Coronavirus Lockdown: झारखंड का कच्चा दूध जाएगा लखनऊ, बदले में आएगा मिल्क पाउडर
Jharkhand Coronavirus Lockdown सरकार को भेजे गए प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद ही बात आगे बढ़ेगी। मेधा के जरिये डिमांड के विरुद्ध अभी मात्र 40 फीसद दूध की खपत हो रही है।
By Alok ShahiEdited By: Updated: Wed, 22 Apr 2020 08:02 AM (IST)
देवघर, [राजीव]। Jharkhand Coronavirus Lockdown देवघर में लॉकडाउन के दौरान दी गई सशर्त छूट के बाद भी दूध की खपत में कोई वृद्धि नहीं हुई है। ऐसे में अब दूध संग्रह और इसकी बिक्री में तेजी लाने के लिए झारखंड मिल्क फेडरेशन अपने उत्पाद मेधा दूध की खपत की तलाश में है। फेडरेशन के पदाधिकारियों के मुताबिक अगर बाजार में दूध की मांग जस की तस रहती है तो दूध संग्रह कर इसे लखनऊ भेजा जाएगा।
वहां इस दूध से पाउडर तैयार होगा, जिसे वापस मंगाकर इसकी खपत आंगनबाड़ी केंद्रों, मिड डे मिल और कोरोना से प्रभावित जरूरतमंदों के बीच सुनिश्चित की जाएगी। पाउडर दूध की गुणवत्ता छह माह तक बनी रहती है। फेडरेशन की ओर से यह प्रस्ताव झारखंड सरकार को दिया गया है। अगर इस विकल्प पर सरकार की सहमति मिलती है तो किसानों से दोनों वक्त का दूध संग्रह होगा। फिलहाल सिर्फ सुबह का ही दूध संग्रह किया जा रहा है।
फेडरेशन के मुताबिक सामान्य दिनों की अपेक्षा राज्य में महज 40 फीसद दूध की ही खपत हो पा रही है। मेधा दूध की बिक्री में प्रति दिन 30 से 32 लाख रुपये की गिरावट दर्ज हुई है। फेडरेशन ने इस परिस्थिति से उबरने के लिए झारखंड सरकार से अगले छह माह के लिए 72 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने की मांग की थी, लेकिन इस प्रस्ताव पर अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है। मेधा देवघर के हब इंचार्ज मिलन कुमार मिश्र के अनुसार लॉकडाउन में मिली छूट के बाद भी दूध की खपत को लेकर बाजार में कोई उत्साह नहीं है। परिस्थितियां अनुकूल होने में शायद वक्त लग जाए। ऐसे में अन्य विकल्पों पर गंभीरता से मंथन चल रहा है।
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