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झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने सीएम रघुवर को दी चुनौती

डॉ. अजय ने कहा है कि हर कांग्रेसी सोशल साइट पर स्टेन स्वामी की पोस्ट शेयर करेगा। सीएम रघुवर सबके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराकर दिखाएं।

By Sachin MishraEdited By: Updated: Thu, 30 Aug 2018 05:51 PM (IST)
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झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने सीएम रघुवर को दी चुनौती
रांची, जेएनएन। झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को चुनौती दी है। उनके मुताबिक, हर कांग्रेसी सोशल साइट पर स्टेन स्वामी की पोस्ट शेयर करेगा। चुनौती दी गई है कि सबके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराकर दिखाएं।

स्टेन स्वामी उन संदिग्धों में शुमार हैं, जिनके रांची स्थित आवास पर महाराष्ट्र पुलिस ने छापेमारी की थी। स्टेन स्वामी के खिलाफ झारखंड सरकार ने देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करा रखा है। झारखंड सरकार ने स्टेन स्वामी के पोस्ट को आधार बनाकर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया है। कांग्रेसी उनके पोस्ट शेयर करेंगे। 

स्टेन स्वामी के नामकुम स्थित आवास से 33 सामान जब्त
महाराष्ट्र स्थित पुणे जिले के भीमा-कोरेगांव में पिछले दिनों हुई हिंसा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश के लिंक रांची से भी मिले हैं। इसी लिंक को सुलझाने और सबूत इकट्ठा करने महाराष्ट्र पुलिस की टीम मंगलवार को रांची पहुंची। नामकुम थाना क्षेत्र के एटीसी, बगीचा टोली में फादर स्टेन स्वामी का घर है, जहां घंटों तलाशी अभियान चलाया गया। इस तलाशी में स्टेन स्वामी के घर से महाराष्ट्र की कोरेगांव थाने की पुलिस ने कुल 33 सामान जब्त किए हैं। मंगलवार की सुबह करीब साढ़े छह बजे महाराष्ट्र पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से फादर स्टेन स्वामी के घर की घेराबंदी कर तलाशी शुरू की। जांच के दौरान कोरेगांव पुलिस ने स्टेन स्वामी के कमरे से लैपटॉप, मोबाइल, दर्जनों सीडी, कैमरा, टैब समेत कई दस्तावेज जब्त किए हैं। जब्ती सूची पर कोरेगांव पुलिस ने स्टेन स्वामी का हस्ताक्षर भी कराया है। तीन घंटे की गुप्त कार्रवाई के बाद कोरेगांव पुलिस स्टेन स्वामी के घर से जांच करने के बाद लौट गई है।

कोरेगांव पुलिस की कार्रवाई की सूचना मिलने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला, वासवी किड़ो समेत अन्य लोग पहुंचे थे। इधर, स्टेन स्वामी ने कहा है कि कोरेगांव पुलिस जिस मामले की जांच करने पहुंची है। उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। ना ही कभी भीमा-कोरेगांव गए हैं। कुछ माह पूर्व भी पुणे पुलिस ने दोस्त एडवोकेट गारलिक के घर की जांच करने के बाद कई सामान जब्त किए थे। इस जांच के दो माह बाद पुलिस ने एडवोकेट गारलिक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अब पुणे पुलिस उसी आधार पर मंगलवार को घर से सामान जब्त कर ले गई है।

स्टेन स्वामी पत्थलगड़ी और ग्रीन हंट मामलों में रहे हैं मुखर

फादर स्टेन स्वामी जल, जंगल, जमीन के सवाल पर हमेशा मुखर रहे हैं। नगड़ी में जमीन का सवाल हो, खूंटी में पत्थलगड़ी का मामला हो या फिर सात साल पहले झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन ग्रीन हंट का मामला वे आदिवासियों के साथ खड़े नजर आए, जिसके कारण उन्हें माओवादी समर्थक भी कहा गया। इस छापेमारी पर सामाजिक कार्यकर्ता और विस्थापन के सवाल को उठाने वाली वासवी किड़ो ने कहा कि फादर स्टेन यहां पिछले 40-50 साल से काम कर रहे हैं। अब तक उनके ऊपर कोई आरोप नहीं लगा था। जमीन के सवाल को लेकर लड़ने वाली सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला ने कहा कि सरकार उन्हें तंग कर रही है, जो मानवाधिकार की बात उठाते हैं। यह तंग करने की कोशिश है।

स्टेन स्वामी पर खूंटी थाने में दर्ज हुआ है केस

फादर स्टेन स्वामी पर झारखंड के खूंटी थाना में 26 जुलाई 2018 को आइटी एक्ट में एक केस दर्ज किया गया है। इसमें देशद्रोह, सोशल मीडिया के माध्यम से पत्थलगड़ी को बढ़ावा देने, सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने, सरकारी योजनाओं का विरोध करने का आरोप लगा था। फादर स्टेन स्वामी पर देशद्रोह के मुकदमे को लेकर खूंटी एसपी अश्रि्वनी कुमार सिन्हा ने कहा कि यह अनुसंधान का विषय है, अभी जांच चल रही है।

स्टेन स्वामी ने खुद को बताया निर्दोष, गिरफ्तार तीन लोगों से संबंध स्वीकारा

गोरे गांव कांड एवं नक्सलियों द्वारा पीएम की हत्या की साजिश से जुड़े प्रकरण में स्टेन स्वामी ने खुद को निर्दोष बताया है। बुधवार को नामकुम एटीसी बगैइचा स्थित अपने आवास में प्रेस वार्ता कर स्टेन स्वामी ने पत्रकारों को यह बताया। उन्होंने कहा कि सरकार उनके ऊपर अन्याय कर रही है। मानवाधिकार के तहत कार्य करनेवाले लोगों को तरह-तरह का आरोप लगाकर फंसा रही है, ताकि उनकी आवाज को दबाया जा सके। उन्होंने बताया कि न वे कभी मुंबई गए हैं और न ही उन्हें इससे कुछ-लेना देना है।

मंगलवार को महाराष्ट्र पुलिस आई थी, तो उन्होंने मुझे सर्च लिस्ट की जानकारी मराठी भाषा में दी, जो की मैं नहीं जानता हूं। इसके बावजूद मुझसे हस्ताक्षर करवाया। उन्होंने गिरफ्तार सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरा व बेरनल गोंजालविस से अपने व्यक्तिगत संबंध बताए लेकिन जोर देकर कहा कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं। स्टेन स्वामी ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा चर्च व मिशनरी को टार्गेट किया जा रहा है। राज्य में 577 एनजीओ रजिस्टर्ड हैं, पर सरकार सिर्फ 88 एनजीओ को ही परेशान कर रही है।

पीएम की हत्या साजिश में मेरा नाम जोड़ा जाना गलत

स्वामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचनेवालों में मेरा नाम जोड़ा जाना गलत है। हम लोग ऐसा क्यों करेंगे। अगर उनकी हत्या होती है तो वे शहीद कहलाएंगे। इससे हमें क्या फायदा होगा। हम विकास चाहते हैं, लेकिन सिर्फ पूंजीपतियों का नहीं। यह केंद्र सरकार का नारा भी है कि सबका साथ सबका विकास। कहा, मैं इस समय 81 वर्ष का हूं। 30 साल से झारखंड में रह रहा हूं और मानवाधिकार की लड़ाई लड़ रहा हूं। प्रेस वार्ता में स्टेन स्वामी के साथ उनके हाईकोर्ट के वकील समरी, फादर डेविड सहित अन्य थे।

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