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Jharkhand News: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से हेमंत सरकार ने लगाई गुहार, जानिए किन मुद्दों पर हुई बात

Jharkhand Latest News झारखंड सरकार ने साइबर अपराध रोकने के लिए केंद्र से सहयोग मांगा है। सीआरपीएफ का बकाया माफ करने की मांग की है। हरियाणा के सूरजकुंड में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में दो दिवसीय चिंतन शिविर में वित्त मंत्री ने रखी मांग।

By Jagran NewsEdited By: M EkhlaqueUpdated: Fri, 28 Oct 2022 08:40 PM (IST)
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Jharkhand Samachar: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का फाइल फोटो।
रांची, राज्य ब्यूरो। हरियाणा के सूरजकुंड में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में चले दो दिवसीय चिंतन शिविर का शुक्रवार को समापन हो गया। दो दिनों तक चले इस चिंतन शिविर में अग्निशमन, नागरिक सुरक्षा और गृह रक्षक, पुलिस आधुनिकीकरण, आदर्श पुलिस अधिनियम, महिला सुरक्षा, शत्रु संपत्ति, राज्यों की पुलिसिंग, नागरिक पंजीकरण, भारत में विदेशी नागरिक आदि विषयों पर सभी राज्यों के गृह मंत्रियों, पुलिस प्रमुखों से केंद्रीय गृह मंत्री ने फीडबैक लिया और सुझाव भी मांगा।

पीएम मोदी ने भी बैठक को किया संबोधित

चिंतन शिविर के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वर्चुअल रूप से जुड़कर शिविर को संबोधित किए। इसके बाद झारखंड से वित्त मंत्री डा. रामेश्वर उरांव ने राज्य की जरूरतों व सरकार की कार्ययोजना से शिविर को अवगत कराया। वित्त मंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री को बताया कि साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है। इसे रोकने के लिए केंद्रीय अनुदान व सहयोग की जरूरत है, जिससे महंगे उपकरण की खरीद, इंफ्रास्ट्रक्चर व जन जागरूकता का कार्य किया जा सके। झारखंड में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान में लगे केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की राज्य में हुई प्रतिनियुक्ति से संबंधित बकाया माफ करने के लिए भी वित्त मंत्री ने आग्रह किया।

इन जिलों में साइबर अपराध रोकने की पहल

वित्त मंत्री ने कहा कि उग्रवादियों के आर्थिक सप्लाई व स्रोत पर लगातार चोट दिया जा रहा है। इसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी ईडी व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के साथ समन्वय बनाकर झारखंड पुलिस भी बेहतर प्रयास कर रही है। अफीम की खेती के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाइ जारी है। महिलाओं की सुरक्षा व तस्करी रोकने के लिए राज्य के 300 थानों में महिला हेल्प डेस्क व 24 जिलों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट कार्यरत है। साइबर अपराध की रोकथाम के लिए रांची, जमशेदपुर, धनबाद, जामताड़ा, देवघर, गिरिडीह एवं पलामू में साइबर अपराध थाना कार्यरत है।

स्थानीय लोगों को एसपीओ बनाने की दें अनुमति

चिंतन शिविर में वित्त मंत्री ने केंद्र से आग्रह किया कि सिक्यूरिटी रिलेटेड एक्सपेंडिचर (एसआरई) के तहत यह निर्देश है कि भूतपूर्व सैनिकों या पुलिसकर्मियों को ही एसपीओ के रूप में रखा जाना है। उन्होंने इस नियम को शिथिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने तर्क दिया कि उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में कोई भी भूतपूर्व सैनिक एसपीओ के रूप में कार्य करने को तैयार नहीं है, क्योंकि एक्स आर्मी की पहचान छुपाई नहीं जा सकती है। इसलिए पहचान छुपाए जाने के लिए स्थानीय को एसपीओ बनाने की अनुमति दी जाय।

वित्त मंत्री ने चिंतन शिविर में जो मांगें रखीं

  • कोल्हान, सरायकेला, खूंटी, रांची, चाईबासा के ट्राई जंक्शन, पारसनाथ, बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र जैसे नक्सल गतिविधियों वाले क्षेत्र के लिए एक बटालियन अतिरिक्त केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बल की आवश्यकता है।
  • बोकारो, गढ़वा, हजारीबाग, पलामू, रांची व सिमडेगा जिला विशेष केंद्रीय अनुदान से बाहर हो गए हैं। इसे फिर से बहाल किया जाय, ताकि इन क्षेत्रों में विकास संबंधित योजनाएं जारी रह सकें।
  • फोर्टिफायड थाना योजना के तहत अधिक पुलिस थानों को शामिल करने की आवश्यकता है।
  • महिलाओं की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार 61.30 करोड़ रुपये का अनुदान स्वीकृत करे, ताकि लंबित कार्य पूरे हो सकें।
  • राज्य में एविएशन सिक्यूरिटी ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट की स्थापना अनिवार्य है, ताकि एयरपोर्ट सुरक्षा के लिए अपने बल को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा सके।
  • नक्सल विरोधी अभियान के दौरान दो वर्षों में झारखंड में स्थापित 45 कैंप को सभी विभागों की विकास योजनाओं के साथ जोड़ते हुए इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट सेंटर के रूप में विकसित किया जाय। इन कैंपों से स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के नए अवसर मिल रहे हैं। 12 अक्टूबर से इसकी शुरूआत की गई है।
  • सफल नक्सल अभियान चलाने वाले जवानों को विशेष अभियान मेडल पर विचार किया जाय।
नक्सलमुक्त झारखंड बनाने को सरकार प्रतिबद्ध

वित्त मंत्री ने चिंतन शिविर में कहा कि झारखंड की सबसे बड़ी समस्या नक्सल है। नक्सलमुक्त झारखंड बनाने को सरकार प्रतिबद्ध है। सरकार ऐसे क्षेत्र में सड़क, बिजली, शिक्षा व स्वास्थ्य पर जोर दे रही है। इसके अलावा उक्त क्षेत्रों में सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम के माध्यम से आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से भी अप्रत्याशित सफलता मिली है। नक्सली संगठनों का प्रभाव झारखंड में लगातार कम हो रहा है। हाल में गढ़वा- लातेहार जिले की सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों के कब्जे से पूरी तरह मुक्त कराया जा चुका है। इसी प्रकार पारसनाथ पर भी नक्सलियों का प्रभाव लगभग समाप्त है। खूंटी, सरायकेला व पश्चिमी सिंहभूम सीमा पर स्थित ट्राई जंक्शन पर आपरेशन थंडर स्टार्म से बड़ी सफलता मिली है। सरकार का ध्यान अब सारंडा पर है।

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