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Jharkhand Education News: बीएयू के फिशरीज साइंस कालेज के छात्र-छात्राओं को मिला ये अहम टिप्स, चेन्नई स्थित केंद्रीय संस्थान में लिया ट्रेनिंग

Birsa Agricultural University बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कालेज आफ फिशरीज साइंस गुमला के विद्यार्थियों ने स्टूडेंट रेडी प्रोग्राम को लेकर 10 दिवसीय फील्ड कम एक्सपोजर विजिट ट्रेनिंग में भाग लिया। जलीय मछली पोषण के अलावा ट्रेनिंग में कई अहम टिप्स से छात्र-छात्राओं को अवगत कराया गया।

By Sanjay KumarEdited By: Updated: Tue, 03 May 2022 11:54 AM (IST)
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Birsa Agricultural University: बीएयू के 25 छात्र छात्राएं 10 दिवसीय फील्ड कम एक्सपोजर विजिट ट्रेनिंग में हुए शामिल
रांची, जासं। Birsa Agricultural University बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कालेज आफ फिशरीज साइंस गुमला के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों ने स्टूडेंट रेडी प्रोग्राम को ले 10 दिवसीय फील्ड कम एक्सपोजर विजिट ट्रेनिंग में भाग लिया। झारखंड के एकमात्र फिशरीज साइंस कालेज के दूसरे बैच (वर्ष 2018-22) के अंतिम वर्ष के 25 छात्र-छात्राओं के दल ने केंद्रीय खारा जल-जीव पालन अनुसंधान संस्थान (चेन्नई) की काकद्वीप इकाई में अपनी ट्रेनिंग पूरी की।

फील्ड कम एक्सपोजर विजिट ट्रेनिंग में 25 छात्र छात्राएं हुए शामिल।

छात्र दल के साथ जुड़े कालेज के सहायक प्राध्यापक डा स्टान जिंगावा ने बताया कि इस केंद्रीय संस्थान के पाठ्यक्रम निदेशक डा देवाशीष डे एवं पाठ्यक्रम समन्वयक डा प्रेम कुमार ने स्टूडेंट के फील्ड कम एक्सपोजर विजिट ट्रेनिंग कार्यक्रम का संचालन किया। 10 दिवसीय कार्यक्रम में छात्रों को संस्थान के डा प्रेम कुमार एवं बबिता मंडल ने खारा जलीय कृषि तकनीक के अंतर्गत विभिन्न खारा जल की मछलियां, मछलियों का प्रजनन तथा उनके प्रजनन की एंडो क्रिनोलाजी की जानकारी दी।

इन्होंने दिए छात्र छात्राओं को टिप्स

डा टीके घोसला एवं डा देवाशीष डे ने जलीय मछली पोषण, आहार रणनीति, आवश्यक फीड सामग्री एवं लाभ लागत के अनुमानित विश्लेषण के बारे में बताया। डा संजय दास एवं डा लीजा प्रियदर्शिनी ने मत्स्य सूक्ष्म जैविकी के विभिन्न तकनीकी एवं दृष्टिकोण के बारे छात्र छात्राओं को अवगत कराया। प्रशिक्षण के दौरान संस्थान के डा प्रेम कुमार ने छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए हेचरी इकाई, फिश फीड इकाई, मिश्रित मत्स्यपालन इकाई एवं नामखाना मछली बाजार के भ्रमण के दौरान तकनीकों से रुबरु कराया।

ट्रेनिंग पूरी होने पर संस्थान के प्रभारी डा देवाशीष डे ने छात्रों से 10 दिवसीय अनुभवों को साझा किया। सभी छात्रों को सफल ट्रेनिंग संबंधी प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया।

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