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झारखंड का ये जज खुलेआम करता है अपराधियों से बात... हाई कोर्ट के आदेश पर नौकरी खा गई सरकार...

Jharkhand News दुमका के जिला जज धीरेंद्र मिश्रा की बर्खास्तगी की अधिसूचना शीघ्र जारी होगी। उनकी सेवा समाप्त करने का निर्णय झारखंड हाईकोर्ट की अनुशंसा के आलोक में मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुआई वाली राज्य कैबिनेट ने लिया है।

By Alok ShahiEdited By: Updated: Fri, 24 Jun 2022 09:22 AM (IST)
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Jharkhand News: झारखंड, दुमका के जिला जज धीरेंद्र कुमार मिश्रा को बर्खास्त कर दिया गया है।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। Jharkhand News मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुआई वाली राज्य कैबिनेट से दुमका सिविल कोर्ट में जिला एवं सत्र न्यायाधीश रह चुके न्यायिक अधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्रा को बर्खास्‍त कर दिया है। उनकी बर्खास्तगी की अधिसूचना शीघ्र जारी होगी और इसकी प्रति झारखंड हाईकोर्ट को भेजी जाएगी। सरकार के इस फैसले के साथ ही उन्हें नौकरी से मुक्त मान लिया जाएगा। ज्ञात हो कि दुष्कर्म के आरोपित व्यक्ति से फोन पर बात करने का आरोप उनपर लगा था। आरोपित व्यक्तियों से लगातार संपर्क में रहने के कारण उन्हें पहले ही निलंबित किया जा चुका था और अब उनकी सेवा समाप्त करने का निर्णय हाईकोर्ट की अनुशंसा के आलोक में राज्य कैबिनेट ने लिया है।

इलेक्ट्रिक वाहनों से संबंधित नीति पर सचिव ने ली रिपोर्ट

इलेक्ट्रिक वाहनों से संबंधित नीति को कैबिनेट में लाने के लिए तैयारियां अंतिम चरण में है। राज्य सरकार प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इन नीति पर काम कर रही है और इसके तहत झारखंड में उद्योग लगाने पर 50 करोड़ रुपये तक की छूट देने का प्रविधान किया गया था। इससे संबंधित प्रस्ताव पर चर्चा बहुत आगे बढ़ गई थी लेकिन उद्योग सचिव की गिरफ्तारी के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। अब नई उद्योग सचिव वंदना डाडेल ने विभाग की समीक्षा के दौरान इस मामले की भी जानकारी ली है। माना जा रहा है कि शीघ्र ही कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित नीति पर प्रस्ताव तैयार कर भेजा जाएगा।

बड़े भवनों को ऊर्जा संरक्षण का मानक अपनाना अनिवार्य

सौ किलोवाट से अधिक बिजली लोड का कनेक्शन लेने वाले अपार्टमेंट और भवनों में ऊर्जा संरक्षण के मानकों को लागू करना अनिवार्य होगा। ऐसी इमारतों पर एनर्जी कंजर्वेशन बिल्डिंग कोड लागू होगा। जेरेडा के इस प्रस्ताव को राज्य मंत्रिपरिषद से मंजूरी मिल चुकी है। ऐसे भवनाों में उपयोग की जाने वाले बिजली के विभिन्न उपकरणों के लिए फाइव स्टार रेटिंग अनिवार्य कर दी गई है। इमारत में सूरज की रोशनी समुचित मात्रा में पहुंचने का भी प्रविधान करना होगा। ऐसी इमारतें ग्रीन होंगी। ग्रीन इमारतों में गीजर सोलर संचालित होगा।

ग्रीन एनर्जी के लिए लगाना होगा सोलर रूफटाप

सरकार के निर्देश के मुताबिक इन इमारतों में लिफ्ट का उपयोग कम करने के लिए सीढ़ियां आरामदायक बनाई जाएगी ताकि लोग इसका अधिकाधिक उपयोग करें। कोड के तहत ग्रीन इमारतों में सौर ऊर्जा उत्पादन का भी प्रविधान है। इनमें सोलर रूफटाप अहम होगा। इमारतों में लगने वाले शीशों से भी सौर ऊर्जा का उत्पादन होता है। भवनों में भी इस तरह के शीशे लगाने का निर्देश है। कोड का उद्देश्य भवनों में बिजली की खपत को 40 से 60 प्रतिशत तक कम करना है। दीवारों, छत और खिड़कियों का डिजाइन ऐसा बनाना होगा ताकि सूर्य की रोशनी का अधिक असर नहीं पड़े। कमरे में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था हो और सारे कमरे हवादार हों।