Jharkhand Election: भाजपा ने दी 'हिंदुत्व' को धार तो सरना कोड पर JMM गठबंधन हुआ सवार, 43 सीटों पर माहौल गर्म
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में हिंदुत्व और आदिवासियों के लिए सरना कोड के बीच मुकाबला देखने को मिल रहा है। भाजपा जहां हिंदुत्व के मुद्दे को उठा रही है वहीं झामुमो गठबंधन आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड और 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता को मानक मानने का वादा कर रहा है। पहले चरण की 43 सीटों पर सियासी माहौल गर्म होता जा रहा है।
दिव्यांशु, रांची। विधानसभा चुनाव (Jharkhand Election 2024) में प्रचार करने गढ़वा पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यहां दुर्गा माता की प्रतिमा को रोक दिया जाता है, स्कूलों में सरस्वती वंदना बंद कर दी जाती है। बांग्लादेशी घुसपैठिए राज्य का माटी, बेटी और रोटी पर कब्जा कर रहे हैं। इसके जवाब में उन्हें सुनने आई जनता जय श्री राम के नारे लगा रही थी।
ठीक दो घंटे बाद प्रधानमंत्री मोदी के सभा स्थल से 10 किलोमीटर दूर मेराल में झामुमो की स्टार प्रचारक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन जनसभा करने पहुंची तो लोगों से कहने लगीं कि भाजपा राज्य के आदिवासी समाज को आगे बढ़ता नहीं देखना चाहती है।
एक आदिवासी मुख्यमंत्री इन्हें पसंद नहीं आ रहा है। झारखंड में चुनाव से पहले भ्रष्टाचार का मुद्दा चरम पर था, अब जब पहले चरण की 43 सीटों पर वोटिंग में हफ्ता भर बचा है तो बात हिंदुत्व की रक्षा बनाम आदिवासियों के लिए सरना कोड पर आ गई है।
झामुमो कांग्रेस गठबंधन ने अपने घोषणापत्र में आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड और 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता को मानक मानने का वादा कर दिया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भाजपा का संकल्प पत्र जारी करते हुए झारखंड में यूनिवर्सल सिविल कोड लगाने और उससे आदिवासियों को पूरी तरह बाहर रखने की बात कह कर गए हैं।
दीन और जमीन पर बंटोंगे तो कटोगे से वार
भाजपा के स्टार प्रचारक और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार करने कोडरमा समेत दूसरी जगहों पर पहुंचे तो उनके भाषण से पहले जनता ही नारे लगाने लगी बंटोगे तो कटोगे। योगी आदित्यनाथ ने बोलना प्रारंंभ किया तो जाति का भेद भुलाकर धर्म (दीन) के मुद्दे पर एक होने की बात कही। एक नहीं होने का खतरा भी बताया, कहा कि बंटोगे तो जमीन भी जाएगी और कटने के लिए भी तैयार रहना होगा।हिंदुत्व के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के नेता पूरे चुनाव प्रचार अभियान को बनाए रखना चाहते हैं। असम के मुख्यमंत्री और झारखंड भाजपा के चुनाव प्रभारी हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि यह चुनाव धर्म की रक्षा के लिए भी है। भाजपा नेताओं के धार्मिक बोल पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी सभाओं में कह रहे हैं कि इनकी बातों में जहर है।
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