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हेमंत सोरेन ने भाजपा के किस नेता को बताया तानाशाह? रोटी, बेटी, माटी पर दे डाली बड़ी चुनौती

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा को 11 साल बाद अचानक रोटी बेटी और माटी की याद आई है। उन्होंने सवाल किया कि जब रोटी बेटी माटी की बात है तो दलितों-आदिवासियों पर अत्याचार और पिछड़े शोषण का शिकार क्यों होते हैं? झारखंड में मुद्दे बहुत हैं लेकिन उन्हें पता है कि ये तानाशाह इसपर कुछ नहीं बोलेंगे।

By Pradeep singh Edited By: Mohit Tripathi Updated: Mon, 28 Oct 2024 08:31 PM (IST)
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मुद्दे बहुत हैं लेकिन तानाशाह इसपर कुछ नहीं बोलेंगे: हेमंत सोरेन। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को एक्स पर पोस्ट के जरिए भाजपा की तगड़ी घेराबंदी की। उन्होंने कहा कि झारखंड में मुद्दे बहुत हैं लेकिन उन्हें पता है कि ये तानाशाह इसपर कुछ नहीं बोलेंगे। भाजपा को 11 साल देश में सिर्फ मित्रों को आगे बढ़ाने के बाद आज उन्हें रोटी, बेटी, माटी की याद आई है।

उन्होंने कहा कि आम झारखंडी हमारे प्रति जो भरोसा जता रहे हैं, उसके लिए वह शुक्रगुजार हैं। वह सभी को यह भरोसा दिलाना चाहते हैं कि आगे और तीव्र गति से कार्य करेंगे। हर एक झारखंडी के सर्वांगीण विकास के लिए हर जरूरी कार्य वह करेंगे।

हेमंत ने सवाल किया है कि अगर रोटी, बेटी, माटी की है पुकार, फिर क्यों 11 साल से गरीबों को भाजपा सरकार लूट रही है। जब रोटी, बेटी, माटी की बात है तो दलितों-आदिवासियों पर अत्याचार और पिछड़े शोषण का शिकार क्यो होते हैं?

उन्होंने कहा कि झारखंड के 1.36 लाख करोड़ की बात क्यों नहीं होती है और सरना धर्म कोड पर ये बातें क्यों नहीं करते हैं? मुद्दे बहुत हैं लेकिन मुझे पता है कि ये तानाशाह इसपर कुछ नहीं बोलेंगे।

गढ़वा से भाजपा प्रत्याशी का रद्द हो नामांकन: झामुमो

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सोमवार को चुनाव आयोग पर एक बार फिर निशाना साधा। महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि गढ़वा से भाजपा के प्रत्याशी एसएन तिवारी के विरुद्ध पार्टी ने नामांकन के शपथपत्र में सही जानकारी नहीं देने संबंधी शिकायत की है।

अभी तक आयोग ने इसका संज्ञान नहीं लिया है। 24 घंटे के भीतर अगर चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की तो मोर्चा आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेगा।

भट्टाचार्य ने कहा कि नामांकन के शपथपत्र में एक भी कालम छोड़ नहीं सकते। वह अभिप्रमाणित होना चाहिए। प्रत्याशी की सहमति हर पन्ने पर जरूरी है। सरकार का कोई बकाया नहीं होना चाहिए। इसका प्रमाण और नो ड्यूज सर्टिफिकेट देना पड़ता है।

तिवारी को 2019 तक विधानसभा से आवंटित आवास मिला। 2019 के नामांकन में उन्होंने नो ड्यूज सर्टिफिकेट दिया। लेकिन अपने ताजा नामांकन में इन बातों का उल्लेख नहीं किया है।

सवाल उठाया कि क्या यह सही तरीका है? इससे पता चल रहा है कि कहां तक हस्तक्षेप हो रहा है। भाजपा हताश हो गई है। पार्टी मुद्दाविहीन और नेता विहीन है। भाजपा के हर नेता की बोली में आग, हिंसा और तांडव है।

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