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झारखंड में पुलिस कर्मियों की तरह डॉक्टरों को भी मिलेगा वर्ष में 13 महीने का वेतन, स्वास्थ्य मंत्री ने की घोषणा

झारखंड में सरकारी चिकित्सकों को अब पुलिस कर्मियों की तरह वर्ष में 13 महीने का वेतन मिलेगा। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने आइएमए झारखंड तथा झासा के पदाधिकारियों के साथ बैठक में यह घोषणा की। बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए जिनमें सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार नेशनल टास्क फोर्स के गठन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एवं जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रतिनिधि को सम्मिलित करना शामिल है।

By Neeraj Ambastha Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 25 Sep 2024 07:04 PM (IST)
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झारखंड में डॉक्टरों को वर्ष में 13 महीने का वेतन मिलेगा। प्रतीकात्मक तस्वीर

राज्य ब्यूरो, रांची। सरकारी चिकित्सकों को भी पुलिस कर्मियों की तरह वर्ष में 13 माह का मानदेय मिलेगा। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बुधवार को आइएमए, झारखंड तथा झासा के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में इसका आश्वासन दिया। आइएमए तथा झासा के पदाधिकारियों का कहना था कि स्वास्थ्य सेवा भी पुलिस सेवा की तरह आकस्मिक सेवा है, इसलिए यह लाभ उन्हें मिलना चाहिए।

बैठक में उत्तर प्रदेश की तर्ज पर 50 बेड तक के अस्पतालों को क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट से मुक्त करने पर भी सहमति बनी। इससे अधिक बेड के अस्पताल ही इस एक्ट के दायरे में आएंगे। इस संबंध में शीघ्र ही आदेश जारी किया जाएगा। बैठक में स्वास्थ्य सचिव अजय कुमार सिंह व अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, नेशनल टास्क फोर्स के गठन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एवं जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रतिनिधि को सम्मिलित करने पर सहमति बनी। बैठक में बनी सहमति के अनुसार, श्रावणी मेला में प्रतिनियुक्त चिकित्सकों को टीए, डीए का अलग से आवंटन दिया जाएगा। लोहरदगा सहित जिन जिलों में सिविल सर्जन प्रभार में है, उन्हें डीडीओ घोषित करने संबंधित आदेश शीघ्र जारी होगा।

राज्य/जिला /अनुमंडल स्तरीय जो भी समिति बनाई जाएगी उसमें पूर्व की तरह आइएमए के प्रतिनिधि भी एक सदस्य होंगे। महिला चिकित्सकों की सुरक्षा से संबंधित आवश्यक निर्णय लेने पर सहमति बनी। बैठक में अभियान निदेशक अबु इमरान, डा. अजय कुमार सिंह, डा. प्रदीप कुमार सिंह, विमलेश सिंह आदि उपस्थित थे।

साहिबगंज में चिकित्सकों के विरुद्ध नहीं होगी कार्रवाई

बैठक के दौरान मंत्री ने साहिबगंज के उपायुक्त को निर्देश दिया कि अस्पताल में बच्चे की मौत के मामले में विभाग द्वारा आदेश निर्गत किया जा रहा है। उन्होंने उप विकास आयुक्त को नोडल के पद से मुक्त करने और आन ड्यूटी चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई रोकने का निर्देश दिया।

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