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झारखंडवासियों को हेमंत ने दे दी एक साथ ढेर सारी खुशखबरी, 200 यूनिट तक बिजली माफ; नौकरी-रोजगार को लेकर भी हुई घोषणा

Jharkhand News झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए 200 यूनिट तक बिजली बिल माफ करने का ऐलान किया है। इसके अलावा पूर्व के बिजली बिलों को भी माफ किया जाएगा। इस फैसले से राज्य के 39.44 लाख उपभोक्ताओं को फायदा होगा। साथ ही अग्निवीरों के लिए भी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।

By Ashish Jha Edited By: Mukul Kumar Updated: Thu, 29 Aug 2024 09:53 PM (IST)
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झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन। फोटो- सोशल मीडिया
राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य के उपभोक्ताओं का बिजली बिल 200 यूनिट तक माफ करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा पूर्व के भी बिजली बिल को माफ करने का निर्णय कैबिनेट ने लिया है।

इस निर्णय से राज्य के 39.44 लाख उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और सरकार पर 3584 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। कैबिनेट ने इसके साथ ही अग्निवीरों के लिए भी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है।

मिलिट्री आपरेशन के दौरान कर्त्तव्य निर्वहन के क्रम में वीरगति प्राप्त करने वाले राज्य निवासी सैनिक/अग्निवीरों के आश्रितों को दस लाख रुपये का विशेष अनुग्रह अनुदान एवं अनुकम्पा के आधार पर सरकारी नौकरी प्रदान करने की स्वीकृति दी गई।

इसके साथ ही कैबिनेट ने झारखंड वक्फ बोर्ड की नियमावली में संशोधन को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके तहत अब बोर्ड की परिसंपत्तियों के सर्वेक्षण का काम पूरा कराया जाएगा। कैबिनेट ने गुरुवार को कुल 44 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की।

इसके साथ ही कैबिनेट ने निशुल्क बालू देने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। राज्य में आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों को मुफ्त में बालू देने की योजना को घटनोत्तर तौर पर स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह योजना राज्य में पहले से चल रही है।

सरकार सिर्फ बोलती नहीं, सेवंदनाएं भी दिखाती है : हेमंत

यह सरकार आदिवासी, दलित, पिछड़ा, गरीब, मजदूर, महिला के प्रति सिर्फ बोलती ही नहीं, बल्कि अपनी संवेदनाएं भी निभाती है और संवेदनशीलता भी दिखाती है।

अग्निवीर भारत सरकार के द्वारा लाया गया योजना है। और अग्निवीर को लेकर देश में जो बातें आईं, आज सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अग्निवीर में शहीद होने वाले झारखंड के जवान के परिवार केा झारखंड पुलिस के तर्ज पर इसके अलावा राज्य में गरीबों के बिजली बिल का जो बकाया होगा उसको माफ किया जाएगा।

आंगनबाड़ी, रसोइया व पोषण सखी के बारे में भी आज संवेदनशीलता से विचार किया गया। ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए, राज्य की महिलाओं के दुख को समझते हुए उनके लिए भी अपनी संवेदनशीलता दिखाई है।

