Jharkhand Crime: झारखंड हाईकोर्ट का जज बनककर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला गिरफ्तार, पैसा लेकर देता था फर्जी नियुक्ति पत्र
Jharkhand Crime News झारखंड हाईकोर्ट का जज बनकर लोगों के साथ नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपित खुद को जज बताकर लोगों को झांसा में लेता था पैसा लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र भी देता था।
रांची, जासं। Jharkhand Crime News जगन्नाथपुर पुलिस ने मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट का जज बनकर लोगों के साथ ठगी करने वाले आरोपित अतुल शर्मा को गिरफ्तार किया है। थाना में आरोपित से पूछताछ की जा रही है। अतुल शर्मा के खिलाफ रितेश सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। रितेश ने दर्ज प्राथमिकी में कहा है कि उसने शिव प्रसाद को किराया पर अपना घर दिया था। शिव प्रसाद के घर में अतुल शर्मा पहुंचा तो रितेश ने उससे पूछताछ की। अतुल ने बताया कि वह झारखंड हाईकोर्ट में जज के पद पर कार्यरत है। इसके अलावा वह हाथ देखने का भी काम करता है।
हाईकोर्ट में नौकरी लगाने की बात पर झांसा
आरोपित खुद को जज बताकर रितेश को झांसा में ले लिया। आरोपित ने झारखंड हाईकोर्ट में नौकरी लगाने की बात कही। रितेश और दो अन्य लोगों ने आरोपित को एक लाख 90 हजार दे दिया। लेकिन रितेश को पता चला कि उसके साथ ठगी हो गई है तो उसने इसकी जानकारी पुलिस को दे दी। पुलिस आरोपित के घर पहुंची और उसे पकड़कर थाना ले आई। पुलिस इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आरोपित ने कितने लोगों के साथ ठगी की है।
फर्जी नियुक्ति पत्र देने के बाद हुआ खुलासा
पुलिस का कहना है कि आरोपित ने पीड़ितों से पैसा लेने के बाद उन्हें डाक के माध्यम से नियुक्ति पत्र भेजा था। पीड़ितों को नियुक्ति पत्र मिला तो उन्होंने नियुक्ति पत्र की जांच की। जांच में पता चला कि झारखंड हाईकोर्ट में किसी प्रकार की बहाली नहीं हुई है। पीड़ितों ने आरोपित से पैसा वापस करने के लिए कहा तो उसने पैसा देने से इंकार कर दिया। इसके बाद लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
झांसा में लेने के लिए हाईकोर्ट के पास मिलता था आरोपित
आरोपित अतुल शर्मा लोगों को झांसा में लेने के लिए झारखंड हाईकोर्ट के पास उनसे मिलता था। ताकि लोगों को लगे कि आरोपित हाईकोर्ट में बैठता है। पुलिस इस मामले में शिव प्रसाद से भी पूछताछ कर रही है। शिव प्रसाद का कहना है कि आरोपित उसका रिश्तेदार है लेकिन इस ठगी में उसका कोई हाथ नहीं है।