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Jharkhand: हेमंत सोरेन ने बड़े चुनावी वादे को किया पूरा, 4.68 लाख किसानों के माफ किए 50 हजार तक के लोन

हेमंत सोरेन सरकार ने 4.68 लाख किसानों का पचास हजार रुपये तक का ऋण माफ कर दिया है। हालांकि अभी करीब चालीस हजार किसानों के ऋण माफी में तकनीकी दिक्कत आ रही है। सरकार ने कहा है कि बैंक ऐसे लाभुक किसानों का सत्यापन कर उनकी जानकारी साझा करें तो सरकार उनका भी पचास हजार रुपये तक का ऋण माफी के लिए बैंक को राशि देगी।

By Manoj SinghEdited By: Mohit TripathiPublished: Wed, 20 Sep 2023 11:53 PM (IST)Updated: Wed, 20 Sep 2023 11:53 PM (IST)
मुख्यमंत्री ने 4.68 लाख किसानों के माफ किए 50 हजार तक के लोन। (फाइल फोटो)

मनोज सिंह, रांची: हेमंत सोरेन सरकार ने अपने चुनावी घोषणा को साकार करते हुए राज्य में अब तक 4.68 लाख किसानों का पचास हजार रुपये तक का ऋण माफ कर दिया है। हालांकि अभी करीब चालीस हजार किसानों के ऋण माफी में तकनीकी दिक्कत आ रही है।

सरकार ने कहा है कि बैंक ऐसे लाभुक किसानों का सत्यापन कर उनकी जानकारी साझा करें तो सरकार उनका भी पचास हजार रुपये तक का ऋण माफी के लिए बैंक को राशि देगी।

हेमंत सोरेन सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में किसानों को इसका लाभ देने का वादा किया था। चुनावी घोषणा पत्र में महागठबंधन ने कहा था कि राज्य के सभी किसानों को पचास हजार रुपये तक का ऋण एक मुश्त माफ कर दिया जाएगा।

चालीस हजार लाभुकों का हो रहा सत्यापन

राज्य में चालीस हजार ऐसे लाभुक किसान है, जिनका पचास हजार रुपये तक का ऋण माफ नहीं हो पाया है। विभाग के जानकारों की माने तो ये ऐसे लाभुक किसान हैं, जिनका सत्यापन नहीं हो पा रहा है।

अब सरकार ने इसकी जिम्मेदारी बैंकों को सौंप दी है। बैंक अब लाभुक किसानों का उनके घर-घर जाकर सत्यापन कर रहे हैं।

कई जगहों पर लाभुक के नहीं होने की भी समस्या आ रही है। इसके पीछे आजीविका के लिए प्रदेश बाहर होने भी बताया जा रहा है।

बैंक अगर सभी दस्तावेजों का सत्यापन पूरी कर सरकार को सौंपे, तो बैंकों को ऋण वापसी की राशि प्रदान की जाएगी।

इसको लेकर जल्द ही बैंक और विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक होनी है। जिसमें जानकारी आदान-प्रदान की जाएगी।

मार्च 2020 तक 3 लाख खाते NPA की कगार पर

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य गठन के बाद से मार्च 2020 तक 3.02 लाख लाभुक किसानों के खाते एनपीए होने की कगार पर हैं। हालांकि इसका आंकड़ा अभी बढ़ने की संभावना है।

इस मामले में सरकार के अधिकारी बैंकों के साथ बैठक कर मामले का हल निकालने की कोशिश करने वाले हैं, ताकि इन खातों को एनपीए होने से बचाया जा सके।

इसके पीछे किसानों को मिले ऋण के सही इस्तेमाल नहीं होने और उनकी किस्त नहीं जमा करना कारण बताया जा रहा है।

इसके लिए विभाग की ओर से लाभुकों को बीच जागरूकता चलाई जा रही है, ताकि उन्हें ऋण लेने के मकसद और किस्त जमा करने के लाभ के बारे में बताया जा सके।

सरकार की ओर से अब एक नई पहल की जा रही है कि अगर किसान बैंकों से लिए ऋण राशि की हर किस्त समय से जमा करता है, तो उक्त राशि पर लगने वाले ब्याज की राशि पूरी तरह से केंद्र और सरकार मिलकर वहन करेगी।


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