Jharkhand Election 2024: 'मंइयां' और 'गोगो दीदी' की लड़ाई में 'कैंची' का खौफ भी, तीसरा खिलाड़ी बिगाड़ेगा 'खेल'
आईएनडीआईए को मंइयां योजना से आस है तो भाजपा गठबंधन को गोगो दीदी से लेकिन मंइयां-दीदी के इस खेल में कैंची डर पैदा कर रही। खुद सदन तक न भी पहुंचे लेकिन कैंची की तेज धार से प्राय हर बूथ पर प्रतिद्वंद्वियों पर वार करते नजर आए। रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पुनः दो पुरानी प्रतिद्वंद्वी आजसू की सुनीता चौधरी तथा कांग्रेस की ममता देवी मजबूती से मैदान में हैं।
कंचन कुमार, रांची। दिन है बुधवार। रामगढ़ कोयलांचल का आसमान साफ है। वाहन कम चलने से हर दिन की तरह धूल के गुबार नहीं उड़ रहे हैं। सड़क एवं बाजार में सन्नाटा है, लेकिन मतदान केंद्रों पर काफी चहल-पहल है। रामगढ़ एवं मांडू विधानसभा क्षेत्र में मतदान के लिए हर केंद्र पर सुबह से ही मतदाताओं की लंबी कतार दिख रही है। लोगों में आस है... विश्वास है...जोश है...आक्रोश भी है। किसी को मंइयां योजना की राशि बढ़ने की उम्मीद है तो किसी को गोगो दीदी से अधिक रुपये पाने की, कोई अपने बच्चों के लिए रोजगार चाहता है तो कोई भ्रष्टाचारमुक्त सरकार।
आईएनडीआईए को मंइयां योजना से आस है तो भाजपा गठबंधन को गोगो दीदी से, लेकिन मंइयां-दीदी के इस खेल में "कैंची" डर पैदा कर रही। खुद सदन तक न भी पहुंचे, लेकिन "कैंची" की तेज धार से प्राय: हर बूथ पर प्रतिद्वंद्वियों पर वार करते नजर आए। रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पुनः दो पुरानी प्रतिद्वंद्वी आजसू की सुनीता चौधरी तथा कांग्रेस की ममता देवी मजबूती से मैदान में हैं, लेकिन जेएलकेएम प्रत्याशी पनेश्वर महतो समीकरण बिगाड़ने को तत्पर दिखे।
आईएनडीआईए ने इन योजनाओं का किया बखान
प्रचार के दौरान आईएनडीआईए ने मंइयां योजना, बिजली बिल माफी, कृषि ऋण माफी समेत हेमंत सरकार की योजनाओं का खूब बखान किया तो दूसरी ओर राजग ने गोगो दीदी योजना, भ्रष्टाचार, बांग्लादेशी घुसपैठिये, हिंदुत्व तथा राष्ट्रीय स्वाभिमान को मुद्दा बनाया। लेकिन, मतदान के दौरान ज्यादातर मुद्दे गौण दिखे, जबकि जेएलकेएम ने नौकरियों में बाहरी-भितरी के नाम पर युवाओं में जोश-आक्रोश पैदा करने की कोशिश की। कुछ क्षेत्रों तथा खास जाति में इसका असर भी दिखा।उत्साह में दिखे नेमरा गांव के लोग
रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के बरलंगा थाना के नेमरा गांव में लोगों में वोटिंग के प्रति काफी उत्साह दिखा। यह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पैतृक गांव है। मुख्यमंत्री की चचेरी बहन सह जिला परिषद सदस्य रेखा सोरेन कहती हैं, हेमंत सोरेन सरकार अच्छा काम कर रही है। इसके बाद भी झूठे मुकदमें में फंसाकर हेमंत को जेल भेजा गया। जनता ने अपने वोट से इसका आक्रोश जता दिया है। नेमरा के ही केशव टुडू तथा अरुण सोरेन मंइयां योजना व बिजली बिल माफी को लेकर आइएनडीआइए के प्रशंसक बने हैं।
रामगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर गंडके बूथ पर रामगढ़ कालेज का छात्र विकास महतो वोट डालने को कतार में था। उसने बताया कि रामगढ़ क्षेत्र में कई उद्योग धंधे हैं, लेकिन यहां के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा। पलायन मजबूरी बन गई है।
लोलो की सुजीता देवी कहती हैं- मंइयां का खूब प्रसार-प्रसार हो रहा, लेकिन धरातल पर ऐसी स्थिति नहीं है। राशन कार्ड बनाने के लिए भी रिश्वत मांगी जाती है। कार्ड नहीं होने के कारण अधिकांश योजनाओं से लोग वंचित हैं। व्यवस्था में बदलाव जरूरी है। मायल की देवंती देवी कहती हैं, बहुत उम्मीद के साथ बच्चों की पढ़ाई कराती हूं। लेकिन, उन्हें रोजगार नहीं मिलता तो पूरा परिवार निराश हो जाता है। परीक्षा होती है, परिणाम नहीं मिलता। बच्चों की मेधा पर असर पड़ रहा। इस गंभीर समस्या पर किसी का ध्यान नहीं है। रामगढ़ निवासी भरत कुमार बताते हैं, युवाओं के लिए काम, किसानों की फसल का उचित दाम के साथ राष्ट्र के प्रति स्वाभिमान भी जरूरी है। वोटिंग में इसका भी असर दिख रहा।
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