Jharkhand Election 2024: विधानसभा चुनाव का एलान होने के साथ आदर्श आचार संहिता लागू, जानिए क्या-क्या है पाबंदियां
Jharkhand Assembly Election 2024 झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इस दौरान राज्य सरकार कोई घोषणा नहीं कर सकेगी कोई नई योजना शुरू नहीं होगी और कोई नया टेंडर नहीं होगा। सांसद या विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास फंड की किसी योजना के अंतर्गत निधियों को नए सिरे से जारी नहीं कर सकते हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। यह आचार संहिता चुनाव संपन्न होने के बाद तबतक लागू रहेगी जबतक चुनाव आयोग इसे हटाए जाने की अधिसूचना जारी न कर दे।
आदर्श आचार संहिता लागू होने के साथ ही राज्य सरकार कोई घोषणा नहीं कर सकेगी। कोई नई योजना शुरू नहीं होगी। कोई नया टेंडर नहीं होगा। निर्माण से जुड़ी जिन योजनाओं का धरातल पर काम शुरू नहीं हुआ है, उनमें इस दौरान काम शुरू नहीं होगा।
भले ही उस योजना का पूर्व में शिलान्यास हो चुका हो, लेकिन पूर्व में काम शुरू हो गया है तो वह जारी रहेगा। राज्य सरकार कोई घोषणा नहीं कर सकेगी। सांसद या विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास फंड की किसी योजना के अंतर्गत निधियों को नए सिरे से नहीं जारी कर सकता है।
इधर, राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू होने के साथ ही जिला प्रशासन द्वारा सभी दलीय व सरकारी होर्डिंग, विज्ञापन आदि देर रात हटा लिए गए।
स्थापना दिवस मनेगा, लेकिन मंत्री-विधायक नहीं करेंगे शिरकत
15 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस मनाया जाएगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार के अनुसार, इसके मनाने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन, इसमें कौन-कौन लोग भाग नहीं ले सकेंगे, इसका स्पष्ट उल्लेख आदर्श आचार संहिता में कर दिया गया है।बताया जाता है कि मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक आदि इसमें भाग नहीं ले सकेंगे। राज्य के अधिकारी चाहें तो इसे लेकर सामान्य आयोजन कर सकते हैं।
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- राज्य सरकार कोई नया काम शुरू नहीं कर सकेगी। हालांकि, आपातकालीन स्थिति या अप्रत्याशित आपदाओं जैसे सूखे, बाढ़, महामारी, अन्य प्राकृतिक आपदाओं से निपटने अथवा वृद्धजनों तथा दिव्यांग आदि के लिए कल्याणकारी उपाय करने के लिए सरकार आयोग का पूर्व अनुमोदन लेकर काम कर सकती है।
- आदर्श आचार संहिता में कोई मंत्री या कोई अन्य प्राधिकारी अपने विवेकानुसार कोई अनुदान/भुगतान नहीं कर सकता है।
- राज्य सरकार अब कोई स्थानांतरण-पदस्थापन नहीं कर सकेगी। आयोग के निर्देश पर तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही जगह पदस्थापित अधिकारियों और कर्मियों का स्थानांतरण किया जा चुका है।
- चुनावी प्रचार के लिए मंच के रूप में मंदिरों, मस्जिदों, चर्च एवं अन्य पूजा स्थलों का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। वोट हासिल करने के लिए जातिगत या सांप्रदायिक भावना पर अपील करना चुनावी अपराध माना जाएगा।
- बिना दस्तावेज पचास हजार की राशि ही ले जाने की छूट होगी। बिना किसी दस्तावेज के 50,000 रुपये से अधिक नकदी को जब्त कर लिया जाएगा। यदि जब्त की गई नकदी 10 लाख से अधिक है तो अतिरिक्त जांच के लिए आयकर विभाग को भेज दिया जाएगा।
- इस दौरान भारतीय मुद्रा या विदेशी मुद्रा का समस्त संचलन अधिकृत कर्मी ही कर सकते हैं।
- आचार संहिता के दौरान अधिकृत कार्मिकों को नकदी ले जाते समय सहायक दस्तावेज साथ रखने होंगे।
- अगर कोई व्यक्ति वैध दस्तावेज प्रस्तुत करता है और यह घोषित करता है कि जब्त की गई वस्तुएं चुनाव से संबंधित नहीं हैं, तो उन्हें वापस कर दिया जाएगा।
- राजनीतिक सभा की देनी होगी सूचना।
- सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को देनी होगी।
- सभा स्थल में लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति पहले प्राप्त करना होगा।
- दल या उम्मीदवार को पहले ही सुनिश्चित करना होगा कि जो स्थान उन्होंने चुना है, वहां निषेधाज्ञा तो लागू नहीं है।
- कोई भी दल ऐसा काम नहीं कर सकता, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े या घृणा फैले।
- राजनीतिक दलों की आलोचना कार्यक्रम व नीतियों तक सीमित होना चाहिए, व्यक्तिगत आलोचना नहीं होनी चाहिए।
- लाउडस्पीकर का इस्तेमाल रात 10 बजे से प्रात: 6.00 बजे के बीच नहीं किया जा सकता है।
- जन सभाएं सुबह छह बजे से पहले और रात 10 बजे के बाद आयोजित नहीं की जा सकती हैं।
- उम्मीदवार मतदान के समापन के लिए निर्धारित समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटे की अवधि के दौरान जनसभाएं और जुलूस नहीं निकाल सकते।