Jharkhand News: बूढ़ा पहाड़ पर पहुंचे डीजीपी, जवानों का बढ़ाया हौसला, शान से लहराया तिरंगा
Jharkhand News नक्सलियों के कब्जे से बूढ़ा पहाड़ को मुक्त करा चुके झारखंड पुलिस व सीआरपीएफ के जवानों को डीजीपी ने किया सम्मानित। तीस साल से हिंसक वारदातों का साक्षी व शीर्ष माओवादियों की शरणस्थली रहा है बूढ़ा पहाड़। अब गांव-गांव में स्थापित होंगे सुरक्षा बलों के कैंप।
By M EkhlaqueEdited By: Updated: Sun, 18 Sep 2022 06:53 PM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। तीस साल तक हिंसक वारदातों का साक्षी व शीर्ष माओवादियों का शरणस्थली रहा बूढ़ा पहाड़ लगभग सुरक्षा बलों के कब्जे में आ गया है। आपरेशन आक्टोपस के दौरान मिली इस सफलता से उत्साहित डीजीपी नीरज सिन्हा रविवार को बूढ़ा पहाड़ के शीर्ष पर पहुंचे। उन्होंने न सिर्फ अभियान में शामिल झारखंड पुलिस व सीआरपीएफ के जवानों को सम्मानित कर हौसला बढ़ाया, बल्कि ग्रामीणों से संवाद कर उनकी समस्याएं जानीं और उसके निदान का आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी घोषणा की कि भविष्य में नक्सली बूढ़ा पहाड़ पर फिर अपनी पकड़ न बना पाएं, इसके लिए बूढ़ा पहाड़ के गांव-गांव में सुरक्षा बलों की धमक होगी और सुरक्षा बलों के नए कैंप बनाए जाएंगे।
अब यहां कानून का राज होगा : डीजीपी
डीजीपी नीरज सिन्हा के बूढ़ा पहाड़ पर पहुंचने पर वहां सीआरपीएफ व झारखंड पुलिस के जवानों तिरंगा लहराया कानून के राज का संदेश दिया। डीजीपी ने कहा कि राज्य में उग्रवादियों-नक्सलियों के लिए कोई जगह नहीं है, उनपर चौतरफा प्रहार जारी रहेगा। सुरक्षा बलों के मनोबल व इच्छाशक्ति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रतिकूल मौसम, भारी बारिश और आंधी-तूफान के बावजूद अभियान जारी है। डीजीपी ने ग्रामीणों में रोजमर्रा की वस्तुओं का वितरण भी किया। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उक्त इलाके के ग्रामीणों के लिए अस्पताल, स्कूल, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का निर्माण कार्य शुरू हो रहा है।
नक्सलियाें के बड़े बंकर पर पुलिस का कब्जा
आपरेशन आक्टोपस में कोबरा, झारखंड जगुआर व सीआरपीएफ के साथ लातेहार, गढ़वा पुलिस ने बूढ़ा पहाड़ के नीचले हिस्से में धीरे-धीरे कैंप स्थापित किया। इस दरम्यान चार सितंबर को नक्सलियों के बड़े बंकर पर पुलिस ने कब्जा कर लिया था, जहां से 106 लैंडमाइंस के अलावा गोली के जखीरे के साथ भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी।
डीजीपी के साथ ये अधिकारी भी पहुंचे बूढ़ा पहाड़ डीजीपी नीरज सिन्हा के साथ एडीजी अभियान संजय आनंदराव लाठकर, आइजी सीआरपीएफ अमित कुमार, आइजी अभियान अमोल वीनुकांत होमकर, एसपी विशेष शाखा शिवानी तिवारी हेलीकाप्टर से बूढ़ा पहाड़ पहुंचे थे।फरार नक्सलियों की जारी है घेराबंदी बूढ़ा पहाड़ से भागे हुए नक्सलियों की घेराबंदी भी सुरक्षा बलों ने शुरू कर दी है। आपरेशन आक्टोपस के दौरान सुरक्षा बलों ने बरामद बंकर व नक्सलियों के शस्त्रागार को ध्वस्त किया है। बूढ़ा पहाड़ माओवादियों के पोलित ब्यूरो व सेंट्रल कमेटी सदस्यों की विध्वंसक कार्रवाई के लिए ट्रेनिंग कैंप हुआ करता था, जहां से नक्सलियों का फौजी दस्ता तैयार होता था, जो झारखंड के दूसरे क्षेत्र में जाता था।
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