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राजभवन मार्च में भीड़ न जुटने से नाराज हुए कांग्रेस प्रभारी, बन्ना गुप्ता ने बैठक में कर दी इस्तीफे की पेशकश

झारखंड कांग्रेस में अंतर्कलह की खबर सामने आ रही है। आपसी खींचतान ने ऐसा रूप ले लिया है कि एक ओर जहां धनबाद जिले के प्रभारी मंत्री बन्ना गुप्ता बैठक में इस्तीफे की पेशकश कर दी तो वहीं दूसरी ओर रांची में राजभवन मार्च में कार्यकर्ता कम जुटने पर प्रभारी नाराज हो गए। कार्यकर्ताओं की भीड़ कम होने पर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने सभी को जमकर फटकार लगाई है।

By Ashish JhaEdited By: Shashank ShekharUpdated: Sat, 07 Oct 2023 10:40 PM (IST)
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राजभवन मार्च में भीड़ न जुटने से नाराज हुए कांग्रेस प्रभारी
राज्य ब्यूरो, रांची। कांग्रेस में अंतर्कलह एक बार फिर चरम पर पहुंचने लगा है। स्थिति धीरे-धीरे भयावह रूप धारण करती जा रही है।

आपसी खींचतान ने ऐसा रंग ले लिया है कि धनबाद जिले के प्रभारी मंत्री बन्ना गुप्ता ने तो भरी बैठक में इस्तीफे की पेशकश कर दी। दूसरी ओर, राजधानी रांची में दो-दो जिलों की पूरी टीम मौजूद रहते हुए राजभवन मार्च में मुट्ठी भर कार्यकर्ता ही जुटे।

शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने सभी को खरी-खोटी सुनाई और जिम्मेदार लोगों को सतर्क भी करते गए। उनकी नाराजगी इस बात के लिए थी कि पेसा कानून को लेकर अपने दम पर कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं का जुटान कर लिया था। वहीं, दो-दो जिलों के पदाधिकारियों के रहते हुए भी राजभवन मार्च में कांग्रेस भीड़ नहीं जुटा पाई।

कांग्रेस प्रभारी ने पदाधिकारियों को लगाई फटकार

प्रभारी ने फटकार लगाते हुए आगे के कार्यक्रमों के लिए सभी को सतर्क कर दिया है। हालांकि, बात इतनी ही नहीं है। बताया जा रहा है कि आपसी रंजिश के कारण कांग्रेस कई गुटों में बंटती जा रही है और इसी कारण से कार्यकर्ताओं की नाराजगी बढ़ रही है।

धनबाद की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। लंबे समय से वहां संसदीय चुनावों में बाहरी उम्मीदवारों की धमक सुनाई दे रही है। पूर्व मंत्री चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे पलामू से धनबाद पहुंचे और सांसद बने। इसके बाद तीन टर्म तक कोई नया चेहरा उभरकर सामने नहीं आया।

पिछले लोकसभा चुनाव में सीधे दिल्ली से कीर्ति झा आजाद को कांग्रेस ने धनबाद से मैदान में उतार दिया और चुनाव परिणाम में इस कारण से पार्टी की फजीहत भी हुई।

बाहरी उम्मीदवार और स्टार होने का खामियाजा कीर्ति को झेलना पड़ा और उन्हें कार्यकर्ताओं की मदद नहीं मिली। अब जब 2024 का चुनाव सामने आ रहा है तो धनबाद में नए चेहरों की गतिविधियां बढ़ गई हैं।

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स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बन्ना गुप्ता का किया विरोध 

बन्ना गुप्ता की गतिविधि भी इसी का हिस्सा माना जाने लगा और कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया। बन्ना गुप्ता इस कदर आहत हुए कि भरी सभा में उन्होंने प्रभारी मंत्री के पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी। इसके पूर्व भी पार्टी में इस तरह की गतिविधियां चलती रही हैं।

प्रदेश अध्यक्ष के कार्यक्रम में विधायकों की अनुपस्थिति देखने को मिलती है तो कुछ मंत्रियों का संगठन से दूरी बरतना सर्वविदित है। फिलहाल, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी लगातार संगठन पर ध्यान केंद्रित रख रहे हैं और देखने की बात यह है कि उनके निर्देशों का कितना फायदा मिलता है।

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