Jharkhand Education News: राज्य परियोजना निदेशक ने कहा- बच्चों को उनके घरेलू भाषा में शिक्षा देने की जरूरत
Education News झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद यूनिसेफ तथा रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को बीएनआर चाणक्या में “मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा” विषय पर शुरू हुए इस तीन दिवसीय सम्मेलन में इसपर व्यापक चर्चा हुई।
By Neeraj AmbasthaEdited By: Prateek JainUpdated: Tue, 27 Dec 2022 10:18 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची : सरकारी स्कूलों के बच्चों को किस तरह बुनियादी कक्षाओं से उनकी मातृभाषा में शिक्षा दी जा सके, इसे लेकर राज्य स्तरीय सम्मेलन में मंथन शुरू हुआ है। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद, यूनिसेफ तथा रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को बीएनआर चाणक्या में “मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा” विषय पर शुरू हुए इस तीन दिवसीय सम्मेलन में इसपर व्यापक चर्चा हुई।
बहुभाषी शिक्षा के महत्व पर दिया जा रहा जोर
इस सम्मेलन का उद्देश्य आनेवाले वर्षों में मूलभूत साक्षरता को सुदृढ़ करने हेतु राज्य के सरकारी प्राथमिक स्कूलों की शुरूआती कक्षाओं में “मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा” के लिए रणनीति एवं योजना का निर्माण करना है।सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करती हुई झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी ने कहा कि राज्य में निपुण भारत मिशन के अंतर्गत बच्चों की बुनियादी शिक्षा की नींव के लिए मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा के महत्व पर जोर दिया जा रहा है।
मातृभाषा हमारी नींव, अन्य भाषाएं सीखने में मिलती है मदद
बच्चों को बुनियादी कक्षाओं में में घर की भाषा में शिक्षा देने की जरूरत है। वहीं, यूनिसेफ की पारुल शर्मा ने बताया कि अमतौर पे लोग सोचते हैं कि बच्चे की पढ़ाई लिखाई यदि उनकी मातृभाषा में हो तो उसे आगे चल कर अन्य भाषा सीखने में दिक्कत होगी, लेकिन ऐसा नहीं है। मातृभाषा हमारी नींव है और यह जितनी मजबूत होगी हम अन्य भाषा भी उतनी ही बेहतर ढंग से सीख पाएंगे। परिषद के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डा. अभिनव कुमार ने राज्य में निपुण भारत मिशन के अंतर्गत राज्य और रूम टू रीड के सहयोग से बहुभाषी शिक्षा को ले कर किए गए प्रयास पर चर्चा की।सम्मेलन में पूरे राज्य के भाषा विविधता को समझने हेतु कराई गई ‘ भाषाई मैपिंग’ की रिपोर्ट को भी साझा की गई। अगले दो दिन एनसीईआरटी, रांची विश्वविद्यालय, केंद्रीय विश्वविद्यालय, झारखंड तथा अन्य शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधि “मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा” पर अपने अनुभव को साझा करते हुए आगे की रणनीति बनाने पर कार्य करेंगें ।यह भी पढ़ें- Jharkhand News: पुलिस और CRPF ने इस साल 79 लाख के इनामी 405 उग्रवादियों को दबोचा, लेवी के 98.30 लाख जब्त किए
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