Jharkhand Election 2024: क्या इस बार बदलेगी इन पार्टी बदलू नेताओं की किस्मत? लिस्ट में कई दिग्गजों के नाम
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में कई ऐसे नेता हैं जिन्होंने कई बार पार्टी बदली है। इनमें से कुछ मंत्री भी रहे हैं लेकिन पिछले कुछ चुनावों से इनकी किस्मत साथ नहीं दे रही है। इस बार फिर से ये नेता या तो पुराने दल से या फिर एक बार फिर दल बदलकर चुनावी मैदान में होंगे। देखना होगा कि इस बार उनकी किस्मत बदलती है या नहीं।
नीरज अम्बष्ठ, रांची। Jharkhand Election 2024 राज्य में कई नेता ऐसे हैं, जिनका नाम कभी दिग्गज नेताओं में शुमार रहा। इनमें से कई मंत्री भी बने। चुनाव लड़ने के लिए कई बार दल भी बदला, लेकिन पिछले दो-तीन चुनावों से किस्मत साथ नहीं दे रहा है। इस बार भी ये नेता या तो पुराने दल या एक बार फिर दल बदलकर चुनाव मैदान में होंगे। अब देखना है कि इस बार उनकी किस्मत बदलती है या फिर उन्हें अगले चुनाव का इंतजार करना पड़ेगा।
छत्तरपुर विधानसभा सीट से पांच बार विधायक रह चुके राधाकृष्ण किशोर सबसे पहले कांग्रेस में थे। कांग्रेस से वे तीन बार विधायक रहे। कांग्रेस से मोह भंग होने के बाद ये जदयू में चले गए, जहां से भी उन्होंने वर्ष 2005 में चुनाव जीता। कम समय के लिए ही सही, इन्हें मंत्री बनने का भी अवसर प्राप्त हुआ। वर्ष 2009 में जनता ने इन्हें नकार दिया। इसके बाद वे वर्ष 2014 में भाजपा में सम्मिलित हो गए। मोदी लहर में उनकी जीत हुई लेकिन भाजपा ने अगली बार वर्ष 2019 में इन्हें टिकट नहीं दिया।
बस राधाकृष्ण किशोर भाजपा छोड़कर आजसू के शरण में चले गए। आजसू की सदस्यता ग्रहण करते हुए इन्होंने कहा था कि फल में थे फूल में आ गए। यहां से उन्हें टिकट तो मिला लेकिन जीत से काफी दूर रह गए। बाद में अक्टूबर 2020 में ये आजसू छोड़कर राजद में चले गए। अब राजद को छत्तरपुर सीट मिलने की उम्मीद नहीं दिखी तो कांग्रेस में वापसी कर ली। इस बार ये छत्तरपुर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।
दो-दो बार मंत्री रहे जलेश्वर को 2009 से जीत का इंतजार
यही हाल राज्य में दो-दो बार मंत्री रहे जलेश्वर महतो का है। जदयू के दिग्गज नेताओं में सम्मिलित रहे जलेश्वर महतो वर्ष 2009 और 2014 में हार के बाद वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ कांग्रेस में चले गए थे।कांग्रेस ने इसी वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में इन्हें बाघमारा से टिकट भी दिया था, लेकिन ये भाजपा प्रत्याशी ढुल्लू महतो से बहुत ही कम अंतर से हार गए। कांग्रेस ने इस बार फिर उनपर विश्वास जताते हुए बाघमारा से टिकट दिया है। इस बार उनके सामने ढुल्लू महतो के भाई तथा भाजपा प्रत्याशी शत्रुघ्न महतो होंगे।
शिबू सोरेन को हरानेवाले पीटर बाद में नहीं कर सके कुछ खास
कभी गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर ने तमाड़ उपचुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को हराकर सुर्खियां बंटोरी थी। उस समय वे झारखंड पार्टी (झापा) के टिकट पर चुनाव लड़े थे। बाद में वे जदयू में शामिल हो गए और 2009 के विधानसभा चुनाव में जीत भी हासिल की। मंत्री बनने का भी मौका मिला। लेकिन वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले वे भाजपा में चले गए। यहां टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय चुनाव लड़ गए।
इसमें उनकी हार हो गई। पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या के आरोप में जेल में बंद पीटर को कोर्ट ने वर्ष 2019 में चुनाव लड़ने की अनुमति तो दी लेकिन वे एनसीपी के टिकट पर तमाड़ से चुनाव लड़कर चौथे स्थान पर रहे। जेल से छूटे पीटर इस बार जदयू में वापसी कर उसके टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
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