Jharkhand Teachers: पारा शिक्षकों को नहीं मिलेगा ईपीएफ का लाभ, मानदेय वृद्धि की मांग पर भी हाथ लगी निराशा
झारखंड सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधियों की शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम के साथ बैठक हुई। हालांकि इस बैठक में पारा शिक्षकों को सिर्फ निराशा ही हाथ लगी। बैठक में मंत्री ने स्पष्ट कहा कि राज्य सरकार पारा शिक्षकों को वेतनमान नहीं सकती। ईपीएफ पर उन्होंने कहा कि राज्य में छह लाख अनुबंधकर्मी हैं। पारा शिक्षकों को यह लाभ देने पर सभी को देना होगा जो संभव नहीं है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड सरकार में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री बैद्यनाथ राम और विभागीय अधिकारियों के साथ हुई बैठक में पारा शिक्षकों को निराशा ही हाथ लगी।
सोमवार को झारखंड सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में मंत्री और अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार पारा शिक्षकों को वेतनमान नहीं सकती।
ईपीएफ का लाभ देना संभव नहीं
ईपीएफ का लाभ देने की मांग पर भी उन्होंने कहा कि राज्य में छह लाख अनुबंध कर्मी कार्यरत हैं। पारा शिक्षकों को यह लाभ देने पर सभी को देना होगा जो संभव नहीं है।
वेतनमान की मांग पर मोर्चा के नेताओं ने कहा कि सरकार वेतनमान नहीं दे सकती, तो कम से कम वेतनमान के समतुल्य मानदेय दे।
इसपर मंत्री मानदेय में 1500 रुपये तक की वृद्धि पर सहमत हुए। हालांकि, पारा शिक्षक दस हजार रुपये की वृद्धि की मांग कर रहे थे।
12 अगस्त को फिर होगी बैठक
अंत में तय हुआ कि मंत्री इसपर विभागीय अधिकारियों से बात कर 12 अगस्त को मोर्चा के साथ फिर बैठक करेंगे।
शहरी क्षेत्रों में कार्यरत पारा शिक्षकों को चार प्रतिशत मानदेय वृद्धि नहीं होने पर बैठक में अधिकारियों ने बताया कि इसका समाधान निकालकर कैबिनेट को प्रस्ताव भेजा गया है।
अगली कैबिनेट में इसपर निर्णय कर लिया जाएगा। बैठक के दौरान मंत्री ने आकलन परीक्षा के त्रुटिपूर्ण उत्तर सेप्रभावित लगभग पांच हजार पारा शिक्षकों को उतना अंक देकर निष्पादन करने का आदेश जैक सचिव को दिया।
ये नेता व अधिकारी रहे मौजूद
बैठक में सचिव उमाशंकर सिंह, विधायक सुदिव्य कुमार सोनु, नमन नक्सल कोंगाड़ी भी उपस्थित थे। वहीं, मोर्चा की ओर से बिनोद बिहारी महतो, संजय कुमार दुबे, विनोद तिवारी, ऋषिकेश पाठक, सिद्दीक शेख, प्रद्युम्न कुमार सिंह, विकास कुमार चौधरी, सुमन सिंह आदि उपस्थित थे।
मोर्चा के नेताओं ने बैठक को निराशाजनक बताते हुए कहा कि 11 अगस्त को मोर्चा की राज्य स्तरीय बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति पर विचार लिया जाएगा।
प्रतिवर्ष नहीं करानी होगी सेवा संपुष्टि
पारा शिक्षकों ने नियमावली के उस प्रविधान का विरोध किया जिसके तहत पारा शिक्षकों को नियुक्त प्राधिकार से प्रतिवर्ष सेवा संपुष्टि कराने पर ही मानदेय वृद्धि का प्रविधान किया गया है। पारा शिक्षकों ने कहा कि इससे वसूली और परेशान करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। इसपर मंत्री ने नियमावली में संशोधन कर इस शर्त को खत्म करने के निर्देश विभागीय सचिव को दिए।
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