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Jharkhand DGP: डीजीपी अजय कुमार सिंह को हटाने की इतनी जल्दी क्या थी? यूपीएससी का झारखंड सरकार से सवाल

झारखंड में डीजीपी के पद पर नियमित पदस्थापन को लेकर यूपीएससी ने राज्य सरकार को नोटिस भेजा है। आयोग ने पूछा है कि 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह को किस परिस्थिति में डीजीपी के पद से हटाया गया? सर्वोच्च न्यायालय ने प्रकाश सिंह बनाम भारत संघ के फैसले में डीजीपी का कार्यकाल कम से कम दो साल रखने का आदेश दिया था।

By Dilip Kumar Edited By: Yogesh Sahu Updated: Fri, 04 Oct 2024 07:55 PM (IST)
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झारखंड के डीजीपी पद के लिए पैनल में भेजे गए नामों पर यूपीएससी ने सवाल उठाया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पद पर नियमित पदस्थापन को लेकर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को भेजे गए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों के पैनल पर यूपीएससी ने सवाल उठा दिया है।

दो साल के भीतर झारखंड के नियमित डीजीपी अजय कुमार सिंह को हटाकर गत 26 जुलाई को अनुराग गुप्ता को प्रभारी डीजीपी बनाए जाने के मामले पर आयोग ने सरकार को नोटिस भेजा है।

समय पूर्व पैनल पर सवाल उठाते हुए यूपीएससी ने राज्य सरकार को नोटिस भेजकर पूछा है कि 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह को किस परिस्थिति में डीजीपी के पद से हटाया गया है?

प्रकाश सिंह बनाम भारत संघ के फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने डीजीपी का कार्यकाल कम से कम दो साल रखने संबंधित आदेश जारी किया था।

अजय कुमार सिंह को महज डेढ़ साल के भीतर ही राज्य सरकार ने हटाकर 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता को प्रभारी डीजीपी बनाया गया था।

हटाए गए अजय कुमार सिंह का नाम यूपीएससी को फिर से पैनल के लिए भेज दिया गया। यूपीएससी ने पूछा है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन क्यों नहीं हुआ?

इन सभी बिंदुओं पर राज्य सरकार से जवाब मांगा गया है। राज्य सरकार के जवाब की यूपीएससी समीक्षा करेगा।

राज्य सरकार ने नियमित डीजीपी के लिए भेजे थे चार नाम

राज्य सरकार ने झारखंड में नियमित डीजीपी के लिए यूपीएससी को चार आईपीएस अधिकारियों के नाम पैनल में भेजे थे। इनमें 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह, 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी अनिल पाल्टा व अनुराग गुप्ता तथा 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रशांत सिंह का नाम शामिल है।

सर्वोच्च न्यायालय में भी चल रहा है अवमानना वाद

झारखंड में प्रभारी डीजीपी बनाए जाने के मामले में सर्वोच्च न्यायालय में भी अवमानना वाद चल रहा है। अदालत के आदेश पर राज्य के मुख्य सचिव एल. खियांग्ते व प्रभारी डीजीपी अनुराग गुप्ता को नोटिस भेजकर उनसे उपरोक्त बिंदुओं पर जवाब तलब किया जा चुका है। पूरा मामला न्यायालय में विचाराधीन है।

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