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Hemant Soren: 'जेल और लाठी-डंडे से नहीं डरते, झारखंडी लड़कर लेंगे हक'; रांची में गरजे CM हेमंत सोरेन

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बार फिर राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जब हम अधिकार मांगते हैं तो हमें जेल में डाल देते हैं लेकिन झारखंडी जेल और लाठी-डंडे से डरने वाला नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के लोग व्यापारी हैं। इनके पास इतने पैसे हैं कि जहां हारते हैं वहां पर सरकार खरीद लेते हैं।

By Manoj Singh Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 26 Sep 2024 08:33 PM (IST)
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हेमंत सोरेन ने रांची में जनसभा को संबोधित किया।

राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को एक बार फिर राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साधा। राजधानी के प्रभात तारा मैदान में 1.77 लाख किसानों के 400 करोड़ से अधिक के लोन माफी कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जब हम अधिकार मांगते हैं तो हमें जेल में डाल देते हैं, लेकिन झारखंडी जेल और लाठी-डंडे से डरने वाला नहीं है। लड़कर झारखंड लिया था। अब लड़कर अपना हक भी लेंगे।

उन्होंने कहा, विपक्ष ने लगातार झूठा आरोप लगाया और अंत में उन्हें जेल में डाल दिया। नेक इरादा और ईमानदारी से काम कर रही सरकार को अगर कोई झूठा आरोप लगाकर परेशान करता है तो गरीबों की हाय लगती है। आप लोगों के आशीर्वाद से फिर से हम आप लोगों के सामने हैं। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द राज्य में चुनाव होने वाला है। विपक्षी गिद्ध की तरह मंडरा रहे हैं। ऐसी-ऐसी शक्ल के लोग दिख रहे हैं, जिसे आपने कभी नहीं देखा होगा। यह लोग चुनाव में दिखेंगे। इनसे होशियार रहिएगा, क्योंकि चुनाव के बाद ये लोग नहीं दिखेंगे।

सोरेन ने कहा कि जब बेरोजगारों को रोजगार, महिला को सम्मान, बेटियों को शिक्षा, मजदूरों को काम देते है तो ये लोग न्यायालय चला जाता है और योजना को बाधित करता है। अब किसानों को सम्मान दे रहे हैं तो पता नहीं है कि इसको लेकर भी न्यायालय में जाए। हम सभी लड़ाई जीतेंगे। राज्य बनने के बाद सबसे ज्यादा भाजपा की सरकार रही है। उनकी एक भी उपलब्धि नहीं है। इन्होंने जल, जंगल और जमीन को उजाड़ने का प्रयास किया। हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई के नाम पर आपस में लड़ाकर राजनीतिक रोटी सेंकते हैं।

मुख्यमंत्री हेमंंत सोरेन ने कहा कि भाजपा के लोग व्यापारी हैं। इनके पास इतने पैसे हैं कि जहां हारते हैं, वहां पर सरकार खरीद लेते हैं। महाराष्ट्र इसका उदाहरण है। जहां खरीद नहीं सकते हैं। वहां पर झूठे केस में फंसाकर जेल भेज कर सरकार ही बदल दिया जाता है। इनके पास किसानों को देने के लिए एमएसपी, किसानों के लोन माफी, पेंशन देने का पैसा नहीं है, लेकिन बड़े-बड़े पूंजीपतियों का ऋण माफ करने का पैसा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में पूंजीपतियों के पास इतना पैसा है कि गिनते-गिनते पूरी उम्र गुजर जाएगी फिर भी गिन नहीं पाएंगे। ये लोग किसानों को आय दोगुनी करने की बात करते हैं मगर उन्हीं किसानों पर गोली और लाठी-ठंडा चलवाते हैं। किसानों ने भी एक साल तक दिल्ली को घेर कर बता दिया कि किसानों को मत छेड़ो। अंत में सरकार को तीनों काला कानून वापस लेना पड़ा। यह है देश के अन्नदाताओं की ताकत, जब ये अपने पर आ जाएं तो सरकारें बदल देते हैं।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनी तो अपने वादों के अनुसार किसानों के 50 हजार का लोन माफ किया। हम किसानों को वादों के अनुसार दो लाख तक लोन माफ कर रहे हैं। हमारा राज्य गरीब है। हमारे किसानों के पास जमीन ही बैंक है और फसल ही एटीएम है। किसान लोन लेकर खेती करते हैं। मौसम की मार के कारण फसल खराब हो जाती है और किसान कर्ज में डूब जाते हैं।

'अब इनकी नजर जंगल पर'

उन्होंने कहा कि व्यापारी लोगों को छत्तीसगढ़ का एक जंगल दे दिया गया। वहां आंदोलन चल रहा है। हो सकता है कि ये लोग यहां फिर से आ गए तो यहां के भी जंगल इन्हें सौंप दें। देश का हर चीज बेच दिया, देश को बेच दिया, परिसंपत्ति बेच दिया। अब जंगल भी बेचने की तैयारी में हैं ताकि आदिवासी ही खत्म हो जाएं।

'सिर्फ सब्जी नहीं, बल्कि फल-फूल भी उपजाएं'

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे किसान केवल मौसमी अन्य और सब्जी न उगाएं, बल्कि फल-फुल आदि भी उजपाएं। कश्मीर में उपजने वाले फल और फूल भी उगाएं। हमारे लोग मांस-मछली और अंडा भी खाते हैं। मछली और अंडा दूसरे प्रदेशों से आता है। हमारे किसान भाई पशुपालन करके राज्य में खपत को पूरी कर सकते हैं और अपनी आय बढ़ा सकते हैं।

ये भी रहे मौजूद

कार्यक्रम में राज्य के वित्त मंत्री डा. रामेश्वर उरांव, श्रम एवं उद्योग मंत्री सत्यानंद भोक्ता, कृषि मंत्री दीपिका पांडेय सिंह, विधायक राजेश कच्छप, सांसद डा महुआ माजी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, सीएम के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, विभागीय सचिव अबु बकर सिद्धिकी सहित कई लोग उपस्थित थे।