहुंचीं हैं। उनके साथ एक युवक भी था जो बार-बार उनसे कह रहा था, याद रखबे, कैंची पर वोट देवे ला हउ। आसपास खड़े कुछ अन्य मतदाताओं ने केवल इतना ही कहा कि उस इलाके में कमल व हाथ के वोट बैंक में कैंची खूब चली है।
केंद्रीय बलों ने संभाल रखा था मोर्चा, संपन्न कराया शांतिपूर्ण मतदान
रांची के दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में केंद्रीय बलों ने मोर्चा संभाल रखा था। उनकी उपस्थिति व पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न हुआ।ग्रामीण क्षेत्रों, खासकर पूर्व में सिल्ली विधानसभा के अति संवेदनशील रहे क्षेत्रों के बूथों पर इंडो-तिब्बत बार्डर पुलिस (आइटीबीपी) के जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर चौकसी करते दिखे।
सोनाहातू क्षेत्र में सीआरपीएफ की महिला जवानों ने सुरक्षा की कमान संभाल रखी थी। बीएसएफ, रेलवे सुरक्षा बल, जिला पुलिस व स्थानीय थाने की पुलिस की चौकसी भी जारी रही। इसका असर यह हुआ कि इन क्षेत्रों में शांतिपूर्ण मतदान हुआ।
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