कैबिनेट के अन्य फैसले

  • अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के नियंत्रणाधीन आवासीय विद्यालयों के छात्रबल में वृद्धि के संबंध में स्वीकृति दी गई।
  • झारखंड राज्य के अल्पसंख्यक छात्र/छात्राओं के लिए छह इकाई आवासीय विद्यालयों के निर्माण एवं सात विद्यालयों (एक पूर्व में निर्मित) के संचालन की स्वीकृति से संबंधित निर्गत विभागीय संकल्प संख्या-1021, दिनांक-31.03.2022 को संशोधित करने की स्वीकृति दी गई।
  • राज्य सरकार के कर्मियों को अपुनरीक्षित वेतनमान (छठा केंद्रीय वेतनमान) में दिनांक 01.01.2024 के प्रभाव से महंगाई भत्ता की दरों में अभिवृद्धि की स्वीकृति दी गई। इसे 230 प्रतिशत से बढ़ाकर 239 प्रतिशत कर दिया गया है।
  • झारखंड की पेंशन मोचन निधि के संचालन हेतु दिशा-निर्देश की स्वीकृति दी गई।
  • राज्य के नवगठित शहरी स्थानीय निकायों एवं 05 नगर निगमों में आवश्यकता आधारित पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।
  • झारखंड राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर पूर्व मुख्य सचिव डीके तिवारी, की नियुक्ति की स्वीकृति दी गई।
  • झारखंड राज्य के राष्ट्रीय कैडेट कोर (एन०सी०सी०) के अंशकालीन पदाधिकारियों के मानदेय में वृद्धि का प्रस्ताव की स्वीकृति दी गई।
  • केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन ईको टूरिज्म योजना के अन्तर्गत नेतरहाट-बेतला- मिरचईया- दलमा-गेतलसूद-चाण्डिल सर्किट के पर्यटकीय विकास से संबंधित योजना की प्रशासनिक स्वीकृति रुपये 30.44 करोड़ के विरुद्ध रुपये 43.03 करोड़ का पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

10,388 पोषण सखियां हुईं फिर से बहाल, कैबिनेट की मिली स्वीकृति

राज्य ब्यूरो, जागरण. रांची : राज्य के छह जिलों में बच्चों के पोषण के लिए कार्य करनेवाली 10,388 पोषण सखियां फिर से बाहल हो गई हैं। राज्य मंत्रिपरिषद की गुरुवार को हुई बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के इस प्रस्ताव पर स्वीकृति मिल गई।

केंद्र द्वारा मानदेय बंद किए जाने के बाद राज्य सरकार ने एक अप्रैल 2022 की तिथि से इन्हें कार्य मुक्त कर दिया था।

इसके बाद ये पोषण सखियां पुनर्बहाल करने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रही थीं। राज्य के छह जिलों धनबाद, गिरिडीह, दुमका, गोड्डा, कोडरमा और चतरा में अतिरिक्त आंगनबाड़ी सेविका सह पोषण परामर्शी के रूप में इन पोषण सखियों की नियुक्ति 52 बाल विकास परियोजनाओं में अनुबंध पर हुई थी।

इनकी पुनर्बहाली भी अनुबंध पर हुई है। इन्हें पांच हजार रुपये मासिक मानदेय का भुगतान राज्य बजट से किया जाएगा।

शहरी क्षेत्रों में कार्यरत पारा शिक्षकों का भी बढ़ेगा चार प्रतिशत मानदेय

राज्य के शहरी क्षेत्रों में कार्यरत पारा शिक्षकों के प्रतिवर्ष चार प्रतिशत मानदेय वृद्धि का भी रास्ता साफ हो गया है। अब इनके मानदेय वृद्धि के लिए प्राधिकार समिति की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी। इसके लिए झारखंड सहायक अध्यापक सेवा शर्त नियमावली में संशोधन पर राज्य मंत्रिपरिषद की स्वीकृति मिल गई।

महिला रसोइया को अब वर्ष में 12 माह का मानदेय

सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनानेवाली महिला रसोइया को अब 10 माह की जगह वर्ष में 12 माह का मानदेय भुगतान होगा। अतिरिक्त दो माह के मानदेय का भुगतान राज्य सरकार अपने बजट से करेगी।

बताते चलें कि अभी तक महिला रसोइया को वर्ष में 10 माह के ही मानदेय का भुगतान प्रति माह दो हजार रुपये की दर से होता था, जबकि ये वर्ष भर काम करती हैं। वर्ष में कई अवकाश होने का हवाला देते हुए इन्हें 10 माह का ही भुगतान किया जाता था। केंद्र सरकार मानदेय में 10 माह का ही अंशदान देती है।

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